Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 मई, 2022 | 24 May 2022
हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने समृद्धि के लिये 'हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचा’ (IPEF) पहल की शुरुआत की। वर्तमान में इसमें अमेरिका के अलावा 12 अन्य देश- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, कोरिया, मलेशिया, न्यूज़ीलैंड, फिलीपिंस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। ये देश विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 40% का प्रतिनिधित्व करते हैं। IPEF का उद्देश्य आने वाले दशकों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रौद्योगिकी नवाचार और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये संबंधों को मज़बूत करना है। यह अमेरिका एवं हिंद-प्रशांत क्षे्त्र में अधिक मज़बूत और समायोजी अर्थव्यवस्था सृजित करेगा। ये देश साथ मिलकर 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था के लिये नए नियम तय कर रहे हैं, जिनसे उनकी अपनी अर्थव्यवस्थाएंँ तेज़ गति से विकसित होगी। जो बाइडेन ने हिंद-प्रशांत के सभी देशों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि IPEF पहल में समायोजी आपूर्ति शृंखला की आधारशिला रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो आपसी विश्वास, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ महत्त्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर चीन के कदमों का विकल्प साबित होगी।
"द अवध क्वाट्रेन" का मंचन
चीन की राजधानी पेईचिंग में भारतीय दूतावास तथा हॉन्गकॉन्ग, शंघाई और ग्वांगझोउ में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद करते हुए आज़ादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया। इस अवसर पर अवध के अंतिम शासक नवाब वाजिद अली शाह और उनकी पत्नी बेगम हजरत महल के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ 1857 के संघर्ष पर आधारित नाटक "द अवध क्वाट्रेन" का मंचन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आज़ादी के ‘अमृत महोत्सव’ (India@75) का उद्घाटन किया था। आज़ादी का ‘अमृत महोत्सव’ भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक शृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। ध्यातव्य है कि ये कार्यक्रम आगामी 15 अगस्त, 2022 के 75 सप्ताह पूर्व से आयोजित किये जा रहे हैं।
जलवायु कार्य गठबंधन की भारतीय शाखा
विश्व आर्थिक मंच ने भारत में जलवायु गतिविधियों और कार्बन मुक्ति प्रयासों में तेज़ी लाने के लिये जलवायु कार्य गठबंधन की भारतीय शाखा आरंभ की है। विश्व आर्थिक मंच के जलवायु कार्यबल के अंग के रूप में यह गठबंधन पिछले साल ज़ारी किये श्वेत-पत्र मिशन 2070 में तय किये गए लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करेगा। वर्ष 2070 तक भारत को कम कार्बन उत्सर्ज़न वाला देश बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के महत्त्वाकांक्षी संकल्प पंचामृत को पूरा करने के लिये इस अभियान में सरकार, व्यापार जगत और अन्य पक्षकारों को शामिल किया जाएगा। प्रबंधन सलाहकार संस्था कियरने और भारतीय विचार मंच ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के बीच सहयोग से यह गठबंधन नेताओं को जलवायु लक्ष्य प्राप्त करने की योजनाएंँ और कार्यक्रम तैयार करने में सहयोग करेगा।