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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जनवरी, 2023

  • 30 Jan 2023
  • 11 min read

खेलो इंडिया युवा खेल 2022

‘खेलो इंडिया युवा खेल 2022’ के पाँचवें संस्‍करण का शुभारंभ 30 जनवरी को मध्‍य प्रदेश में भोपाल के तात्या टोपे नगर स्टेडियम में किया जाएगा। मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स के उद्घाटन समारोह की भव्य तैयारी की गई है। तात्या टोपे नगर स्टेडियम के मुख्य ग्राउंड पर लगभग 100 मीटर लंबा स्टेज बनाया गया है, जहाँ मध्य प्रदेश की संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों को दर्शाया गया है। इसमें नर्मदा घाट, खजुराहो मंदिर, भीम-बेटका, महाकाल महालोक, साँची स्तूप, ओरछा के मंदिर, भेड़ाघाट एवं ग्वालियर फोर्ट बनाया गया है। इसके अतिरिक्त अभिलिप्सा पांडा द्वारा 'हर हर शंभु' और नटराज डांस ग्रुप की प्रस्तुति, प्रिंस डांस ग्रुप द्वारा जी-20 के "वसुधैव कुटुम्बकम" पर शानदार डांस प्रस्तुति होगी। इन खेलों की 27 खेल स्पर्द्धाओं में ढाई सौ से अधिक स्वर्ण पदको के लिये खिलाड़ी पर्तिस्पर्द्धा का हिस्सा होंगे। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में मेज़बान मध्य प्रदेश के 470 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

अंडर-19 T20 विश्‍व कप

भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने 29 जनवरी, 2023 को नया इतिहास रच दिया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम, जिसके नेतृत्त्व की बागडोर शैफाली वर्मा के हाथ में थी, ICC अंडर-19 T20 वर्ल्‍ड कप की पहली चैंपियन बनी। यह जीत इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय टीम ने विश्‍व कप खिताब जीता है। बीते समय में सीनियर भारतीय महिला टीम T20 और 50 ओवर वर्ल्‍ड कप के फाइनल तक पहुँची थी, परंतु खिताब जीतने में असफल रही थी। ऐसे में जूनियर टीम की यह उपलब्धि वास्तव में काफी अहम है। 36 गेंदें शेष रहते हुए भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्‍लैंड की महिला टीम को 7 विकेट से शिकस्त दी। इंग्‍लैंड की टीम ने पोचेफ्स्‍ट्रूम में खेले गए फाइनल मुकाबले में पहले बल्‍लेबाज़ी करते हुए 17.1 ओवर में 68 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 14 ओवर में मात्र तीन विकेट खोकर लक्ष्‍य प्राप्त कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को बधाई दी है।

शहीद दिवस

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प्रत्येक वर्ष भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री तथा तीनों सेनाओं के प्रमुख ने राजघाट स्थित गांधीजी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत को वर्ष 1947 में स्वतंत्रता हासिल हुई, लेकिन 30 जनवरी, 1948 के दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद से भारत में इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन महान स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को याद किया जाता है। महात्मा गांधी आज दुनियाभर में अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। उनका जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को ब्रिटिश भारत की बॉम्बे प्रेसीडेंसी के पोरबंदर में हुआ था। उन्हें अनाधिकारिक रूप से “राष्ट्रपिता” भी कहा जाता है। उन्होंने लन्दन में कानून की पढाई की थी, तत्पश्चात् वे भारत लौटे, बाद में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय फर्म में कार्य किया। गांधीजी वर्ष 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और वे भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में शामिल हुए। महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्त्व किया था।

स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में रिकॉर्ड वैश्विक निवेश

ब्लूमबर्ग NEF के अनुसार, इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब विश्व भर में कम-कार्बन वाले ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में किया गया निवेश जीवाश्म ईंधन पर खर्च किये गए धन के बराबर रहा। ब्लूमबर्ग NEF एक वैश्विक रणनीतिक अनुसंधान सेवा प्रदाता है। वर्ष 2022 में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश की राशि 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी जो कि वर्ष 2021 से 31% (261 बिलियन अमेरिकी डॉलर) अधिक थी। हालाँकि जीवाश्म ईंधन में भी निवेश वर्ष 2021 के स्तर से 214 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक था। ऊर्जा संक्रमण में ट्रिलियन-डॉलर के निवेश के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत (सौर, पवन, नाभिकीय), भंडारण, चार्जिंग अवसंरचना, हाइड्रोजन उत्पादन, कार्बन संकलन (उपयोग और भंडारण) तथा प्रौद्योगिकी जैसे छोटे पैमाने पर सौर, ताप पंप एवं शून्य-उत्सर्जन वाहन शामिल हैं। चीन अभी भी निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों का अग्रणी निर्माता है। इस उपलब्धि ने ट्रिलियन-डॉलर के आधे से अधिक यानी 546 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश को आकर्षित किया, इसके बाद यूरोपीय संघ ने 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अमेरिका ने 141 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया।

