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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 जुलाई, 2020

  • 24 Jul 2020
  • 7 min read

रंजन गोगोई: विदेश मामलों की स्थाई समिति के सदस्य

हाल ही में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को राज्यसभा में विदेश मामलों की स्थाई समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया है, जबकि राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) को रेलवे संबंधी समिति में शामिल किया गया है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को मानव संसाधन विकास से संबंधित संसदीय समिति में शामिल किया गया है। राज्यसभा की स्थाई समिति के नए सदस्यों के नामों की घोषणा कुल 61 नवनिर्वाचित सदस्यों में से 45 सदस्यों द्वारा राज्यसभा में शपथ लेने के एक दिन बाद सभापति वेंकैया नायडू द्वारा की गई, जबकि शेष 16 सदस्य अपनी संबंधित समिति की बैठक में शपथ लेने के बाद शामिल हो सकेंगे। गौरतलब है कि संसद में कार्य की बेहद अधिकता को देखते हुए वहाँ प्रस्तुत सभी विधेयकों पर विस्तृत चर्चा करना संभव नहीं हो पाता, अतः संसदीय समितियों का प्रयोग एक मंच के रूप में किया जाता है, जहाँ प्रस्तावित कानूनों पर चर्चा की जाती है। समितियों की चर्चाएँ ‘बंद दरवाज़ों के भीतर’ होती हैं और उसके सदस्य अपने दल के सिद्धांतों से भी बंधे नहीं होते, जिसके कारण वे किसी विषय विशेष पर खुलकर अपने विचार रख सकते हैं। आमतौर पर संसदीय समितियाँ दो प्रकार की होती हैं: (1) स्थायी समितियाँ और (2) अस्थायी समितियाँ या तदर्थ समितियाँ। इसके अलावा कुछ विभागीय समितियाँ भी होती हैं, जिनमें अधिकतम 31 सदस्य होते हैं, इनमें से 21 सदस्यों का मनोनयन स्पीकर द्वारा एवं 10 सदस्यों का मनोनयन राज्यसभा के सभापति द्वारा किया जा सकता है। 

अमला शंकर

24 जुलाई, 2020 को प्रसिद्ध नृत्यांगना अमला शंकर (Amala Shankar) का 101 वर्ष की आयु में कोलकाता में निधन हो गया है। अमला शंकर का जन्म 27 जून, 1919 को जसोर (वर्तमान बांग्लादेश में स्थित) में अविभाजित बंगाल में हुआ था, अमला शंकर ने 1930 के दशक में नृत्य करना सीखा था, जब वे पहली बार फ्रांँस में वर्ष 1930 में अपने गुरु और भावी पति उदय शंकर (Uday Shankar) से मिली थीं। ध्यातव्य है कि उदय शंकर भी एक प्रसिद्ध नर्तक और कोरियोग्राफर के रूप में जाने जाते थे। जल्द ही वे उदय शंकर की नृत्य मंडली में शामिल हो गईं और दुनिया भर में अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्शन करने लगीं और इस तरह उनके जीवन की एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हुई। विदित हो कि अमला शंकर ने अपना पहला स्टेज प्रदर्शन वर्ष 1931 में बेल्ज़ियम में किया था। कला के क्षेत्र में अमला शंकर के योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2011 में बंगाल सरकार ने बंगा विभूषण (Banga Vibhushan) से सम्मानित किया था, वहीं वर्ष 2012 में उन्हें नृत्य में उनके योगदान के लिये संगीत नाटक अकादमी टैगोर रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 

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राष्‍ट्रीय प्रसारण दिवस

भारत में प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है, गौरतलब है कि इसी ही के दिन वर्ष 1927 में पहली बार मुंबई स्टेशन से इंडियन ब्रोडकास्टिंग कंपनी (Indian Broadcasting Company) के नाम से एक निजी कंपनी ने देश में रेडियो प्रसारण शुरू किया था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत में रेडियो और प्रसारण (Broadcasting) की एक लंबी परंपरा है, जिसका इतिहास भारतीय आज़ादी से भी पुराना है। इस अवसर पर प्रसार भारती (Prasar Bharati) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शशि शेखर ने कहा कि प्रसारण ने बीते कई दशकों में भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक माध्यम के रूप में प्रसारण (Broadcasting) भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी का एक सशक्त उदाहरण है। उल्लेखनीय है कि ज्ञान, सूचना और मनोरंजन के एक प्रभावी तथा विश्वसनीय माध्यम के रूप में रेडियो ने भी भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। 

झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश

कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले में लगातार वृद्धि के बीच झारखंड मंत्रिमंडल ने झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश (Jharkhand Contagious Disease Ordinance) को मंज़ूरी दे दी है। गौरतलब है कि झारखंड सरकार के इस नए अध्यादेश में कोरोना वायरस (COVID-19) के रोकथाम संबंधी उपायों का उल्लंघन करने वाले लोगों को 1 लाख रुपए तक का जुर्माना और 2 वर्ष तक के कारावास तक की सज़ा दी जाएगी। इस अध्यादेश के लागू होने के पश्चात् सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों का पालन न करने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग न करने, दफ्तरों और दुकानों के लिये जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई की जाएगी। ध्यातव्य है कि झारखंड अकेला ऐसा राज्य नहीं है, जहाँ अनिवार्य रूप से मास्क न पहनने पर जुर्माना लगाया गया है। झारखंड के अतिरिक्त कई अन्य राज्यों और शहरों ने भी इस संबंध में जुर्माने का प्रावधान किया है। इन राज्यों और शहरों में- केरल, अहमदाबाद, हरियाणा, पुणे, दिल्ली, चंडीगढ़ और बिहार आदि शामिल हैं।

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