नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 फरवरी, 2022

  • 26 Feb 2022
  • 8 min read

लोकपाल एप

हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा मनरेगा के लिये लोकपाल एप

को लॉन्च किया गया है। यह एप ई-गवर्नेंस की ओर एक कदम है जो लोकपाल को पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने में मदद करेगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों में मनरेगा योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न स्रोतों अर्थात् डिजिटल, भौतिक और जनसंचार माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर लोकपाल द्वारा शिकायतों के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग के उद्देश्य से इस एप को विकसित किया गया है। यह एप लोकपाल द्वारा शिकायतों की आसान ट्रैकिंग और समय पर निवारण की अनुमति देगा। एप लोकपाल को वेबसाइट पर वार्षिक और त्रैमासिक रिपोर्ट अपलोड करने की भी अनुमति देगा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम अर्थात् मनरेगा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 2010 में नरेगा (NREGA) का नाम बदलकर मनरेगा (MGNREGA) कर दिया गया। ग्रामीण भारत को ‘श्रम की गरिमा’ से परिचित कराने वाला मनरेगा रोज़गार की कानूनी गारंटी देने वाला विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक कल्याणकारी कार्यक्रम है।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक

यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर (US Chamber of Commerce’s Global Innovation Policy Center) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल IP स्कोर 38.4 प्रतिशत से बढ़कर 38.6 प्रतिशत हो गया है तथा अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा में 55 देशों में भारत का 43वाँ स्थान है। यह इस रिपोर्ट का 9वाँ संस्करण है जिसमें  भारत का समग्र स्कोर 38.40 प्रतिशत (50 में से 19.20) से बढ़कर नवीनतम संस्करण में 38.64 प्रतिशत (50 में से 19.32) हो गया है। इस वर्ष रिपोर्ट में पिछले 10 वर्षों के आंँकड़ों का विश्लेषण किया गया और बताया गया कि वैश्विक आईपी में समय के साथ लगातार सुधार हुआ है यहांँ तक ​​कि पिछले दो वर्षों में महामारी के कारण उतार-चढ़ाव के बावजूद सुधार देखा गया। इस रिपोर्ट में बताया गया  गया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपने आईपी शासन को मज़बूत किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में शीर्ष 5 देशों में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्वीडन, फ्रांँस शामिल हैं। यू.एस. चैंबर ऑफ कॉमर्स का वैश्विक नवाचार नीति केंद्र (U.S. Chamber of Commerce’s Global Innovation Policy Center) बौद्धिक संपदा मानकों के माध्यम से दुनिया भर में श्रेष्ठ नवाचार और रचनात्मकता के लिये काम कर रहा है, जो नौकरियों का सृजन करता है, जीवन को बचाता है, वैश्विक आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ाता है तथा वैश्विक चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करता है बौद्धिक संपदा अधिकार, निजी अधिकार हैं जो किसी देश की सीमा के भीतर मान्य होते हैं तथा औद्योगिक, वैज्ञानिक, साहित्य और कला के क्षेत्र में व्यक्ति (व्यक्तियों) अथवा कानूनी कंपनियों को उनकी रचनात्मकता अथवा नवप्रयोग के संरक्षण के लिये दिये जाते हैं। बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी प्रकार या आकार की अर्थव्यवस्थाओं में रोज़गार, नवाचार, सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

 वीर सावरकर 

हर वर्ष 26 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर (Veer Savarkar) की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। उन्हें स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantryaveer Savarkar) के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था। इन्होंने अभिनव भारत सोसाइटी नामक एक भूमिगत सोसाइटी (Secret Society) की स्थापना की। सावरकर यूनाइटेड किंगडम गए और इंडिया हाउस (India House) तथा फ्री इंडिया सोसाइटी (Free India Society) जैसे संगठनों से जुड़े। वर्ष 1909 में उन्हें मॉर्ले-मिंटो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 1910 में क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। वे वर्ष 1937 से 1943 तक हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे। सावरकर ने 'द हिस्ट्री ऑफ द वार ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस' नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने 1857 के सिपाही विद्रोह में इस्तेमाल किये गए छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) के तरीकों (Tricks) के बारे में लिखा था। सावरकर वर्ष 1906 में लंदन गए। उन्होंने जल्द ही इटैलियन राष्ट्रवादी ग्यूसेप माज़िनी (सावरकर ने माज़िनी की जीवनी लिखी थी) के विचारों के आधार पर फ्री इंडिया सोसाइटी की स्थापना की। 26 फरवरी, 1966 को अपनी इच्छा से उपवास करने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

कोर्बेवैक्सटीएम (CORBEVAXTM) 

हाल ही में कोविड-19 हेतु भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन, कोर्बेवैक्सटीएम, जिसे बायोलॉजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 12-18 वर्ष के आयु वर्ग के लिये आपातकालीन उपयोग हेतु अनुमोदन प्राप्त हुआ है। इस वैक्सीन की दोनों खुराक 28 दिनों के अंदर लेनी होगी। यह 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों तथा वयस्कों के लिये भी स्वीकृत है। कोर्बेवैक्सटीएम (CORBEVAXTM) को  2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया जा सकता है। “मिशन कोविड सुरक्षा’ के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत प्रभावी कोविड-19 टीकों के विकास और उनकी सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। यह इस मिशन के तहत समर्थित दूसरा टीका है, जिसे 12-18 वर्ष के आयु वर्ग हेतु आपातकालीन उपयोग का अधिकार (ईयूए ) प्राप्त हुआ है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow