इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 फरवरी, 2022

  • 21 Feb 2022
  • 6 min read

ऊपरी भद्रा परियोजना

हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा “ऊपरी भद्रा परियोजना” (Upper Bhadra Project) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा प्रदान किया गया है। यह राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त वाली कर्नाटक की पहली परियोजना है। राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिये जाने से यह मध्य कर्नाटक के सिंचाई परिदृश्य को परिवर्तित करने में मददगार साबित होगी जिसके लिये राज्य को केंद्र से 12,500 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह परियोजना चित्रदुर्ग, चिक्कमगलुरु, दावणगेरे और तुमकुरु के सूखाग्रस्त ज़िलों में सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से 2,25,515 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह चित्रदुर्ग और तुमकुरु शाखा नहरों के माध्यम से तीन ज़िलों के सूखा प्रवण तालुकों के तहत 367 टैंकों को भरेगी। इसे खरीफ मौसम में स्थायी सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिये शुरू किया गया है। इस परियोजना का क्रियान्वयन विश्वेश्वरैया जल निगम लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है जो कि एक प्रमुख लिफ्ट सिंचाई योजना है। 

छत्रपति शिवाजी महाराज

19 फरवरी, 2022 को छत्रपति शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती मनाई गई। पुणे की जुन्नार तहसील के शिवनेरी किले में जन्मे शिवाजी, भोंसले-मराठा कबीले से थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। उन्होंने सैन्य संगठन, किला वास्तुकला, समाज और राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन किये। उन्होंने गुरिल्ला युद्ध तकनीकों का उपयोग करते हुए दुश्मनों के आक्रमण का सामना किया और अपनी सेना का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। महाराष्ट्र के समुद्री तटों की रक्षा के लिये छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही आधुनिक युग में भारत की पहली नौसेना का निर्माण किया था। मराठा नौसेना ने जयगढ़, सिंधुदुर्ग, विजयदुर्ग और महाराष्ट्र के तट के साथ-साथ अन्य किलों की रक्षा की। वे एक धर्मनिरपेक्ष राजा था और विभिन्न धर्मों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करते थे। राजा के तौर पर छत्रपति शिवाजी ने प्राचीन हिंदू राजनीतिक विचारों और न्यायिक प्रथाओं को पुनर्जीवित किया, साथ ही उन्होंने मराठी भाषा के उपयोग को भी सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया। शिवाजी के पिता शाहजी भोसले ने उन्हें 2,000 सैनिकों की एक सेना सौंपी थी, शिवाजी ने प्रशासनिक कुशलता द्वारा अपनी सैन्य क्षमता को 10,000 सैनिकों तक विस्तारित किया। औरंगज़ेब और उनके सेनापति ने शिवाजी की सैन्य कुशलता और रणनीति के कारण उन्हें ‘माउंटेन रैट’ के नाम से संबोधित किया था, क्योंकि वे मुगल सैनिकों पर हमला करते थे और वापस पहाड़ों पर लौट जाते थे।

विश्व सामाजिक न्याय दिवस

प्रतिवर्ष 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस गरीबी उन्मूलन, रोज़गार सृजन, उचित कार्य स्थिति एवं लैंगिक समानता आदि के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को और अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। सामाजिक न्याय का तात्पर्य देशों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और विकास के लिये आवश्यक सिद्धांत से है, जो न केवल अंत:देशीय समानता अपितु अंतर्देशीय समानता की स्थितियों से भी संबंधित है। सामाजिक न्याय की संकल्पना को आगे बढ़ाने हेतु समाज में लिंग, उम्र, नस्ल, जातीयता, धर्म, संस्कृति या विकलांगता आदि असमानताओं को समाप्त करना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन’ (ILO) के ‘निष्पक्ष वैश्वीकरण के लिये सामाजिक न्याय पर घोषणा’ जैसे उपायों के माध्यम से सामाजिक न्याय के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में कार्य कर रहा है। सामाजिक न्याय के 5 प्रमुख सिद्धांतों में शामिल हैं- संसाधनों तक पहुँच, न्याय संगतता, सहभागिता, विविधता और मानवाधिकार।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्रथमिक उद्देश्य दुनिया भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता तथा बहुभाषिता का प्रसार करना है। वर्ष 1952 में अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिये किये गए आंदोलन के दौरान शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने वर्ष 1999 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2000 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस आयोजित किया था। इस वर्ष की थीम ‘बहुभाषी शिक्षा के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियाँ और अवसर’  रखी गई है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2