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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 अगस्त, 2021

  • 30 Aug 2021
  • 7 min read

राष्ट्रीय खेल दिवस 

भारत में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिन भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद भारतीय और विश्व हॉकी में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने वर्ष 1928, वर्ष 1932 और वर्ष 1936 के ‘समर ओलंपिक’ में जीत के साथ भारत को ओलंपिक स्वर्ण पदक की पहली हैट्रिक पूरी करने में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद मेजर ध्यानचंद वर्ष 1922 में एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गए। मेजर ध्यानचंद हॉकी खेल के प्रति काफी समर्पित थे और उन्होंने अपने हॉकी कॅरियर की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय सेना की रेजिमेंटल टीम से की। वर्ष 1926 से वर्ष 1948 तक के अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी कॅरियर में मेजर ध्यानचंद ने कुल 185 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 400 से अधिक गोल किये। यही कारण है कि मेजर ध्यानचंद की विरासत का सम्मान करने और हमारे जीवन में खेलों के महत्त्व को स्वीकार करने के लिये प्रतिवर्ष ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। भारत में पहला ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ 29 अगस्त, 2012 को आयोजित किया गया था। 

‘क्यूसिम’ क्वांटम सिम्युलेटर

हाल ही में भारत सरकार ने ‘क्यूसिम’ (QSim) नाम से एक क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर टूलकिट को लॉन्च किया है। ‘क्वांटम सिमुलेटर’ का आशय ऐसे उपकरणों से है, जो वैज्ञानिकों को क्वांटम प्रभावों का अध्ययन करने की अनुमति प्रदान करते हैं, अन्यथा इनका एक प्रयोगशाला में अध्ययन करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसका उद्देश्य शोधकर्त्ताओं और छात्रों को क्वांटम कंप्यूटिंग में लागत प्रभावी तरीके से अनुसंधान करने में सक्षम बनाना है। ‘क्यूसिम’ सिम्युलेटर का विकास ‘क्वांटम कंप्यूटर टूलकिट (सिम्युलेटर, वर्कबेंच) और क्षमता निर्माण हेतु डिज़ाइन एवं विकास’ परियोजना का परिणाम है। यह सिम्युलेटर भारत में क्वांटम कम्प्यूटिंग अनुसंधान को आगे बढ़ाने की आम चुनौतियों का समाधान निकालने की दिशा में देश की प्रथम पहलों में से एक है। यह परियोजना भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आईआईएससी बंगलूरू, आईआईटी-रुड़की और सी-डेक के समन्वय से निष्पादित की जा रही है। ‘क्यूसिम’ टूलकिट शोधकर्त्ताओं और छात्रों को क्वांटम कोड लिखने और डी-बग करने की अनुमति प्रदान करती है, जो क्वांटम एल्गोरिदम विकसित करने के लिये आवश्यक है। 

‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को हाल ही में दिल्ली सरकार के ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया है। जल्द ही लॉन्च होने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के नागरिक और दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चे शामिल होंगे। अभी तक इस कार्यक्रम को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर क्रियान्वित किया जा रहा था। इसके तहत हिस्सा लेने वाले नागरिक दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अधिकतम 10 छात्रों को ‘अडॉप्ट’ करेंगे और उन्हें संबंधित क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। छात्रों को फोन के माध्यम से मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु सभी ‘मेंटर्स’ प्रति सप्ताह 10 मिनट का समय निकालेंगे। इस कार्यक्रम का लक्ष्य कम-से-कम 10 लाख बच्चों और 3 लाख कामकाजी पेशेवरों तक पहुँच बनाना है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य दिल्ली में शिक्षा को जन आंदोलन के रूप में विकसित करना है।

उत्तर प्रदेश का पहला ‘आयुष विश्वविद्यालय’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाल ही में गोरखपुर ज़िले के पिपरी-तरकुलहा गाँव में उत्तर प्रदेश के पहले ‘आयुष विश्वविद्यालय’ की आधारशिला रखी है। इस आयुष विश्वविद्यालय को ‘महायोगी गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष’ विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। राज्‍य सरकार ने आयुष विश्‍वविद्यालय के निर्माण का काम पूरा करने की समय-सीमा वर्ष 2023 तय की है। 52 एकड़ में फैले इस विश्‍वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी, होम्‍योपैथी और योग संबंधी चिकित्‍सा सुविधाएँ उपलब्‍ध रहेंगी। इसका बजट 299 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान की दृष्टि से यह विश्‍वविद्यालय काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। राज्‍य के 98 आयुष कॉलेज इस विश्‍वविद्यालय से संबद्ध होंगे। ज्ञात हो कि गोरखपुर में पहले से ही एक मेडिकल कॉलेज मौजूद है और जल्‍द ही यहाँ एक ‘एम्‍स’ का उद्घाटन किया जाएगा।

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