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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 फरवरी, 2021

  • 26 Feb 2021
  • 6 min read

मन्नथु पद्मनाभन

25 फरवरी, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक और भारत केसरी मन्नथु पद्मनाभन को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मन्नथु पद्मनाभन का जन्‍म 02 जनवरी, 1878 को केरल के पेरुन्ना (कोट्टायम ज़िले) में हुआ था। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवनकाल में सामाजिक अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। नायर समुदाय के उत्थान के लिये उन्‍होंने 31 अक्‍तूबर, 1914 को नायर सेवा समाज (NSS) की स्‍थापना की। वर्ष 1924 में पिछड़े समुदायों को प्रसिद्ध वाईकॉम महादेव मंदिर से सटे रास्तों का उपयोग करने की अनुमति देने के लिये उन्होंने सक्रिय रूप से वायकोम सत्याग्रह में हिस्सा लिया। वर्ष 1949 में मन्नथु पद्मनाभन, त्रावणकोर विधानसभा के सदस्य बने। वर्ष 1959 में उन्हें ‘भारत केसरी’ का खिताब दिया गया था। वहीं वर्ष 1966 में उन्‍हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका निधन 25 फरवरी, 1970 को हुआ था।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

25 फरवरी, 2021 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की दूसरी वर्षगाँठ मनाई गई। दो वर्ष पूर्व 25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1947, वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्धों, वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध, वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध और श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की याद में नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। स्वतंत्र भारत में सीमा संघर्ष के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले 25,942 सशस्त्र बल के जवानों के नाम स्वर्णाक्षरों में स्मारक की दीवारों पर अंकित किये गए हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का प्रस्ताव सर्वप्रथम वर्ष 1960 में रखा गया था। वर्ष 2015 में कैबिनेट ने इंडिया गेट कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में युद्ध स्मारक के निर्माण के लिये सैद्धांतिक मंज़ूरी दी और वर्ष 2016 में स्मारक का डिज़ाइन तैयार करने के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा के बाद वर्ष 2017 में स्मारक निर्माण का कार्य शुरू हो गया।

कोवैक्स (COVAX) कार्यक्रम

घाना, कोवैक्स (COVAX) कार्यक्रम के तहत कोरोना वायरस टीके का शिपमेंट प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। कार्यक्रम के तहत पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की लगभग 600,000 खुराक घाना भेजी गई है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन (जिसे भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है) को इसी माह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सीमित उपयोग हेतु आपातकालीन मंज़ूरी दी गई थी। कोवैक्स कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021 के अंत तक कोरोना वायरस टीकों की 2 बिलियन से अधिक खुराक वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कोवैक्स, ‘एक्सेस टू कोविड-19 टूल्स (Access to COVID-19 Tools- ACT) एक्सेलरेटर’ के तीन स्तंभों में से एक है। इसकी शुरुआत कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये अप्रैल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूरोपीय आयोग और फ्राँस के सहयोग से की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महामारी से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर टीकों का समान वितरण सुनिश्चित करना है।

वीर सावरकर

26 फरवरी, 2021 को वीर दामोदर सावरकर की 54वीं पुण्यतिथि मनाई गई। वीर सावरकर का पूरा नाम ‘विनायक दामोदर सावरकर’ था। इनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था। वीर सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील, लेखक, समाज सुधारक और हिंदुत्व दर्शन के सूत्रधार थे। सावरकर द्वारा वर्ष 1909 में लिखी गई पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ में उन्होंने यह विचार किया कि वर्ष 1857 का भारतीय विद्रोह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ पहला भारतीय जन विद्रोह था। वर्ष 1910 में सावरकर को क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सावरकर ने भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (INC) और महात्मा गांधी की तीखी आलोचना की, उन्होंने 'भारत छोड़ो आंदोलन' का विरोध किया और बाद में भारत के विभाजन को लेकर काॅन्ग्रेस की स्वीकृति पर आपत्ति जताई। 26 फरवरी, 1966 को सावरकर का निधन हो गया।

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