इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 जनवरी, 2021

  • 21 Jan 2021
  • 7 min read

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल

19 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपना 16वाँ स्थापना दिवस मनाया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की स्थापना 19 जनवरी, 2006 को की गई थी। इस विशेष टास्क फोर्स का गठन किसी खतरनाक आपदा स्थिति के प्रति विशेष प्रतिक्रिया के लिये किया गया था। इसकी स्थापना ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ के तहत 8 बटालियनों के साथ की गई थी। वर्तमान में NDRF में 12 बटालियन हैं जिनमें BSF और CRPF से तीन-तीन और CISF, SSB एवं ITBP से दो-दो बटालियन हैं तथा इसकी प्रत्येक बटालियन में 1149 सदस्य हैं। स्थापना के बाद से NDRF ने अपनी कार्यकुशलता से देश-विदेश में प्रशंसा प्राप्त की है। प्रारंभ में NDRF के कर्मियों को नियमित कानून-व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से तैनात किया जाता था। हालाँकि वर्तमान में NDRF कर्मी प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदा में त्वरित सहायता प्रदान करने और आपदा क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने एवं राहत सामग्री का वितरण करने आदि कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में NDRF वैश्विक स्तर पर अग्रणी आपदा प्रबंधन बल के रूप में उभरा है। यह बल अन्य देशों में आपदा के समय सहायता प्रदान करने के साथ ही भारत समेत विभिन्न देशों के सुरक्षा बलों को प्रक्षिक्षण भी प्रदान करता है। 

माउंट सेमरू

इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी माउंट सेमरू में विस्फोट हो गया है। माउंट सेमरू इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित सबसे उच्चतम और सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, जो कि 3,676 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। माउंट सेमरू वर्ष 1967 से लेकर वर्तमान तक लगभग निरंतर विस्फोट की स्थिति में है और एक अनुमान के मुताबिक, इसमें प्रत्येक 20 मिनट में छोटे विस्फोट होते हैं। माउंट सेमरू को ‘द ग्रेट माउंटेन’ भी कहा जाता है और यह इंडोनेशिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन पर्वतारोहण स्थलों में से एक है। इस सक्रिय ज्वालामुखी में पिछली बार दिसंबर माह में विस्फोट हुआ था, तब लगभग 550 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। इंडोनेशिया के ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) या परिप्रशांत महासागरीय मेखला (Circum-Pacific Belt) में अवस्थित होने के कारण यहाँ कई सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं और यह क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के चारों ओर का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विवर्तनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं। 

ड्रैगन फ्रूट

गुजरात सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम बदलकर 'कमलम' करने का प्रस्ताव रखा है। ड्रैगन फ्रूट दक्षिण और मध्य अमेरिका के स्वदेशी जंगली कैक्टस की प्रजाति का एक फल है। ड्रैगन फ्रूट का अंदरुनी हिस्सा प्रायः सफेद या लाल रंग का होता है, हालाँकि पीले रंग के अंदरूनी हिस्से वाले दुर्लभ ड्रैगन फ्रूट भी पाए जाते हैं, साथ ही इसमें किवी फ्रूट की तरह छोटे बीज भी होते हैं। विश्व में ड्रैगन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक वियतनाम है, जहाँ 19वीं शताब्दी में फ्राँसीसी यह फल लाए थे। लैटिन अमेरिका के अलावा थाईलैंड, ताइवान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और श्रीलंका में भी ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जाता है। ड्रैगन फ्रूट को 1990 के दशक में भारत में लाया गया और वर्तमान में यह कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है। यह सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है और इसे अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। 

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का राज्य दिवस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी, 2021 को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के राज्य दिवस पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं। गौरतलब है कि 21 जनवरी, 1972 को ये तीनों राज्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र अधिनियम (पुनर्गठन), 1971 के तहत पूर्ण राज्य बने। 15 अगस्त, 1947 से पहले शांतिपूर्ण वार्ताओं के ज़रिये लगभग सभी राज्यों, जो कि भारत की सीमाओं से लगे हुए थे, को भारतीय संघ में मिलाने का प्रयास किया गया। अधिकांश राज्यों के शासकों ने ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन’ नामक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये जिसका मतलब था कि उन राज्यों ने भारतीय संघ का हिस्सा बनने के लिये अपनी सहमति दे दी है। सितंबर 1949 में भारत सरकार ने मणिपुर को भारत में शामिल करने के लिये विलय समझौते पर हस्ताक्षर करवाने में सफलता प्राप्त की थी। भारत संघ में त्रिपुरा रियासत का विलय 15 नवंबर, 1949 को हुआ था। रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा रियासत के भारतीय संघ के साथ विलय में अहम भूमिका निभाई थी। मेघालय, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है जो 2 अप्रैल, 1970 को असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2