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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 नवंबर, 2021

  • 26 Nov 2021
  • 7 min read

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2014 में 26 नवंबर के दिन भारतीय डेयरी एसोसिएशन (IDA) ने पहली बार यह दिवस मनाने की पहल की थी। ध्यातव्य है कि डॉ. वर्गीज कुरियन के मार्गदर्शन में ही भारत में कई महत्त्वपूर्ण संस्थाओं जैसे- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आदि का गठन किया गया। वर्ष 1970 में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने को दृष्टि में रखते हुए ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की गई। दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है, जबकि गुजरात स्थित ‘अमूल’ देश की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है। यह दिवस इस तथ्य को उजागर करने के लिये मनाया जाता है कि किस प्रकार डेयरी एक अरब लोगों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। भारत बीते कुछ वर्षों में 150 मिलियन टन से अधिक दुग्ध उत्पादन के साथ विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। जहाँ एक ओर वर्ष 1955 में भारत का मक्खन आयात 500 टन था, वहीं वर्ष 1975 तक दूध एवं दूध उत्पादों का सभी प्रकार का आयात लगभग शून्य हो गया, क्योंकि इस समय तक भारत दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन-  इंटरपोल

हाल ही में ‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो’ (CBI) के विशेष निदेशक ‘प्रवीण सिन्हा’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन’ (इंटरपोल) की कार्यकारी समिति में एशिया का प्रतिनिधि चुना गया है। इससे पूर्व CBI के तत्कालीन निदेशक और एनसीबी-इंडिया के प्रमुख ‘पी.सी. शर्मा’ को वर्ष 2003-06 के लिये इंटरपोल में एशिया का उपाध्यक्ष चुना गया था। अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन यानी इंटरपोल एक अंतर-सरकारी संगठन है जो 194 सदस्य देशों के पुलिस बलों के बीच समन्वय स्थापित करने में मदद करता है। प्रत्येक सदस्य देश में इंटरपोल का नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) होता है। यह उन देशों के राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन को अन्य देशों और जनरल सचिवालय से जोड़ता है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को भारत के ‘नेशनल सेंट्रल ब्यूरो’ के रूप में नामित किया गया है। इसका सचिवालय सदस्य देशों को कई प्रकार की विशेषज्ञता और सेवाएँ प्रदान करता है। इसका मुख्यालय लियॉन, फ्राँस में स्थित है। 

यूनेस्को विश्व विरासत समिति

भारत को चार वर्ष की अवधि के लिये ‘यूनेस्को विश्व विरासत समिति’ के सदस्य के रूप में चुना गया है। गौरतलब है कि विश्व विरासत समिति विश्व विरासत सम्मेलन के कार्यान्वयन हेतु उत्तरदायी है, यह विश्व विरासत कोष के उपयोग का निर्धारण करती है और सदस्य देशों के अनुरोध पर वित्तीय सहायता आवंटित करती है। यह समिति, विश्व विरासत सूची में किसी संपत्ति को शामिल किये जाने को लेकर अंतिम निर्णय लेती है। वहीं संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' यानी यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का  प्रयास करती है। यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस में अवस्थित है एवं विश्व में इसके 50 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय हैं। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को के सदस्य देशों में शामिल तीन देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं- कुक द्वीप (Cook Islands), निउए (Niue) एवं फिलिस्तीन।

प्रॉन नेबुला

अमेरिकी स्पेस एजेंसी ‘नासा’ के ‘हबल टेलीस्कोप’ ने ‘प्रॉन नेबुला’ की तस्वीर कैप्चर की है। नासा के मुताबिक, ‘प्रॉन नेबुला’ एक विशाल तारकीय नर्सरी है, जो पृथ्वी से लगभग 6,000 प्रकाश वर्ष दूर ‘स्कॉर्पियस नक्षत्र’ में स्थित है। यद्यपि यह नेबुला 250 प्रकाश-वर्ष तक फैला हुआ है और पूर्ण चंद्रमा के आकार से चार गुना अधिक अंतरिक्ष क्षेत्र को कवर करता है, यह मुख्य रूप से तरंगदैर्ध्य में प्रकाश का उत्सर्जन करता है, जिसे मानव आँखों से नहीं देखा जा सकता है। ‘प्रॉन नेबुला’, जिसे ‘IC-4628’ के नाम से भी जाना जाता है, एक उत्सर्जन नेबुला है, जिसका अर्थ है कि इसकी गैस पास के सितारों के विकिरण द्वारा सक्रिय या आयनित हो गई है। इन विशाल तारों से निकलने वाला विकिरण नेबुला के हाइड्रोजन परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को समाप्त कर देता है। जैसे ही सक्रिय इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन नाभिक के साथ पुनर्संयोजन करके अपनी उच्च-ऊर्जा अवस्था से निम्न-ऊर्जा अवस्था में वापस आते हैं, वे प्रकाश के रूप में ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं, जिससे नेबुला चमकने लगता है।

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