Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जुलाई, 2020 | 30 Jul 2020
पवन हंस हेलीकॉप्टर सेवा
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘उड़ान योजना’ (UDAN Scheme) के अंतर्गत उत्तराखंड में पवन हंस की पहली हेलीकॉप्टर सेवा का उद्घाटन किया है। हेलीकॉप्टर सेवा के शुरू होने से देहरादून, नई टिहरी, श्रीनगर (उत्तराखंड) और गौचर के बीच हवाई संपर्क स्थापित हो जाएगा और इन स्थानों के बीच यात्रा में औसतन 20 से 25 मिनट का समय लगेगा। इसके अलावा चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी इस हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ प्राप्त होगा। पवन हंस लिमिटेड (Pawan Hans Limited) इन हवाई मार्गों पर सप्ताह में तीन उड़ानें संचालित करेगा। आने वाले समय में देहरादून से रामनगर, पंतनगर, नैनीताल, अलमोड़ा, पिथौरागढ़ और मसूरी के लिये भी पवन हंस की हवाई सेवा जल्द शुरू की जाएगी। उड़ान योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी को सुविधाजनक बनाने के मुख्य उद्देश्य के साथ की गई थी। गौरतलब है कि यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली योजना है जो क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं लाभप्रद उड़ानों को बढ़ावा दे रही है, ताकि आम आदमी वहनीय कीमत पर हवाई यात्रा कर सके।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, अयोध्या में मस्ज़िद के निर्माण के लिये एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। इस ट्रस्ट को इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Indo-Islamic Cultural Foundation) का नाम दिया गया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मस्ज़िद के लिये रौनाही क्षेत्र के धन्नीपुर गाँव में आवंटित पाँच एकड़ भूमि को स्वीकार कर लिया है। इस फाउंडेशन के अंतर्गत कुल 15 सदस्य होंगे। ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गई पाँच एकड़ ज़मीन पर एक मस्ज़िद, भारत-इस्लामी संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिये दो केंद्र, एक धर्मार्थ अस्पताल और एक सार्वजनिक पुस्तकालय बनाया जाएगा। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फर अहमद फारूकी, मस्ज़िद निर्माण के लिये गठित इस फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी और अध्यक्ष होंगे। इससे पूर्व फरवरी 2020 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, राम मंदिर के निर्माण के लिये 15 सदस्यों वाले एक ट्रस्ट का गठन किया गया था, जिसे ‘श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम दिया गया था।
‘आश्रय’ आइसोलेशन प्रणाली
वर्तमान कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों में तेज़ी से प्रसारित हो रही है और वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में संक्रमित रोगियों के लिये आवश्यक बिस्तर/बेड उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऐसे में पुणे स्थिति डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (DIAT) ने COVID-19 महामारी से मुकाबला करने के लिये ‘आश्रय’ (Aashray) नाम से एक मेडिकल बेड आइसोलेशन प्रणाली विकसित की है, जो कि संक्रमित रोगियों द्वारा प्रसारित वायरस को रोकने/कम करने में मदद करेगी। यह COVID-19 से संक्रमित रोगियों के उचित अलगाव को बनाए रखने के लिये एक कम लागत और पुन: प्रयोज्य (Reusable) योग्य समाधान है। DIAT द्वारा विकसित यह उत्पाद डिज़ाइन के लिहाज़ से मॉड्यूलर और पोर्टेबल है तथा इसका प्रयोग विभिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप जैसे- संस्थागत, अस्पतालों और घर/व्यक्तिगत आइसोलेशन आदि के लिये किया जा सकता है। इसके अंतर्गत एक बेड, मेज़ और एक कुर्सी को रखने का स्थान दिया गया है। इस प्रणाली में 10 बेड की एक इकाई के सेटअप की कुल लागत 1 लाख रुपए और होम आइसोलेशन के लिये 15000 रुपए है।
महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत को बढ़ावा देने हेतु विधेयक
अमेरिकी काॅन्ग्रेस की विदेशी मामलों की एक समिति ने हाल ही में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर (Martin Luther King Jr.) की विरासत को बढ़ावा देने के लिये एक विधेयक पारित किया है। यह विधेयक महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के कार्य एवं उनकी विरासत का अध्ययन करने के लिये अमेरिका और भारत के बीच एक विनिमय पहल स्थापित करने का प्रावधान करता है। यह विधेयक अमेरिका के विदेश विभाग को भारत सरकार के सहयोग से दोनों देशों के विद्वानों के लिये महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत पर केंद्रित एक वार्षिक शैक्षिक मंच स्थापित करने के लिये अधिकृत करता है। इसके अलावा इस विधेयक के अंतर्गत अहिंसा के सिद्धांतों के आधार पर संघर्ष समाधान को लेकर एक पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल विकसित करने की भी बात की गई है। साथ ही इस विधेयक में भारत के सहयोग से एक यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया गांधी-किंग डवलपमेंट फाउंडेशन (United States-India Gandhi-King Development Foundation) के गठन की भी बात की गई है।