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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 जनवरी, 2021

  • 27 Jan 2021
  • 7 min read

जेल पर्यटन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से ‘जेल पर्यटन’ पहल की शुरुआत की है। पुणे की 150 वर्ष पुरानी यरवदा जेल से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य आम लोगों को ऐतिहासिक जेलों को नज़दीक से देखने की सुविधा प्रदान करना है। इस पहल के माध्यम से स्कूल और कॉलेज के छात्रों, इतिहास के जानकारों और आम नागरिकों को हमारे इतिहास के एक नवीन पहलू को अनुभव करने में सहायता मिलेगी। इस पहल के पहले चरण में तकरीबन 500 एकड़ में फैली महाराष्ट्र की यरवदा जेल के कुछ हिस्सों को आम जनता के लिये खोल दिया जाएगा। आगामी चरणों में इस पहल को नागपुर, नासिक, ठाणे, रत्नागिरि जैसी अन्य जेलों तक विस्तारित किया जाएगा। ज्ञात हो कि यरवदा जेल न केवल महाराष्ट्र में बल्कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी जेलों में से एक है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस जेल में महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक और नेताजी सुभाष चंद्र बोस समेत विभिन्न भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था। इन महान नेताओं को जिन कोठरियों में रखा गया था, उन्हें स्मारक के रूप में संरक्षित किया गया है और वे ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता पाने में इन महान नेताओं द्वारा दिये गए बलिदानों को चिह्नित करते हैं।

मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) पॉलिसी-2020

राजस्थान सरकार ने हाल ही में मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) को लेकर अपनी बहुप्रतीक्षित नीति जारी की है, जिससे तहत निर्माण कार्य के लिये मैन्युफैक्चर्ड सैंड का उत्पादन करने वाली इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। साथ ही इससे ‘बजरी’ (रिवर सैंड) पर निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा। विदित हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में ‘बजरी’ (रिवर सैंड) के अवैध खनन पर रोक लगा दी थी। यह नीति निर्माण उद्योग के लिये भविष्य में काफी महत्त्वपूर्ण साबित होगी। यह नीति नई इकाइयों के माध्यम से रोज़गार के अवसर पैदा करने में मदद के साथ-साथ खनन क्षेत्रों में भारी मात्रा में उत्पन्न कचरे के मुद्दे को भी संबोधित करने में सहायक होगी। यह नई नीति प्राकृतिक ‘बजरी’ के दीर्घकालिक विकल्प के रूप में  मैन्युफैक्चर्ड सेंड (एम-सैंड) की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। यह नीति निवेशकों को राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले प्रोत्साहन और सुविधाओं का उपयोग कर एम-सैंड इकाइयों को स्थापित करने में सक्षम करेगी। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि इससे आम जनता के बीच एम-सैंड की प्रभावकारिता को लेकर विश्वास पैदा किया जा सकेगा। मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) का उत्पादन खदानों से निकाले गए कठोर ग्रेनाइट पत्थरों और चट्टानों को तोड़कर किया जाता है। वर्तमान में राजस्थान में तकरीबन 20 एम-सैंड इकाइयाँ कार्यरत हैं, जो प्रतिदिन 20,000 टन एम-सैंड का उत्पादन करती हैं।

भारत पर्व- 2021

26 जनवरी, 2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘भारत पर्व- 2021’ के आयोजन की शुरुआत की गई। यह 31 जनवरी तक चलेगा। इस मेगा आयोजन का उद्देश्य भारतीय नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को जागृत करना और देश की समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करना है। वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर के सामने पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘भारत पर्व’ का आयोजन किया जाता रहा है। इसमें कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मंडप अपने पर्यटन स्थलों, व्यंजनों, हस्तशिल्प और अन्य विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं। इस तरह ‘भारत पर्व’ भारत की सांस्कृतिक विविधता की एक अनूठी झलक प्रस्तुत करता है। इस आयोजन से देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों को 28 राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों की कला, संस्कृति, भोजन, कपड़े और परंपराओं को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। 

अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन

विश्व प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक, लेखक और अकादमिक डॉ. जयंत नार्लीकर को अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के 94वें संस्करण के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन, मराठी भाषा के लेखकों का एक वार्षिक सम्मेलन है, जिसे इस वर्ष मार्च माह में नासिक (महाराष्ट्र) में आयोजित किया जाएगा। पहले अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का आयोजन वर्ष 1878 में किया गया था और इस सम्मेलन की अध्यक्षता समाज सुधारक, लेखक तथा न्यायाधीश महादेव गोविंद रानाडे ने की थी। इस सम्मेलन को मराठी भाषा में साहित्यिक वार्ता, बहस, अभिव्यक्ति और साहित्यिक आलोचना का केंद्रीय मंच माना जाता है।

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