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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31दिसंबर, 2021

  • 31 Dec 2021
  • 6 min read

‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र’

हाल ही में भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के महू में स्थित एक सैन्य इंजीनियरिंग संस्थान में एक ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र’ स्थापित किया है। ये दोनों केंद्र सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग हेतु परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास में व्यापक शोध करेंगे। इस केंद्र का गठन ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (NSC) के सहयोग से किया गया है। क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेना द्वारा किये गए शोध से संचार के क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और यह क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में बदलने में भी मददगार साबित होगा। ये केंद्र मुख्य तौर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन, क्वांटम संचार और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में कार्य करेंगे। गौरतलब है कि भारतीय सेना उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में लगातार महत्त्वपूर्ण प्रगति कर रही है। अत्याधुनिक साइबर रेंज और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से सैन्यकर्मियों को साइबर युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ध्यातव्य है कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद' (NSC) एक त्रिस्तरीय संगठन है, जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे मुद्दों का प्रबंधन करता है। 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार' (NSA) 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद' की अध्यक्षता करता है और वे प्रधानमंत्री का प्राथमिक सलाहकार भी होता है। वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं।

नगालैंड में छह माह के लिये ‘AFSPA’ का विस्तार

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने समग्र नगालैंड में ‘सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम’ (AFSPA) को छह माह अतिरिक्त समयावधि के लिये विस्तारित कर दिया है। पिछली बार ऐसा विस्तार इसी वर्ष जून माह में किया गया था। यह अधिनियम वर्ष 1958 से पूर्वोत्तर क्षेत्रों में लागू है जो सशस्त्र बलों और ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों’ को कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी करने और वारंट के बिना किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है। साथ ही यह सुरक्षा बलों को अभियोजन और कानूनी मुकदमों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। AFSPA के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहाँ केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है। केंद्र सरकार किसी क्षेत्र को विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी, क्षेत्रीय समूहों, जातियों, समुदायों के बीच मतभेद या विवादों के चलते अशांत घोषित करती है।

झांसी स्टेशन का नाम परिवर्तन

उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ रेलवे स्टेशन कर दिया है। केंद्र सरकार की मंज़ूरी के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इससे पूर्व ‘मुगलसराय’ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय’ रेलवे स्टेशन कर दिया गया था। ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बीते कुछ समय में कई स्थानों और रेलवे स्टेशनों के नाम परिवर्तित किये गए हैं, जिसमें इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाना भी शामिल है। गौरतलब है कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी के एक मराठी परिवार में हुआ था तथा इनके बचपन का नाम ‘मणिकर्णिका’ था। वर्ष 1842 में 14 वर्ष की उम्र में इनका विवाह झाँसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ कर दिया गया उसके बाद से इन्हें लक्ष्मीबाई के नाम से जाना गया। रानी लक्ष्मीबाई ने वर्ष 1857 की क्रांति में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

तमिलनाडु की महिला संबंधी राज्य नीति

तमिलनाडु सरकार के तहत ‘समाज कल्याण और महिला अधिकारिता विभाग’ ने महिलाओं के लिये नीति का नया मसौदा जारी किया है। इस नीति के तहत तमिलनाडु सरकार राज्य में 3.2 करोड़ महिला आबादी को सशक्त बनाने हेतु एक सुरक्षित, स्वस्थ एवं आकांक्षात्मक वातावरण प्रदान करेगी। विभागों के बीच परिचालन समन्वय के माध्यम से इस लक्ष्य की दिशा में काम करने हेतु दोनों लिंगों को नीति निर्धारण प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। भारत में अपनी तरह की यह पहली नीति तमिलनाडु में महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु आगामी महिला योजनाओं के लिये एजेंडा निर्धारित करेगी। इस नीति को पाँच वर्ष की अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा।

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