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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22अप्रैल, 2022

  • 22 Apr 2022
  • 5 min read

राष्ट्रीय शिक्षुता मेला

21 अप्रैल, 2022 को 700 से अधिक स्थानों पर राष्ट्रीय शिक्षुता मेला (National Apprenticeship Mela) 2022 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन स्किल इंडिया (Skill India) द्वारा प्रशिक्षण महानिदेशालय (Directorate General of Training) के सहयोग से किया गया। इस पहल का उद्देश्य एक लाख से अधिक प्रशिक्षुओं (Apprentices) को कार्य पर रखने तथा नियोक्ताओं को देश भर से सही प्रतिभाओं के दोहन में सहायता प्रदान करने के साथ ही उचित प्रशिक्षण सहित विभिन्न व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है। जिन छात्रों ने कम-से-कम 5वीं व 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी कर ली है, वे इस शिक्षुता मेले में आवेदन करने के पात्र हैं। साथ ही ITI के छात्रों के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, स्नातक और डिप्लोमा धारक छात्र इस कार्यक्रम में भाग ले सकेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों को मौके पर ही शिक्षुता प्रस्ताव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और वे प्रत्यक्ष उद्योग अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। प्रतिभागियों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जाएंगे। 

पृथ्वी दिवस

प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके संरक्षण के लिये प्रेरित करना है। पृथ्वी दिवस 2022 का विषय "हमारी पृथ्वी में निवेश करें” (Invest In Our Planet) है, यानी कि हर व्यक्ति जो भी पृथ्वी के लिये निवेश कर सकता है, उसे यह कार्य ज़रूर करना चाहिये, क्योंकि पृथ्वी सुरक्षित होगी तो हम सब भी सुरिक्षत होंगे। प्रथम बार पृथ्वी दिवस वर्ष 1970 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) के उस आह्वान के बाद हुई जिसके फलस्वरूप लगभग 20 मिलियन लोग पर्यावरणीय गिरावट के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' (International Mother Earth Day) के रूप में मनाने की घोषणा की। पृथ्वी दिवस को वैश्विक स्तर पर एक गैर-लाभकारी संगठन EARTHDAY.ORG द्वारा समायोजित किया जाता है। पहले इसे अर्थ डे नेटवर्क (Earth Day Network) के रूप में जाना जाता था। इसका उद्देश्य "लोगों और पृथ्वी में बदलाव लाने हेतु विश्व के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है।" यह एक सामूहिक ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है, जैसा कि वर्ष 1992 के रियो घोषणापत्र (पृथ्वी शिखर सम्मेलन) में प्रकृति एवं पृथ्वी के साथ सद्भाव को बढ़ावा देने की बात कही गई ताकि मनुष्य की वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।

तेलंगाना स्पेसटेक फ्रेमवर्क

हाल ही में तेलंगाना सरकार द्वारा अपना पहला स्पेसटेक फ्रेमवर्क लॉन्च किया गया। यह ढांँचा राज्य को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हेतु विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दृष्टि से शुरू किया गया है। इस लॉन्च इवेंट को मेटावर्स पर होस्ट किया गया जिससे यह देश का पहला ऐसा आधिकारिक इवेंट बन गया। इस ढांँचे के माध्यम से, तेलंगाना इस क्षेत्र में नवाचारों का समर्थन करेगा। वर्ष 2026 तक अंतरिक्ष उद्योग के 558 बिलियन डाॅलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ एस. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और IN-SPACe के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किये गए सुधारों के अनुरूप अंतरिक्ष उद्योग के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

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