विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 जून, 2022
- 23 Jun 2022
- 7 min read
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस
सैनिक गतिविधियों में खेल एवं स्वास्थ्य के महत्त्व को बढ़ावा देने के लिये प्रतिवर्ष 23 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना को चिह्नित करता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना और खेल को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संदेश प्रसारित करना है। ज्ञात हो कि आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत ओलंपिया (ग्रीस) में आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी तक आयोजित प्राचीन ओलंपिक खेलों से प्रेरित है। यह ग्रीस के ओलंपिया में ज़ीउस (Zeus) (ग्रीक धर्म के सर्वोच्च देवता) के सम्मान में आयोजित किया जाता था। बेरोन पियरे दी कोबर्टिन ने वर्ष 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना की और ओलंपिक खेलों की नींव रखी। यह एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो खेल के माध्यम से एक बेहतर विश्व के निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है। यह ओलंपिक खेलों के नियमित आयोजन को सुनिश्चित करता है, सभी संबद्ध सदस्य संगठनों का समर्थन करता है और उचित तरीकों से ओलंपिक के मूल्यों को बढ़ावा देता है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के आयोजन का विचार वर्ष 1947 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया और वर्ष 1948 में इस प्रस्ताव को आधिकारिक स्वीकृति दी गई।
संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 23 जून को दुनिया भर के लोक सेवाओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोक सेवकों के कार्य को मान्यता देते हुए समाज के विकास में उनके योगदान पर ज़ोर देता है और युवाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में कॅॅरियर बनाने के लिये प्रेरित करता है। 20 दिसंबर, 2002 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दिवस के संबंध में जागरूकता और लोक सेवा के महत्त्व को बढ़ाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2003 में ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार’ (UNPSA) कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसे वर्ष 2016 में सतत् विकास के लिये वर्ष 2030 एजेंडा के अनुसार अपडेट किया गया था। ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार’ कार्यक्रम सार्वजनिक संस्थाओं की नवीन उपलब्धियों और सेवाओं को मान्यता देकर लोक सेवाओं में नवाचार एवं गुणवत्ता को बढ़ावा देता है तथा उन्हें पुरस्कृत करता है, जो सतत् विकास के पक्ष में दुनिया भर के देशों में अधिक कुशल एवं अनुकूल लोक प्रशासन में योगदान दे रहे हैं।
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी
23 जून, 2022 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर मनाई जा रही है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 06 जुलाई, 1901 को तत्कालीन कलकत्ता के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। श्यामाप्रसाद मुखर्जी के पिता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य कर चुके थे। वर्ष 1921 में कलकत्ता से अंग्रेज़ी में स्नातक करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1923 में कलकत्ता से ही बांग्ला भाषा और साहित्य में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1934 में मात्र 33 वर्ष की आयु में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को कलकत्ता विश्वविद्यालय का सबसे कम उम्र का कुलपति नियुक्त किया गया। कुलपति के तौर पर डॉ. मुखर्जी के कार्यकाल के दौरान ही रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार बांग्ला भाषा में कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और उन्ही के कार्यकाल के दौरान कलकत्ता विश्वविद्यालय की उच्च परीक्षा में जनभाषा को एक विषय के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा डॉ. मुखर्जी स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री भी थे। मई 1953 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के प्रवेश करने के मामले में डॉ. मुखर्जी को हिरासत में ले लिया गया, जिसके पश्चात् 23 जून, 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।
जल प्रबंधन हेतु हरियाणा और इज़रायल के मध्य हस्ताक्षर
हाल ही में इज़रायल और हरियाणा सरकार ने क्षमता निर्माण और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन हेतु एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये है। यह संयुक्त घोषणा हरियाणा और इज़रायल के मध्य महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इस समझौते के तहत इज़रायल अपनी सबसे उन्नत और अत्याधुनिक जल प्रौद्योगिकियों, विशेषज्ञता और जानकारी को हरियाणा सरकार के साथ साझा करेगा। इस संयुक्त घोषणा के माध्यम से इज़रायल और हरियाणा सरकार जल प्रबंधन क्षेत्र में मौजूदा संबंधों को मज़बूत करने, क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और हरियाणा में सार्वजनिक जल क्षेत्रों में जल संसाधनों को संरक्षित करने का प्रयास करेगी। जल सुरक्षा हमेशा से द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ रहा है।