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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 दिसंबर, 2022

  • 23 Dec 2022
  • 4 min read

भारतीय महिला पहलवान अंतिम पंघल

भारतीय महिला पहलवान अंतिम पंघल को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग राइज़िंग स्टार ऑफ द ईयर सम्मान के लिये नामित किया गया है। पुरस्कार के लिये चयनित अन्य पाँच महिलाओं में जापान की नोनोका ओज़ाकी, अमेरिका की एमिट एलोर, स्वीडन की एम्मा मालमग्रेन और रोमानिया की एंड्री एना शामिल हैं। अगस्त 2022 में विश्व अंडर ट्वेन्टी कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिला कर पंघल ने कीर्तिमान बनाया था। इससे पहले 44 बार की जूनियर विश्व स्पर्द्धा में छह भारतीय पहलवान फाइनल में पहुँचे थे लेकिन किसी ने भी स्वर्ण पदक नहीं जीता था। अंतिम पंघल हरियाणा के हिसार ज़िले के भगाना गाँव की रहने वाली हैं। अंतिम पंघल ने एशिया अंडर 20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा वर्ल्ड अंडर 17 में कांस्य और एशिया अंडर 23 में सिल्वर पदक हासिल किया। महज 17 साल की उम्र में अंतिम पंघल, जूनियर रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) शौकिया कुश्ती के खेल के लिये अंतर्राष्ट्रीय शासी निकाय है, इसका कार्य ओलंपिक में कुश्ती का संचालन करना है। इसके अलावा ग्रीको-रोमन कुश्ती, फ्रीस्टाइल कुश्ती, ग्रेपलिंग सहित कुश्ती के विभिन्न रूपों के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की अध्यक्षता करता है। UWW का प्रमुख खेल विश्व कुश्ती चैंपियनशिप है। इसे पहले FILA के नाम से जाना जाता था।

राष्ट्रीय किसान दिवस

समाज के विकास में किसानों के योगदान को रेखांकित करने के लिये भारत में प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। भारत गाँवों का देश है, जहाँ की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिये प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। ऐसे में ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ भारत के आम नागरिकों को किसानों की समस्याओं को जानने, समझने और वार्ता करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिवस भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष में आयोजित किया जाता है। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में हुआ था। प्रधानमंत्री के तौर पर चरण सिंह का कार्यकाल अल्प अवधि का रहा। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तथा उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई मंत्री पदों पर कार्य किया, साथ ही महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुए किसानों के कल्याण के लिये कई योजनाएँ लागू कीं, उन्हें उत्तर प्रदेश ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम का प्रधान वास्तुकार माना जाता है। चरण सिंह ने ज़मींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार और किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखीं।

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