विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 जुलाई, 2020
- 27 Jul 2020
- 6 min read
विजय दिवस
26 जुलाई, 1999 को कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगाँठ मनाई गई है। आज के ही दिन वर्ष 1999 में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों और उनके वेश में छिपे पाकिस्तानी सैनिकों के कब्ज़े वाले सभी भारतीय क्षेत्रों पर जीत प्राप्त की थी। कारगिल युद्ध को ‘ऑपरेशन विजय’ के नाम से भी जाना जाता है। यह लगभग 60 दिनों तक चला तथा 26 जुलाई, 1999 को समाप्त हुआ था। यह दिवस ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की याद दिलाता है, जिसे वर्ष 1999 में कारगिल-द्रास सेक्टर (Kargil-Dras Sector) में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्ज़ा किये गए भारतीय क्षेत्रों को वापस लेने के लिये लॉन्च किया गया था। ध्यातव्य है कि इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दुर्गम बाधाओं, दुश्मन के इलाकों, विपरीत मौसम एवं अन्य कठिनाइयों को पार करते हुए विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना के बहुत से जवान शहीद और घायल हुए थे। राष्ट्र सदैव उन वीर जवानों को याद करेगा जिन्होंने अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन कर देश के लिये लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
दृष्टिबाधित लोगों के लिये मार्गदर्शन उपकरण
इंग्लैंड के एक विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र ने एक विशिष्ट उपकरण डिज़ाइन किया है जो कि उन दृष्टिबाधित लोगों की सहायता करेगा, जो एक वास्तविक जानवर को अपने घर में रखने में असमर्थ हैं। छात्र द्वारा डिज़ाइन किया गया यह उत्पाद दृष्टिबाधित लोगों के लिये एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करने के साथ-साथ वास्तविक समय के डेटा का उपयोग करके गंतव्यों के लिये त्वरित एवं सुरक्षित मार्गों की पहचान भी करेगा। छात्र ने इस मार्गदर्शक उपकरण को ‘Theia’ नाम दिया है, यह एक पोर्टेबल उपकरण है, जो कि घर के बाहर और घर के अंदर काफी कम इनपुट के साथ उपयोगकर्त्ताओं का मार्गदर्शन कर सकता है। इस उपकरण को वास्तविक समय संबंधी डेटा जैसे कि रोड पर मौजूद पैदल यात्री एवं कारें और मौसम आदि के उपयोग की विशेषता के आधार पर डिज़ाइन किया गया है और यह उपयोगकर्त्ताओं को सही एवं सुरक्षित रूप से उनके गंतव्यों तक पहुँचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
स्वालबार्ड द्वीपसमूह
हाल ही में नॉर्वे (Norway) के स्वालबार्ड द्वीपसमूह (Svalbard Archipelago) में तापमान 21.7 डिग्री सेल्सियस की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया है। उल्लेखनीय है कि स्वालबार्ड (Svalbard) की लॉन्गइयरबायन (Longyearbyen) बस्ती में तापमान का लगभग 41 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। बीते वर्ष प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि विश्व के दूसरे क्षेत्रों की तुलना में आर्कटिक द्वीप के क्षेत्र कहीं अधिक तेज़ी से गर्म हो रहे हैं। जानकार मानते हैं कि और इस क्षेत्र में तापमान बढ़ने से और अधिक हिमस्खलन और भू-स्खलन की घटनाएँ देखी जा सकती हैं। ध्यातव्य है कि लगातार बढ़ते तापमान से आर्कटिक के वन्यजीवों जैसे कि ध्रुवीय भालू आदि के लिये भी खतरा उत्पन्न हो सकता है, जो कि मुख्य तौर पर समुद्री बर्फ के आवरण पर निर्भर करते हैं। स्वालबार्ड आर्कटिक महासागर में एक नॉर्वेजियन द्वीपसमूह है। उत्तरी ध्रुव से लगभग 1,300 किलोमीटर (800 मील) दूर स्थित लॉन्गइयरबायन बस्ती, स्वालबार्ड द्वीपसमूह की सबसे मुख्य बस्ती मानी जाती है और यहाँ लगभग 2000 लोग निवास करते हैं।
क्यूआर कोड-आधारित टिकट जाँच प्रणाली
कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बीच मानव-से-मानव (Human-To- Human) संपर्क को कम करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे अखिल भारतीय स्तर पर नवीन क्यूआर कोड-आधारित (QR Code-Based) संपर्क रहित टिकट जाँच प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि क्यूआर कोड-आधारित टिकट जाँच की यह नवीनतम प्रणाली उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराग डिवीजन द्वारा विकसित की गई है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, नवीनतम प्रणाली के तहत आरक्षित टिकट बुकिंग करने पर यात्री के मोबाइल नंबर पर URL या क्यूआर कोड वाला एक संदेश भेजा जाएगा। स्टेशन में प्रवेश करने या टिकट की जाँच के दौरान, यात्री क्यूआर कोड या URL पर क्लिक करेगा और आरक्षित टिकट का क्यूआर कोड यात्री के मोबाइल पर प्रदर्शित होगा, जिसके बाद टिकट परीक्षक द्वारा क्यूआर कोड की जाँच की जाएगी। ध्यातव्य है कि रेलवे बोर्ड ने ज़ोनल रेलवे को इस संपर्क रहित टिकट जाँच और स्कैनिंग प्रणाली के शीघ्र कार्यान्वयन के लिये टिकट चेकिंग स्टाफ को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया है।