विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अगस्त, 2021
- 28 Aug 2021
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स्टॉकहोम वर्ल्ड वाटर वीक
‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट’ द्वारा 23 अगस्त से 27 अगस्त के बीच ‘वर्ल्ड वाटर वीक’ का आयोजन किया गया। ‘स्टॉकहोम वर्ल्ड वाटर वीक’ की स्थापना वर्ष 1991 में ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट’ (SIWI) द्वारा की गई थी। यह पाँच दिवसीय आयोजन वर्तमान में दुनिया का सबसे अग्रणी जल सम्मेलन है, जो मुख्य तौर पर जल, विकास और स्थिरता एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास से संबंधित चिंताओं को संबोधित करने का प्रयास करता है। इस कार्यक्रम में 130 से अधिक देशों के छात्र, व्यावसायिक प्रमुख, राजनेता, गैर-सरकारी संगठन, शोधकर्त्ता, अंतर-सरकारी संगठन और कई अन्य लोग शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक स्वतंत्र एवं गतिशील मंच के माध्यम से विज्ञान, नीति और निर्णय लेने की प्रक्रिया का एकीकरण करना है। प्रतिवर्ष ‘वर्ल्ड वाटर वीक’ एक अलग विषय पर ध्यान केंद्रित करता है। वर्ष 2021 की थीम ‘बिल्डिंग रेज़िलिएशन फास्टर’ है, जो जल की कमी, खाद्य असुरक्षा और कोविड-19 महामारी के प्रभाव जैसी मौजूदा चुनौतियों के साथ-साथ जलवायु संकट के मुद्दे को संबोधित करती है। ज्ञात हो कि भारत की ओर से ‘सूरत नगर निगम’ एकमात्र ऐसा नागरिक निकाय था, जिसे ‘ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिटीज़’ विषय पर पैनल चर्चा में आमंत्रित किया गया था।
‘इंडियासाइज़’ सर्वेक्षण
कपड़ा मंत्रालय (भारत सरकार) के तत्त्वावधान में नई दिल्ली स्थित ‘राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान’ (NIFT) द्वारा भारतीय नागरिकों के लिये शरीर आकार चार्ट विकसित करने हेतु एक व्यापक मानवशास्त्रीय अनुसंधान किया जा रहा है। ‘इंडियासाइज़’ सर्वेक्षण का उद्देश्य रेडी-टू-वियर कपड़ों के क्षेत्र में भारत के लिये एक नया मानकीकृत आकार चार्ट पेश करना है। यद्यपि इस परियोजना की घोषणा फरवरी 2019 में की गई थी, किंतु महामारी के कारण इसमें देरी हुई। यह अनुसंधान कार्य वर्ष 2022 के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस सर्वेक्षण में विभिन्न आयु समूहों, आय वर्ग और विभिन्न जातियों के प्रतिभागी शामिल होंगे। इस सर्वेक्षण में एक सुरक्षित ‘3D होल बॉडी स्कैनर’ तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय आकार सर्वेक्षण के सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन करेगा और इस आकार का उपयोग परिधान उद्योग द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि ‘इंडियासाइज़’ सर्वेक्षण, कपड़ा मंत्रालय की एक व्यापक ‘फाइबर-टू-फैशन’ पहल का हिस्सा है। कपड़ा क्षेत्र भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है और प्रतिवर्ष लगभग 140 अरब रुपए का व्यापार करता है, जिसमें से 100 अरब रुपए अकेले भारतीय उपभोक्ताओं से, जबकि 40 अरब रुपए निर्यात से प्राप्त किया जाता है।
अल्जीरिया और मोरक्को के बीच राजनयिक संबंध समाप्त
हाल ही में अल्जीरिया ने शत्रुतापूर्ण कार्य का हवाला देते हुए मोरक्को के साथ अपने सभी राजनयिक संबंधों को समाप्त कर दिया है, इसी के साथ 1970 के दशक के बाद से उत्तरी अफ्रीकी पड़ोसियों के बीच राजनीतिक संबंध सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुँच गए हैं। यद्यपि वर्ष 1994 से दो उत्तरी अफ्रीकी देशों (अल्जीरिया और मोरक्को) के बीच की सीमा पूर्णतः बंद थी, किंतु वर्ष 1988 में दोनों देशों के संबंध बहाल किये गए थे, जो अब तक जारी थे। अल्जीरिया को अफ्रीका और यूरोप के बीच प्रवेश द्वार माना जाता है और यह पिछली आधी सदी से हिंसा से त्रस्त रहा है। सहारा रेगिस्तान, अल्जीरिया के 80 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है। ‘अल्जीरिया’ अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है और दुनिया का 10वाँ सबसे बड़ा देश है। अल्जीरिया उन तीन देशों में सबसे बड़ा है, जो उत्तर पश्चिमी अफ्रीका के ‘माघरेब क्षेत्र’ का निर्माण करते हैं। वहीं मोरक्को, उत्तरी अफ्रीका में स्थित एक देश है जिसकी आबादी लगभग 34 मिलियन है। यह पूर्व में अल्जीरिया और दक्षिण में पश्चिमी सहारा के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
क्यूबा में ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को मान्यता
क्यूबा की सरकार ने हाल ही में भुगतान के लिये ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को मान्यता देने और विनियमित करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित एक प्रस्ताव के मुताबिक, क्यूबा का केंद्रीय बैंक ऐसी मुद्राओं के लिये जल्द ही नियम निर्धारित करेगा और यह भी निर्धारित किया जाएगा कि क्यूबा के भीतर संबंधित सेवाओं प्रदाताओं को किस प्रकार लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। ज्ञात हो कि क्यूबा में इस प्रकार की मुद्राओं की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के तहत लगाए गए कड़े प्रतिबंध नियमों के कारण क्यूबा में डॉलर का उपयोग करना कठिन हो गया है। इसके अलावा मध्य अमेरिकी देश ‘अल सल्वाडोर’ ने भी विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों से प्रेषण प्राप्त करने के तरीके के रूप में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के उपयोग को मान्यता देने की घोषणा की थी।