लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23अगस्त, 2022

  • 23 Aug 2022
  • 6 min read

अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस  

प्रतिवर्ष 23 अगस्त को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यूनेस्को के मुताबिक, यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दास व्यापार की त्रासदी से पीड़ित लोगों की याद में आयोजित किया जाता है। विदित हो कि पश्चिमी यूरोप के औपनिवेशिक साम्राज्यों को ट्रान्स-अटलांटिक दास व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ हुआ था। इस व्यवस्था के तहत दुनिया भर के तमाम हिस्सों, विशेष तौर पर अफ्रीकी देशों से दासों को हैती, कैरिबियाई देशों और विश्व के अन्य हिस्सों में मौजूद औपनिवेशों में अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिये ले जाया गया। हालाँकि यह व्यवस्था लंबे समय तक न चल सकी और जल्द ही लोगों में असंतोष पैदा हो गया। 22-23 अगस्त, 1791 की रात आधुनिक हैती और डोमिनिकन गणराज्य के ‘सैंटो डोमिंगो’ में इसके विरुद्ध पहले विद्रोह की शुरुआत हुई। इस विद्रोह ने ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के उन्मूलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ के रूप में आयोजित किया जाता है। यह दिवस हमें दास व्यापार जैसी त्रासदी के ऐतिहासिक कारणों, परिणामों और तरीकों पर सामूहिक रूप से पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है।

चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह 

चंडीगढ़ के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के नाम पर रखे जाने पर पंजाब और हरियाणा सहमत हो गए हैं। गौरतलब है कि इस हवाई अड्डे के नाम को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद बना हुआ था, क्योंकि इसके निर्माण में केंद्र सरकार के अलावा पंजाब और हरियाणा की भी हिस्सेदारी हैहवाई अड्डे का टर्मिनल पंजाब के मोहाली में पड़ता है। यह 485 करोड़ रुपए की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, पंजाब और हरियाणा सरकार की संयुक्त परियोजना है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर ज़िले में हुआ था। जो वर्तमान में पाकिस्तान में है। वर्ष 1919 में 12 साल की उम्र में भगत सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के स्थल का दौरा किया था, जहाँ एक सार्वजनिक सभा के दौरान हज़ारों निहत्थे लोगों को मार दिया गया था। भगत सिंह अराजकतावाद (Anarchism) एवं साम्यवाद (Communism) के प्रति आकर्षित थे। वे ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (Hindustan Republican Association) में भी शामिल हुए जिसके प्रमुख नेता चंद्रशेखर आज़ाद, राम प्रसाद बिस्मिल एवं शाहिद अशफाकल्लाह खान थे। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का पहली बार नारे के रूप में प्रयोग भगत सिंह ने किया था साथ ही इस नारे को चर्चित बनाया था। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फाँसी दे दी गई।

‘गरबा नृत्य

भारत ने गरबा नृत्य को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की सांस्कृतिक सूची में शामिल किये जाने के लिये नामित किया है। UNESCO के निदेशक ऐरिक फॉल्ट ने कहा कि UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत में पिछले वर्ष दुर्गा पूजा को शामिल किये जाने के बाद अब भारत ने गरबा को वर्ष 2022 के लिये नामित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि UNESCO की अगली बैठक नवंबर 2022 में होगी और आशा है कि भारतीय समारोह से संबंधित एक और सुन्दर नृत्य गरबा को UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कर लिया जाएगा। भारत को जुलाई 2022 में अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा से संबंधित वर्ष 2003 की अंतर-सरकारी समिति के लिये 155 देशों की समिति में 110 मतों से चुना गया था। गरबा, गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नाम संस्कृत के ‘गर्भ-द्वीप’ शब्द से बना है। गरबा नृत्य के लिये कम-से-कमो सदस्यों का होना अनिवार्य होता है| इस नृत्य में 'डांडिया' का प्रयोग किया जाता है| इस नृत्य को करते समय डांडिया को आपस  में टकराकर नृत्य किया जाता है| गरबा, गुजरात के सबसे प्रसिद्ध नृत्य में से एक है| आरंभ में देवी के निकट सछिद्र घट में दीप ले जाने के क्रम में यह नृत्य होता था। इस प्रकार यह घट दीपगर्भ कहलाता था। वर्णलोप से यही शब्द बाद में गरबा बन गया। गरबा नृत्य में ताली, चुटकी, खंजरी, डंडा, मंजीरा आदि का प्रयोग ताल देने के लिये होता हैं तथा स्त्रियाँ दो अथवा चार के समूह में मिलकर विभिन्न प्रकार से नृत्य करती हैं और देवी-गीत गाती हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2