और पढ़ें… हरित ऊर्जा संक्रमण

'अमृत उद्यान'

आज़ादी के अमृत महोत्सव की थीम को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया है। मुगल गार्डन अथवा अब, अमृत उद्यान, जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों तथा भारत एवं फारस के लघु चित्रों से प्रेरित है। वर्ष 1917 में बागबानी के निदेशक विलियम मस्टो के सहयोग से सर एडविन लुटियंस द्वारा मुगल गार्डन के डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया गया था। इन उद्यानों को आधिकारिक तौर पर मुगल गार्डन का नाम नहीं दिया गया था, बल्कि यह वास्तुकला की शैली जैसे- फारसी उद्यानों, विशेष रूप से चारबाग शैली से प्रभावित होने के कारण मुगल गार्डन के नाम से प्रसिद्ध हो गया। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में कई मुगल उद्यान हैं। मुगल बागों/उद्यानों की काफी सराहना करने के लिये जाने जाते थे, बाबरनामा में बाबर के पसंदीदा प्रकार के फारसी चारबाग शैली के बगीचे का उल्लेख है, जो इस प्रकार था मानो यह पृथ्वी पर एक कल्पना लोक हो, मानो जन्नत जैसा।

और पढ़ें... मुगल वास्तुकला, आज़ादी का अमृत महोत्सव

भारत की नवीनतम तितली

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म्याँमारऔर दक्षिणी चीन से वियतनाम तक अपनी पहले से ज्ञात श्रेणियों में से विलुप्त होने वाली स्वैलटेल तितली की उपस्थिति भारत में पहली बार दर्ज की गई है। यह "बेहद दुर्लभ" नोबेल हेलेन (पैपिलियो नोबेली) तितली है, जिसकी पहचान नामदफा राष्ट्रीय उद्यान (अरुणाचल प्रदेश) में तीन स्थानों पर की गई है। नोबेल हेलेन थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया में भी पाई जाती है। तितलियों को जैव विविधता और प्रमुख पारिस्थितिकी तंत्र कार्यों के महत्त्वपूर्ण संकेतक के रूप में माना जाता है।

नोट- अरुणाचल प्रदेश ने तितली ‘कैसर-ए-हिंद’ को राज्य तितली के रूप में मंज़ूरी दी है।

और पढ़ें… नामदफा राष्ट्रीय उद्यान, वाइट टफ्टेड रॉयल बटरफ्लाई(White Tufted Royal Butterfly) (भारत में पाई जाने वाली एक और दुर्लभ तितली)

ध्रुवीय भँवर/पोलर वोर्टेक्स

वैज्ञानिकों के अनुसार, एशिया में जो बेहद ठंड की स्थिति देखी जा रही है वह काफी हद तक ध्रुवीय भँवर/पोलर वोर्टेक्स का परिणाम है। यह शब्द ठंडी वायु के विस्तार को संदर्भित करता है जो आमतौर पर आर्कटिक के चारों और प्रवाहित होती है लेकिन कभी-कभी उत्तरी ध्रुव से दक्षिण की ओर खिसक जाती है। ‘वोर्टेक्स’ शब्द वायु के प्रतिप्रवाह (Counter-Clockwise) को संदर्भित करता है जो ठंडी वायु को ध्रुवों के निकट रखने में मदद करता है। यह ध्रुवों पर हमेशा मौजूद होता है तथा गर्मियों में कमज़ोर पड़ता है, जबकि सर्दियों में प्रबल हो जाता है। हालाँकि इस बात पर सर्वसम्मति की कमी है, यह माना जाता है कि एक ग्रह (पृथ्वी) के गर्म होने के साथ ध्रुवीय भँवर में परिवर्तन की बारंबारता और अधिक तथा सुस्पष्ट होने की संभावना है।

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