Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 नवंबर, 2020 | 24 Nov 2020
सर छोटूराम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर छोटूराम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज के उत्थान के लिये उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। सर छोटूराम का जन्म 24 नवंबर, 1881 को पंजाब के रोहतक (अब हरियाणा) में हुआ था। छोटूराम का असली नाम राय रिछपाल था। सर छोटू राम दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के छात्र रहे और उन्हें वर्ष 1937 में नाइट की उपाधि दी गई। कई आलोचक सर छोटूराम को एक जातिवादी नेता के रूप में देखते हैं, किंतु उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में किसानों के उत्थान की बात की। वर्ष 1912 में वकील के तौर पर कार्य शुरू करने के पश्चात् वे वर्ष 1916 में काॅॅन्ग्रेस में शामिल हुए और वर्ष 1916 से 1920 तक रोहतक ज़िला काॅॅन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। सर छोटूराम ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में भारतीय युवाओं की भर्ती करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। विभाजन के पूर्व पंजाब विधान परिषद के सदस्य के रूप में, उनकी पहली बड़ी उपलब्धि पंजाब भूमि राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 1929 को पारित करना, जिसे अभी भी एक ऐतिहासिक सामाजिक कानून के रूप में देखा जाता है। एक जन प्रतिनिधि के रूप में सर छोटूराम ने न केवल कानूनों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि उन कानूनों के कार्यान्वयन पर भी ज़ोर दिया। वह किसानों द्वारा खेती पर किये गए खर्च के लिये क्षतिपूर्ति देने की अवधारणा के भी जनक थे, यही अवधारणा आगे चलकर ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ के रूप में विकसित हुई है।
चक्रवाती तूफान ‘निवार’
तमिलनाडु और पुडुचेरी ने चक्रवाती तूफान ‘निवार’ (Nivar) को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं को लेकर आशंका जारी की है। चक्रवाती तूफान ‘निवार’ इस वर्ष उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र का चौथा चक्रवाती तूफान है, पहले के तीन चक्रवातों में शामिल हैं- चक्रवात 'गति', चक्रवात 'अम्फान' और चक्रवात निसर्ग। चक्रवाती तूफान ‘निवार’ वर्ष 2018 में चक्रवात ‘गाजा’ के बाद दो वर्ष में तमिलनाडु में आने वाला दूसरा चक्रवात होगा। इस चक्रवात के कारण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएँ चलने का अनुमान है। चक्रवाती तूफान ‘निवार’ का नाम ईरान द्वारा सुझाया गया है, जबकि चक्रवात ‘निसर्ग’ का नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया था और चक्रवात 'गति' का नाम भारत द्वारा सुझाया गया था।
जल निकायों के संरक्षण के लिये NGT के निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जल निकायों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिये एक नोडल एजेंसी नामित करने का निर्देश दिया है। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने राष्ट्रीय स्तर पर अनुपालन की निगरानी के लिये एक केंद्रीय निगरानी समिति (CMC) के गठन का भी निर्देश दिया है, जिसमें जल शक्ति मंत्रालय के सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और अन्य महत्त्वपूर्ण निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा यह निर्देश गुरुग्राम में जल निकायों की पहचान, संरक्षण और पुनर्स्थापन से संबंधित एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिये गए हैं। इससे पूर्व जून माह में NGT ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने जल निकायों की सूची और उनकी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस प्रक्रिया के दौरान भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 4,13,911 जल निकायों की पहचान की गई है।
इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव
मेघालय में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले ‘इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव’ को कोरोना वायरस महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है। भारत के एकमात्र चेरी ब्लॉसम महोत्सव को मेघालय की राजधानी शिलांग में आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिये प्रतिवर्ष रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक शिलांग पहुँचते हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते गुलाबी रंग के ‘चेरी ब्लॉसम’ के सुंदर फूलों को पूरे मेघालय में देखा जा सकता है। ये फूल नवंबर माह के अंत तक खिले रहेंगे। मेघालय में आयोजित होने वाला यह त्योहार इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि किस तरह प्राकृतिक संसाधनों और सतत् पर्यटन का उपयोग एक प्रभावी तरीके किया जा सकता है।