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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अक्तूबर, 2021

  • 28 Oct 2021
  • 7 min read

डॉ. कोचेरिल रमन नारायणन

27 अक्तूबर, 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति ‘के.आर. नारायणन’ को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. कोचेरिल रमन नारायणन का जन्म 27 अक्तूबर, 1920 को केरल के कोट्टायम ज़िले के उझावूर में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने त्रावणकोर विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वर्ष 1944-45 में उन्होंने ‘द हिंदू’ और ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में पत्रकार के रूप में कार्य शुरू किया। 1944 में उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्ययन के लिये प्रतिष्ठित टाटा छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया, जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र में ‘बैचलर ऑफ साइंस’ (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1948 में वे वापस भारत लौट आए और पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए। वर्ष 1979-80 तक के.आर. नारायणन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् वे सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और लगातार तीन कार्यकाल (1984, 1989 और 1991) के लिये ओट्टापलम निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य रहे। वर्ष 1992 में वे भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए और बाद में 1997 में वे भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद के लिये चुने गए। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति नारायणन भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने वाले पहले दलित थे।

कानो जिगोरो

विश्व प्रसिद्ध टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में जूडो के जनक ‘कानो जिगोरो’ की 161वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया। वर्ष 1860 में ‘मिकेज’ (अब ‘कोबे’ का हिस्सा) में जन्मे ‘कानो जिगोरो’ 11 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ टोक्यो चले गए। टोक्यो विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में उन्होंने ‘जुजुत्सु मास्टर’ और पूर्व समुराई ‘फुकुदा हाचिनोसुके’ से प्रशिक्षण प्राप्त किया। मार्शल आर्ट के रूप में जूडो का जन्म पहली बार ‘जुजुत्सु’ के एक मैच के दौरान हुआ था, जब ‘कानो जिगोरो’ ने अपने से बड़े प्रतिद्वंद्वी को इसके माध्यम से पछाड़ दिया। वर्ष 1882 में कानो जिगोरो ने टोक्यो में ‘कोडोकन जूडो इंस्टीट्यूट’ खोला, जहाँ उन्होंने वर्षों तक जूडो के सिद्धांतों का विकास किया। वर्ष 1909 में कानो जिगोरो ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और 1960 में IOC ने जूडो को एक आधिकारिक ओलंपिक खेल के रूप में मंज़ूरी दी। कानो जिगोरो को 14 मई, 1999 को इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (IJF) हॉल ऑफ फेम के पहले सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।

अनीता आनंद

भारतीय मूल की कनाडाई राजनेता अनीता आनंद को हाल ही में प्रधानमंत्री ‘जस्टिन ट्रूडो’ द्वारा कनाडा के नए रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। अनीता आनंद का जन्म ‘नोवा स्कोटिया’ के केंटविले में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों चिकित्सक थे और दोनों ही भारत से संबंधित थे। वह पहली बार वर्ष 2019 में ओंटारियो प्रांत में ‘ओकविले’ के प्रतिनिधि के रूप में संसद में चुनी गईं। गौरतलब है कि अनीता आनंद ने वित्तीय बाज़ारों, कॉर्पोरेट प्रशासन और शेयरधारकों के अधिकारों के विनियमन पर व्यापक शोध किया है। वर्ष 2015 में उन्हें वित्तीय सलाहकार और वित्तीय योजना नीति विकल्पों पर विचार करने हेतु ओंटारियो की विशेषज्ञ समिति में नियुक्त किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने ओंटारियो की पंचवर्षीय समीक्षा समिति और कनाडा में प्रतिभूति कानून के आधुनिकीकरण हेतु कार्यबल में भी कार्य किया है। 

‘पेगासस’ मामले की जाँच हेतु विशेषज्ञ समिति 

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने इज़रायली सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ के माध्यम से भारतीय लोगों की जासूसी करने के मामले की जाँच के लिये एक तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ‘आर.वी. रविंद्रन’ द्वारा किया जाएगा। न्यायमूर्ति रवींद्रन ने वर्ष 2005 से वर्ष 2011 तक शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। वह कई महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णयों से जुड़े रहे हैं, जिनमें ओबीसी आरक्षण, वर्ष 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट और राज्यपालों को हटाने की संघ की शक्ति का दायरा आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने वर्ष 2013 से वर्ष 2019 के बीच ‘समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण’ के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। तीन सदस्यीय तकनीकी समिति में ‘डॉ. नवीन कुमार चौधरी’ (प्रोफेसर और डीन, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गुजरात); ‘डॉ. प्रभारण पी.’ (प्रोफेसर, अमृता विश्व विद्यापीठम, केरल) और ‘डॉ. अश्विन अनिल गुमस्ते’ (अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे) शामिल हैं।

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