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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 सितंबर, 2021

  • 29 Sep 2021
  • 7 min read

विश्व हृदय दिवस

हृदय रोगों, उनकी रोकथाम और वैश्विक प्रभाव के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व भर में 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व हृदय दिवस की स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1999 में ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ (WHF) ने ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) के साथ मिलकर की थी और यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, हृदय रोग (CVDs) के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर होने वाली कुल मौतों में 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के कारण होती हैं। हृदय रोग (CVDs) संबंधी रोग मुख्य तौर पर तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव और शराब के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होते हैं। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य हृदय रोगों के संबंध में लोगों को शिक्षित करना है, ताकि तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके हृदय रोग से होने वाली कम-से-कम 80 प्रतिशत मौतों को रोका जा सके।

लता मंगेशकर 

28 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्यात गायिका लता मंगेशकर को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ‘लता मंगेशकर का मधुर स्वर एवं विनम्रता पूरे विश्व में उनकी विशेष पहचान है।’ प्रसिद्ध भारतीय प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। लता मंगेशकर के लगभग छह दशक लंबे कॅरियर के दौरान 2,000 से अधिक भारतीय फिल्मों के साउंडट्रैक के लिये उनके गाने रिकॉर्ड किये गए हैं। लता मंगेशकर को बच्चपन से ही संगीत में काफी रुचि थी और मात्र 13 वर्ष की उम्र में ‘वसंत जोगलेकर’ की मराठी फिल्म ‘किटी हसाल’ के लिये उनका पहला गाना रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने 36 से अधिक क्षेत्रीय, भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने गाए हैं, जिसमें मराठी, हिंदी, बांग्ला और असमिया प्रमुख हैं। वर्ष 1989 में उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘दादा साहब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2001 में राष्ट्र में उनके योगदान हेतु उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया और एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद यह सम्मान प्राप्त करने वाली वह दूसरी गायिका हैं। इसके अलावा वर्ष 2007 में फ्राँस द्वारा उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑफिसर ऑफ द लीज़न ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।

वेवर सर्विसेज़ एंड डिज़ाइन रिसोर्स सेंटर 

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके निर्यात के लिये एक बेहतर मंच प्रदान करने हेतु ‘कुल्लू’ में ‘वेवर सर्विसेज़ एंड डिज़ाइन रिसोर्स सेंटर’ की स्थापना की जाएगी। इस बुनकर सेवा केंद्र में गुणवत्तापूर्ण नवीन डिज़ाइन तैयार करने के लिये आधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस केंद्र में डिज़ाइन, गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग के आधुनिकीकरण पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, ताकि बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपने उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके। हिमाचल में हस्तशिल्प, हथकरघा एवं कारीगरों के कौशल उन्नयन की अपार संभावनाएँ हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य में 13,572 पंजीकृत बुनकर हैं, जिनकी आजीविका बुनाई और कढ़ाई के कौशल पर निर्भर है। चंबा के रूमाल के साथ कुल्लू की शॉल एवं टोपी तथा किन्नौर की शॉल को जीआई टैग प्रदान किया गया है। 

विश्व रेबीज़ दिवस

रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी ‘लुई पाश्चर’ की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित कर रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: फैक्ट, नॉट फियर’ (Rabies: Facts, not Fear) रखी गई है। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवरों जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों के लगभग 99 प्रतिशत मामलों में रेबीज़ का कारण कुत्ते का काटना है। पागल जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये घाव से वायरस को जल्द-से-जल्द हटाना ज़रूरी होता है।

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