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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 मई, 2021

  • 22 May 2021
  • 7 min read

एंटी-टेररिज़्म दिवस

प्रतिवर्ष 21 मई को देश भर में एंटी-टेररिज़्म दिवस अथवा आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी को स्मरण करना है। इस वर्ष राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि मनाई गई। एंटी-टेररिज़्म दिवस का लक्ष्य आम लोगों में हिंसा और आतंकवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर युवाओं को आतंकवाद के विरुद्ध जागरूक करने तथा उन्हें मानव पीड़ा एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। एंटी-टेररिज़्म दिवस के अवसर पर देश भर के विभिन्न हिस्सों में उक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिये गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मात्र 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में किसी सरकार का नेतृत्त्व किया। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई (मुंबई) में हुआ था। विज्ञान में रुचि रखने वाले राजीव गांधी वर्ष 1984 में अपनी माँ की हत्या के पश्चात् काॅन्ग्रेस अध्यक्ष एवं देश के प्रधानमंत्री बने और वर्ष 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 21 मई, 1991 को चेन्नई में एक रैली के दौरान अलगाववादी संगठन लिट्टे की महिला सुसाइड बॉम्बर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी।

‘कॉर्प्स फ्लावर’ 

अमेरिका के ‘सैन फ्रांसिस्को’ में तकरीबन 10 वर्ष बाद ‘कॉर्प्स फ्लावर’ नामक दुर्लभ फूल खिला है। ‘कॉर्प्स फ्लावर’ को इसके वैज्ञानिक नाम अमोर्फोफैलस टाइटेनम से भी जाना जाता है और यह अति-दुर्लभ पौधा प्रत्येक सात से दस वर्ष में केवल एक बार खिलता है। ‘कॉर्प्स फ्लावर’ को दुनिया में सबसे बड़ा भी माना जाता है। ‘कॉर्प्स फ्लावर’ मूलतः इंडोनेशिया में सुमात्रा के वर्षावनों में पाया जाता है। लगभग एक दशक में ‘कॉर्प्स फ्लावर’ 10 फीट तक लंबा हो सकता है और इसमें दो प्रमुख घटक होते हैं, जिसमें पहली गहरे लाल रंग की पंखुड़ी जिसे ‘स्पैथ’ के रूप में जाना जाता है और दूसरी एक पीले रंग की छड़, जिसे 'स्पैडिक्स' के रूप में जाना जाता है। इसे वर्तमान मौजूद पौधों में सबसे बड़ा माना जाता है और  कभी-कभी इसका वज़न लगभग 100 किलोग्राम तक हो सकता है। औसत ‘कॉर्प्स फ्लावर’ का जीवनकाल लगभग तीन-चार दशकों का होता है। यद्यपि इंडोनेशियाई ‘कॉर्प्स फ्लावर’ की खेती वर्षों से दुनिया भर में की जाती रही है, किंतु फसलों और लकड़ी के लिये वनों की कटाई के कारण इसकी संख्या सुमात्रा के अपने मूल स्थान तक सीमित होती जा रही है। इसे ‘इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर’ (IUCN) द्वारा वर्ष 2018 में लुप्तप्राय पौधे के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। 

निधि4कोविड2.0

देश में कोविड-19 महामारी की चुनौतीपूर्ण दूसरी लहर से निपटने के लिये स्टार्टअप-संचालित समाधानों का समर्थन करने के लिये त्वरित प्रतिक्रिया के रूप में केंद्र सरकार ने नई तकनीकों और नवीन उत्पादों के विकास हेतु भारतीय स्टार्टअप तथा कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा इस संबंध में ‘निधि4कोविड2.0’ (NIDHI4COVID2.0) पहल की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिये योग्य भारत-पंजीकृत स्टार्टअप और ऑक्सीजन नवाचार, पोर्टेबल समाधान, प्रासंगिक चिकित्सा सहायक उपकरण, नैदानिक, सूचना विज्ञान या किसी अन्य समाधान के प्रमुख क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समाधान पेश करने वाली कंपनियों का वित्तपोषण करना है। यह पहल ‘राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड’ (NSTEDB), ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ (DST) तथा भारत सरकार का एक विशेष अभियान है, जो वर्तमान स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिये स्वदेशी समाधानों का समर्थन करता है।

मिशन ऑक्सीजन आत्मनिर्भरता 

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की ऑक्सीजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ‘मिशन ऑक्सीजन आत्मनिर्भरता’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत ऑक्सीजन उत्पादक उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। वर्तमान में राज्य की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 1300 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। इस पहल का लक्ष्य राज्य में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रतिदिन 3000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन करना है। विदर्भ, मराठवाड़ा, धुले, नंदुरबार, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग क्षेत्रों में स्थापित इकाइयाँ अपने अचल पूंजी निवेश के 150 प्रतिशत तक प्रोत्साहन के लिये पात्र होंगी और शेष महाराष्ट्र में स्थापित इकाइयाँ 100 प्रतिशत तक सामान्य प्रोत्साहन के लिये पात्र होंगी। इन प्रोत्साहनों के साथ जल्द ही ऑक्सीजन आत्मनिर्भर राज्य बनने के लिये विनिर्माण और भंडारण को बढ़ाकर महाराष्ट्र की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मज़बूत किये जाने की उम्मीद है।

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