Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 दिसंबर, 2020 | 21 Dec 2020
खुदीराम बोस
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। खुदीराम बोस का जन्म वर्ष 1889 में पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर ज़िले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। श्री अरबिंदो और भगिनी निवेदिता के व्याख्यानों से प्रेरित होकर खुदीराम बोस अपनी किशोरावस्था के शुरुआती वर्षों में ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए थे। वर्ष 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तो उन्होंने सक्रिय रूप से ब्रिटिश हुकूमत के इस कदम का विरोध किया। 15 वर्ष की आयु में बोस अनुशीलन समिति में शामिल हो गए, यह 20वीं शताब्दी की उन प्रारंभिक संस्थाओं में से थी, जिसने बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियों को बढ़ावा दिया था। बोस के जीवन में निर्णायक क्षण वर्ष 1908 में तब आया, जब उन्हें उनके क्रांतिकारी साथी प्रफुल्ल चाकी के साथ मुज़फ्फरपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट, किंग्सफोर्ड की हत्या का काम सौंपा गया। ज्ञात हो कि मुज़फ्फरपुर को हस्तांतरित किये जाने से पूर्व किंग्सफोर्ड बंगाल के ज़िला मजिस्ट्रेट थे और क्रांतिकारियों तथा आम नागरिकों पर किये गए अत्याचार के कारण कई युवा क्रांतिकारियों के मन में उनके प्रति क्रोध था। दोनों ने किंग्सफोर्ड की हत्या के कई प्रयास किये और 30 अप्रैल, 1908 को किंग्सफोर्ड की गाड़ी पर बम फेंका गया, यद्यपि इस हमले में वह बच निकला, किंतु इसमें एक अन्य अंग्रेज़ अफसर के परिजनों की मृत्यु हो गई। इसके बाद खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ने उन्हें फाँसी की सज़ा सुनाई। 11 अगस्त, 1908 को उन्हें फाँसी दे दी गई।
‘हाइपरसोनिक विंड टनल’ परीक्षण सुविधा
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में ‘हाइपरसोनिक विंड टनल’ (HWT) परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया, एस प्रकार अमेरिका और रूस के बाद भारत इस तरह की उन्नत तकनीक वाला तीसरा देश बन गया है। पूर्णरूप से भारत में विकसित यह प्रणाली भारतीय उद्योग जगत की समन्वित साझेदारी का परिणाम है। यह प्रैशर वैक्यूम संचालित एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो कि मैक 5 से मैक 12 का अनुकरण कर सकती है। मैक, वायु में ध्वनि की गति की तुलना में विमान की गति को बताता है, जिसमें मैक-1 ध्वनि की गति के बराबर होता है यानी प्रति सेकेंड 343 मीटर। इस तरह मैक 5 का अर्थ है ध्वनि की गति से पाँच गुना अधिक और मैक 12 का अर्थ है ध्वनि की गति से 12 गुना अधिक। हाइपरसोनिक प्रवाह के अनुकरण की क्षमता वाली यह प्रणाली भविष्य में अत्यधिक जटिल एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाएगी।
भारत के लिये चार विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी
विश्व बैंक ने भारत की सतत् विकास पहलों का समर्थन करने के लिये तकरीबन 800 मिलियन डॉलर की चार विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। इन परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण और त्वरित कृषि विकास परियोजना (CHIRAAG), नगालैंड: कक्षा शिक्षण और संसाधन परियोजना का विस्तार, बाँध पुनर्वास और सुधार परियोजना-2 (DRIP-2) तथा ‘भारत के कोविड-19 सामाजिक संरक्षण प्रतिक्रिया कार्यक्रम’ का दूसरा चरण शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य अर्थव्यवस्था का सतत् एवं लचीला विकास सुनिश्चित करने के प्रयासों में भारत का समर्थन करना है। ये परियोजनाएँ भारत के कई परिवारों को आय के बेहतर अवसर, शिक्षा, जल आपूर्ति और अन्य सामाजिक लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगी। 400 मिलियन डॉलर की लागत वाले ‘भारत के कोविड-19 सामाजिक संरक्षण प्रतिक्रिया कार्यक्रम’ के दूसरे चरण में महामारी के कारण गंभीर रूप से प्रभावित गरीब और संवेदनशील परिवारों को सहायता मिल सकेगी। इसके अलावा 250 मिलियन डॉलर की लागत वाली ‘बाँध पुनर्वास और सुधार परियोजना’ के दूसरे चरण में भारत के विभिन्न राज्यों में मौजूद बाँधों की सुरक्षा और उनके प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा। ‘नगालैंड: कक्षा शिक्षण और संसाधन परियोजना’ (68 मिलियन डॉलर) से राज्य के शिक्षकों का विकास सुनिश्चित किया जाएगा और सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ने के लिये तकनीक प्रणाली का भी विकास किया जाएगा। 100 मिलियन डॉलर की लागत वाली छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण और त्वरित कृषि विकास परियोजना (CHIRAAG) से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के लिये सतत् उत्पादन प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे राज्य के 180,000 परिवारों को लाभ मिलेगा।