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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 जुलाई, 2022

  • 27 Jul 2022
  • 4 min read

36वाँ राष्ट्रीय खेल

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने 36वें राष्ट्रीय खेल 2022 को संयुक्त रूप से आयोजित करने के लिये 22 जुलाई को गुजरात ओलंपिक संघ (GOA) और गुजरात राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये। 36वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन 27 सितंबर से 10 अक्तूबर, 2022 तक गुजरात में किया जाएगा, जिसमें सभी 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश शामिल होंगे। इसमें कुल 36 खेल शामिल हैं जो राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में सर्वाधिक हैं। इन खेलों के लिये ध्येय वाक्य (टैगलाइन) 'सेलिब्रेटिंग यूनिटी थ्रू स्पोर्ट्स’ है। इस साल योगासन और मल्लखंभ को खेलों की सूची में जोड़ा गया है। इस प्रकार यह भारत में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देगा। उद्घाटन समारोह नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल 2022 गुजरात के 6 शहरों गांधीनगर, सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा और भावनगर में आयोजित किये जाएंगे। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर 36वें राष्ट्रीय खेल 2022 के लिये एक लोगो भी लॉन्च किया गया। लोगो में गुजरात के दो स्थायी और गौरवपूर्ण प्रतीकों- सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और गिर एशियाई शेर को दर्शााया गया है राष्ट्रीय खेलों का अंतिम संस्करण वर्ष 2015 में केरल में आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय खेलों का 2022 संस्करण सात वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया जाएगा।

डॉ.  सुशोभन बंद्योपाध्याय

गरीबों के मसीहा और एक रुपए वाले डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ. सुशोभन बंद्योपाध्याय का 26 जुलाई, 2022 को कोलकाता में निधन हो गया। डॉ. बंद्योपाध्याय पिछले कुछ महीनों से किडनी की बीमारी से ज़ूझ रहे थे। वे 84 वर्ष के थे। डॉ. सुशोभन पिछले 57 वर्षों से पश्चिम बंगाल के बोलपुर में एक रुपए फीस लेकर गरीबों का इलाज कर रहे थे। वर्ष 2020 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सबसे अधिक रोगियों का इलाज करने के लिये इसी वर्ष उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। वे बोलपुर से पूर्व विधायक भी रह चुके हैं।

झारखंड पर्यटन नीति 

हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन क्षेत्र को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से ‘झारखंड पर्यटन नीति’ का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य झारखंड में पर्यटन क्षेत्र को नवीनीकृत कर बढ़ावा देना है। इस  नीति के अंतर्गत नागरिक सुविधाएँ प्रदान करने और पारसनाथ, देवघर, इटखोरी तथा मधुबन सहित कई स्थानों के सौंदर्यीकरण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा नीति के तहत झारखंड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से धार्मिक पर्यटक इकाई स्थापित की जाएगी। साथ ही खाद्य उत्सव एवं अंतर-राज्यीय संस्कृति विनिमय कार्यक्रम और सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, इस कार्यक्रम में जीवंत व विविध संस्कृतियों का प्रदर्शन, वार्षिक साहसिक खेलों का आयोजन तथा खेलकूद प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। 

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