Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 मार्च, 2021 | 22 Mar 2021
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस
21 मार्च, 2021 को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (IDF) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इस दिवस का उद्देश्य वनों के महत्त्व और योगदान के बारे में विभिन्न समुदायों में जन-जागरूकता पैदा करना है। इस दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष सरकारी तंत्र और निजी संगठन मिलकर लोगों को वनों के महत्त्व और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करते हैं। इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र वन फोरम (UNFF) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) द्वारा किया जाता है। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘वन रेस्टोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग’। इस वर्ष की थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि वनों की बहाली और सतत् प्रबंधन किस प्रकार जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता के संकट से मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत की आबादी में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है, हालाँकि इसके बावजूद भारत के कुल भूमि क्षेत्र के पाँचवें हिस्से पर वन मौजूद हैं। वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 की मानें तो वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के बीच भारत के वन आवरण क्षेत्र में 3,976 वर्ग किमी. अथवा 0.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां
21 मार्च, 2021 को विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को उनकी जयंती पर याद किया गया। 21 मार्च, 1916 को बिहार में संगीतकारों के परिवार में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने चाचा अली बख्श 'विलायती' से प्राप्त की थी। शहनाई को विश्व पटल पर ले जाने में बिस्मिल्लाह खां का अतुलनीय योगदान माना जाता है। उन्हें शहनाई की लय साधने के लिये जाना जाता है। बिस्मिल्लाह खां ने सर्वप्रथम वर्ष 1938 में लखनऊ के ऑल इंडिया रेडियो पर शहनाई वादन किया था। बिस्मिल्लाह खां को संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। वर्ष 2001 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर शहनाई वादन के लिये उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वाराणसी में व्यतीत किया और सात दशकों से अधिक समय तक संगीत की सेवा करने के बाद 21 अगस्त, 2006 को वाराणसी में अंतिम साँस ली।
‘ग्राम उजाला’ योजना
केंद्रीय राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने हाल ही में एक वर्चुअल समारोह में ‘ग्राम उजाला’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस योजना के पहले चरण के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (CESL) द्वारा पुराने कार्यशील तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार को केवल 10 रुपए में LED बल्ब प्रदान किये जाएंगे। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को अधिकतम पाँच LED बल्ब ही मिलेंगे। ‘ग्राम उजाला’ कार्यक्रम का भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर एक महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अनुमान के अनुसार, यदि भारत में सभी 30 करोड़ बल्बों को बदल दिया जाए तो प्रत्येक वर्ष 40,743 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत होगी। इससे कार्बन डाइऑक्साइड में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। ‘ग्राम उजाला’ योजना न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई को गति देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिये जीवन के बेहतर मानक, वित्तीय बचत और बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गाँवों में 1.5 करोड़ LED बल्बों का वितरण किया जाएगा।
विश्व गौरैया दिवस
20 मार्च, 2021 को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया गया। इस दिवस का आयोजन आम लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसके अलावा शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है। गौरैया की लगातार कम होती जा रही तादाद के मद्देनज़र वर्ष 2010 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था। 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित किया था। ब्रिटेन की 'रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स' ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को 'रेड लिस्ट' में शामिल किया है। गौरैया की संख्या में यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है। गौरैया 'पासेराडेई' परिवार की सदस्य है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।