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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 अप्रैल, 2021

  • 23 Apr 2021
  • 8 min read

विश्व पुस्तक दिवस

विश्व भर में प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ अर्थात् ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन मुख्य तौर पर पुस्तकों को पढ़ने और प्रकाशन तथा कॉपीराइट के महत्त्व को रेखांकित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिये किया जाता है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सम्मेलन के दौरान 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (विश्व पुस्तक दिवस) के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। 23 अप्रैल की तारीख का इस लिहाज़ से भी काफी महत्त्व है कि इसी दिन विश्व के कई प्रसिद्ध लेखकों का या तो जन्म हुआ था या उनकी मृत्यु हुई थी। उदाहरण के तौर पर विलियम शेक्सपियर, जोसेप प्ला और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा ने 23 अप्रैल को अंतिम साँस ली थी, जबकि इसी दिन मैनुएल मेजिया वाल्लीजो, हालडोर लाक्सनेस और मौरिस ड्रून का जन्म हुआ था। यूनेस्को हर वर्ष इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन करता है। किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिये विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर इस मुद्दे पर भी ज़ोर दिया जाता है। इस अवसर पर जॉर्जिया की राजधानी ‘त्बिलिसी’ (Tbilisi) को वर्ष 2020 के लिये ‘वर्ल्ड बुक कैपिटल’ (World Book Capital) के तौर पर चुना गया है।

अंग्रेज़ी भाषा दिवस

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंग्रेज़ी भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अंग्रेज़ी भाषा के महान साहित्यकार विलियम शेक्सपियर के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। अंग्रेज़ी भाषा के सबसे प्रसिद्ध नाटककार होने के साथ-साथ शेक्सपियर का आधुनिक अंग्रेज़ी पर भी काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। शेक्सपियर ने अपने संपूर्ण जीवन काल में कुल 38 नाटक लिखे थे। अंग्रेज़ी भाषा की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लैंड में मानी जाती है और वर्तमान में यह विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उपलब्ध आँकड़ों की मानें तो विश्व के कुल 195 देशों में से 67 देशों में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है। विदित हो कि फरवरी 2010 में सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को मनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने भाषा दिवस का शुभारंभ किया था। संयुक्त राष्ट्र, भाषा दिवस संगठन की 6 आधिकारिक भाषाओं को संरक्षण प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ अंग्रेज़ी (23 अप्रैल), अरबी (18 दिसंबर), चीनी (20 अप्रैल), स्पेनिश (23 अप्रैल ), रूसी (6 जून) और फ्रेंच (20 मार्च) हैं।

मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन का उत्पादन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में घोषणा की है कि उसके ‘पर्सिवरेंस रोवर’ पर मौजूद एक उपकरण ने पहली बार मंगल ग्रह के बहुत ही पतले वातावरण से ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सफलता हासिल कर ली है। इस महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस तकनीक के माध्यम से भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगा। अपने इस परीक्षण के तहत नासा के ‘पर्सिवरेंस रोवर’ के उपकरण ने मंगल ग्रह के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड से 5 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया, जो एक अंतरिक्ष यात्री के लिये 10 मिनट तक साँस लेने हेतु पर्याप्त है। ज्ञात हो कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड सबसे अधिक मात्रा (तकरीबन 96 प्रतिशत) में मौजूद है, वहीं ऑक्सीजन का स्तर मात्र 0.13 प्रतिशत है। ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिये ऑक्सीजन परमाणुओं को कार्बन डाइऑक्साइड अणुओं से अलग किया जाता है, ऐसा करने के लिये तकरीबन 800 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान की ऊष्मा की आवश्यकता होती है और इस प्रक्रिया में अपशिष्ट उत्पाद के रूप में कार्बन मोनोऑक्साइड भी उत्पन्न होता है, जिसे वातावरण में वापस छोड़ दिया जाता है। मंगल पर मानव अभियानों की शुरुआत के लिये ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा काफी महत्त्वपूर्ण है, यह न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिये आवश्यक है, बल्कि मंगल ग्रह से वापस पृथ्वी पर आने हेतु रॉकेट की उड़ान के लिये भी काफी आवश्यक है। 

रासायनिक हथियार निषेध संगठन

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को ‘रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) का बाह्य लेखा परीक्षक चुना गया है। गिरीश चंद्र मुर्मू का चुनाव तीन वर्षीय कार्यकाल के लिये किया गया है। ‘रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र संस्था (संयुक्त राष्ट्र संघ से स्वतंत्र) है, जिसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) के प्रावधानों को क्रियान्वित करना है। यह 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्व में आया था और इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। OPCW में कुल 193 हस्ताक्षरकर्त्ता देश शामिल हैं, जो कि वैश्विक आबादी के 98 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। गौरतलब है कि इज़रायल ने संधि पर हस्ताक्षर तो किये हैं, किंतु ‘रासायनिक हथियार कन्वेंशन’ की पुष्टि नहीं की है। इसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियारों के खतरों से सदस्य देशों की सुरक्षा तथा उन्हें सहायता प्रदान करना है। OPCW को वर्ष 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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