Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 जनवरी, 2021 | 23 Jan 2021
जल गुणवत्ता परीक्षण के लिये महिलाओं को प्रशिक्षण
हाल ही में जल शक्ति मंत्री ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार जल्द ही महत्त्वाकांक्षी ‘जल जीवन मिशन’ के तहत जल की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिये प्रत्येक गाँव से पाँच महिलाओं को प्रशिक्षित करेगी। सरकार वर्ष 2024 तक सभी को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रत्येक गाँव में सुलभ एवं सस्ती जल-गुणवत्ता परीक्षण अवसंरचना स्थापित करेगी। ज्ञात हो कि देश में 52000 से अधिक स्थान ऐसे हैं, जहाँ फ्लोराइड और आर्सेनिक आदि की अधिकता के कारण जल काफी प्रदूषित है और पीने योग्य नहीं है। पंजाब और राजस्थान के कई क्षेत्रों में कीटनाशकों के अधिक उपयोग के कारण पानी की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, ऐसे में पीने योग्य स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के चलते जल की गुणवत्ता की जाँच करने हेतु लोगों को प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के माध्यम से पीने योग्य पानी की सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना भारत जैसे देश में एक महत्त्वपूर्ण घटक है, यहाँ वर्ष 2015 में 163 मिलियन लोगों के पास पीने योग्य स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं था, यह आँकड़ा किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा ‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत की गई थी, जिसका प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के माध्यम से जलापूर्ति (हर घर जल) सुनिश्चित करना है। इस मिशन के कार्यान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय को नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया है।
लखनऊ में AI-संचालित कैमरे
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस सार्वजनिक स्थानों पर स्मार्ट कैमरे लगाने जा रही है, जो संकट की स्थिति में महिलाओं के चेहरे के भावों को समझकर उनकी तस्वीरों को स्वचालित रूप से क्लिक करेंगे और एस संबंध में निकटतम पुलिस वाहन को सतर्क करेंगे। लखनऊ शहर में पुलिस द्वारा पहचाने गए 200 ‘हॉटस्पॉट’ स्थलों में से प्रत्येक में ऐसे पाँच-पाँच AI-संचालित कैमरे लगाए जाएंगे। ‘हॉटस्पॉट’ स्थलों में मुख्यतः वे क्षेत्र शामिल हैं, जहाँ प्रायः लड़कियों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की सबसे अधिक शिकायतें दर्ज होती हैं। इन AI-संचालित कैमरों को कुछ विशिष्ट 40-45 घटनाओं और संभावनाओं पर प्रतिक्रिया करने के लिये सेट किया जाएगा। लखनऊ पुलिस द्वारा किया जा रहा यह प्रयास राजधानी लखनऊ में महिलाओं के लिये सुरक्षित माहौल बनाने में मददगार साबित होगा और इससे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाओं में भी कमी आएगी।
माइकल एंड शीला हेल्ड पुरस्कार
भारतीय युवा गणितज्ञ, निखिल श्रीवास्तव को दो अन्य गणितज्ञों के साथ प्रतिष्ठित 2021 के ‘माइकल और शीला हेल्ड’ पुरस्कार के संयुक्त विजेता के रूप में नामित किया गया है। निखिल श्रीवास्तव को यह पुरस्कार कैडिसन-सिंगर समस्या और रामानुजन ग्राफ पर लंबे समय से अनुत्तरित प्रश्नों को हल करने के लिये दिया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (बर्केले) के निखिल श्रीवास्तव के अलावा स्विट्ज़रलैंड के एडम मार्कस और अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के डैनियल एलन स्पीलमैन का भी इस पुरस्कार के लिये चयन किया गया है। ‘माइकल एंड शीला हेल्ड’ पुरस्कार कॉम्बीनेटोरियाल और डिस्क्रीट ऑप्टिमाइजेशन अथवा कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित विषयों जैसे- एल्गोरिदम और कॉम्प्लेक्सिटी थ्योरी के क्षेत्रों में उत्कृष्ट, नवीन, रचनात्मक और प्रभावशाली अनुसंधान को मान्यता प्रदान करने के लिये प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत विजेताओं को एक पदक और एक लाख अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की जाती है। इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी।
एबेल 370
हाल ही में नासा ने आकाशगंगाओं के एक विशाल क्लस्टर, एबेल 370 की एक अद्भुत इमेज जारी की है। पृथ्वी से लगभग 4.9 बिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एबेल 370 एक आकाशगंगा क्लस्टर है, जिसमें कई सौ आकाशगंगाएँ मौजूद हैं। आकाशगंगा क्लस्टर, संपूर्ण ब्रह्मांड में सबसे बड़े खगोलीय निकाय होते हैं, जो कि गुरुत्वाकर्षण के कारण एक साथ रहते हैं। आकाशगंगाओं के अलावा आकाशगंगा क्लस्टर में एक्स-किरणों का उत्सर्जन करने वाली मल्टीमिलिन-डिग्री गैस की विशाल मात्रा और डार्क मैटर भी मौजूद होता है। डार्क मैटर, आकाशगंगा क्लस्टर को एक साथ बनाए रखने के लिये गुरुत्वाकर्षण बल प्रदान करता है।