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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 फरवरी, 2022

  • 28 Feb 2022
  • 8 min read

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022

सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन इफेक्ट ’की खोज करने की स्मृति में हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day-NSD) के रूप में मनाया जाता है। चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फरवरी, 1928 को रमन इफेक्ट की खोज की, उनके इस कार्य के लिये वर्ष 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वर्ष 1987 में मनाया गया था। इसका मूल उद्देश्य लोगों में विज्ञान के महत्त्व और उसके अनुप्रयोग के संबंध में संदेश का प्रचार करना है। वर्ष 2021 के लिये राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम ‘इंटीग्रेटेड एप्रोच इन एसएंडटी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर’ है। इसका आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (National Council for Science & Technology Communication-NCSTC) द्वारा किया जाता है। रमन प्रभाव के अनुसार, प्रकाश की प्रकृति और स्वभाव में तब परिवर्तन होता है जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से निकलता है। यह माध्यम ठोस, द्रव और गैस कुछ भी हो सकता है। 

प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री (1977-79) थे। उल्लेखनीय है कि वह प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कॉन्ग्रेसी थे। मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को भदेली गाँव में हुआ था जो वर्तमान में गुजरात के बुलसार ज़िले में है। वर्ष 1918 में विल्सन सिविल सर्विस, बॉम्बे से स्नातक करने के बाद उन्होंने 12 वर्षों तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य किया। वर्ष 1930 में जब भारत महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए सविनय अवज्ञा आंदोलन के मध्य चरण में था, उस समय ब्रिटिश सरकार की न्याय व्यवस्था के प्रति मोरारजी देसाई का विश्वास खत्म हो गया और उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा देने तथा स्वतंत्रता के लिये जारी संघर्ष में शामिल होने का फैसला किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वह तीन बार जेल गए। वर्ष 1931 में वह अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस समिति के सदस्य बने तथा वर्ष 1937 तक गुजरात प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति के सचिव रहे। महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा अक्तूबर 1941 में छोड़ दिया गया एवं अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ष 1952 में वह बॉम्बे के मुख्यमंत्री बने। नवंबर 1956 में वह वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए, इसके बाद मार्च 1958 में उन्हें वित्त विभाग का कार्यभार सौंपा गया। वर्ष 1963 में कामराज योजना/प्लान के तहत उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। पंडित नेहरू के बाद प्रधानमंत्री बने लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें प्रशासनिक व्यवस्था के पुनर्गठन के लिये गठित प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष बनने के लिये राजी किया। कामराज प्लान के अनुसार, यह प्रस्ताव किया गया कि कॉन्ग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये और अपनी सारी ऊर्जा कॉन्ग्रेस के पुनरुद्धार हेतु समर्पित कर देनी चाहिये। आपातकाल की घोषणा के दौरान 26 जून, 1975 को मोरारजी देसाई को गिरफ्तार कर लिया गया। गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन के समर्थन के लिये उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। नवनिर्माण अंदोलन आर्थिक संकट और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था जिसे वर्ष 1974 में गुजरात के छात्रों व मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा शुरू किया गया। बाद में सर्वसम्मति से उन्हें संसद में जनता पार्टी के नेता के रूप में चुना गया और 24 मार्च, 1977 को उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

ऑपरेशन गंगा

युद्धग्रस्‍त यूक्रेन से भारतीयों की वापसी के लिये भारत सरकार ने 'ऑपरेशन गंगा' लॉन्‍च किया है। यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिये जाने के बाद वहाँ फँसे भारतीयों को निकालने के लिये विमान सेवाएँ रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से चलाई जा रही हैं। इस मिशन के तहत उड़ानें इस्तांबुल तक जाएंगी और उसके बाद हंगरी के बुडापेस्ट पहुँचेंगी। वापसी में ये विमान इस्तांबुल से होते हुए दिल्ली आएंगे। अभी तक भारत सरकार ने अपने करीब 2,000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है और वहाँ फँसे अन्य नागरिकों को पड़ोसी देशों की सीमाओं पर स्थित विभिन्न ट्रांज़िट प्वाइंट के माध्यम से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में सहायता के लिये एक समर्पित ट्विटर हैंडल बनाया गया है।

मीराबाई चानू

हाल ही में मीराबाई चानू ने सिंगापुर भारोत्तोलन अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता है। इसके साथ ही मीराबाई चानू ने इस वर्ष बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया है। सिंगापुर भारोत्तोलन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पहली बार 55 किग्रा भार वर्ग में भाग ले रहीं चानू ने कुल 191 किग्रा (86 किग्रा और 105 किग्रा) भार उठाया। इस दौरान उन्हें किसी तरह की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा और वह आसानी से शीर्ष स्थान पर रहीं। कर्णम मल्लेश्वरी के बाद टोक्यो 2020 में मीराबाई का रजत पदक किसी भारतीय वेटलिफ्टर द्वारा जीता गया दूसरा ओलंपिक पदक था। वह पीवी सिंधु के बाद ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला भी बनीं। उनका जन्म इम्फाल के नोंगपोक काकचिंग गाँव में 8 अगस्त, 1994 को हुआ था।

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