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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 जुलाई, 2020

  • 29 Jul 2020
  • 7 min read

प्रधानमंत्री कुसुम योजना: फर्जी वेबसाइट्स संबंधी परामर्श

हाल ही में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान-कुसुम (PM Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan-PM-KUSUM) योजना के तहत पंजीकरण का दावा करने वाली फर्जी/झूठी वेबसाइटों के विरुद्ध नया परामर्श जारी किया है। गौरतलब है कि बीते दिनों यह बात संज्ञान में आई थी कुछ वेबसाइट्स अवैध रूप से पीएम-कुसुम योजना के लिये पंजीकरण पोर्टल होने का दावा कर रही हैं। इन वेबसाइटों के पीछे मौजूद शरारती तत्व आम लोगों को धोखा दे रहे हैं और इन फर्जी वेबसाइट्स के माध्यम से आम लोगों के डेटा का दुरुपयोग कर रहे हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इन फर्जी वेबसाइट्स को संचालित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। मंत्रालय ने परामर्श जारी करते हुए कहा है कि सभी संभावित लाभार्थियों और आम जनता को इन वेबसाइट्स पर पैसा जमा करने या डेटा देने से बचना चाहिये। मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना के सभी लाभार्थियों को किसी भी कार्य के लिये आधिकारिक वेबसाइट का ही प्रयोग करना चाहिये। ध्यातव्य है कि इस योजना का कार्यान्वयन वर्ष 2019 में शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत मुख्य तौर पर कृषि ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई तथा किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करने हेतु की गई है।

बंदर कोयला खदान को आवंटन की सूची से बाहर किया गया

अपने एक हालिया निर्णय में कोयला मंत्रालय ने कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 {Coal Mines (Special Provisions) Act, 2015} के तहत नीलामी के लिये उपलब्ध 41 कोयला खदानों की सूची से महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले में स्थित बंदर कोयला खदान (Bander Coal Mine) को हटा दिया है। इस संबंध में मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, महाराष्ट्र की यह खदान ताडोबा-अंधारी टाइगर रिज़र्व के पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) का हिस्सा है, इसलिये इसे नीलामी के लिये उपलब्ध सूची से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि बीते माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया था। यह नीलामी प्रक्रिया कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) द्वारा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से की जा रही है। विदित हो कि कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 का उद्देश्य कोयला खनन कार्यों में निरंतरता सुनिश्चित करने और कोयला संसाधनों के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिये प्रतिस्पर्द्धी बोली (Bidding) के आधार पर कोयला खानों का आवंटन करने के लिये सरकार को सशक्त बनाना है।

प्रीतम सिंह 

भारतीय मूल के राजनेता प्रीतम सिंह (Pritam Singh) को हाल ही में सिंगापुर के इतिहास में पहली बार विपक्ष का नेता नामित किया गया है। 43 वर्षीय प्रीतम सिंह की वर्कर्स पार्टी (Workers’ Party) ने 10 जुलाई को हुए आम चुनाव में कुल 93 सीटों में से 10 संसदीय सीटें जीती थीं, जिससे उनकी पार्टी सिंगापुर की संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी रही थी। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर के इतिहास में अभी तक कभी भी औपचारिक रूप से विपक्ष के नेता को नामित नहीं किया गया, इस प्रकार प्रीतम सिंह के साथ सिंगापुर की संसदीय प्रणाली में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। जानकर बताते हैं कि सिंगापुर में 1950 और 1960 के दशक में भी विपक्ष के नेता के पद को औपचारिक स्वीकृति नहीं दी गई थी, जब देश में विपक्षी विधायकों की एक पर्याप्त संख्या मौजूद थी। सिंगापुर की संसद द्वारा जारी सूचना के अनुसार, ‘एक नई शुरुआत के तौर पर प्रीतम सिंह संसद की नीतियों और विधेयकों आदि पर होने वाली संसदीय बहस में एक वैकल्पिक विचार प्रस्तुत करने में देश के संपूर्ण विपक्ष का नेतृत्त्व करेंगे।

दिल्ली में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में गिरावट: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (UN) ने हाल ही में घोषणा की है कि दिल्ली में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण लागू किये देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (Nitrogen Dioxide) के स्तर में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि खराब वायु गुणवत्ता, उच्च COVID-19 मृत्यु दर के साथ सहसंबद्ध (Correlated) है। शहरों की विशाल आबादी उन्हें विशेष तौर पर वायरस के प्रति संवेदनशील बना रही है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हालाँकि महामारी के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी गिरावट दर्ज की गई है, किंतु यदि वायु प्रदूषण को रोकने और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिये एक नीतिगत हस्तक्षेप के बिना एक अर्थव्यवस्था को खोला जाता है तो यह गिरावट अस्थायी भी हो सकती है और हम एक बार फिर वायु प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज करेंगे।

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