विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 अगस्त, 2021
- 21 Aug 2021
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'उभरते सितारे' फंड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में छोटी एवं मध्यम आकार की निर्यातोन्मुखी कंपनियों के लिये 250 करोड़ रुपए के वैकल्पिक निवेश कोष 'उभरते सितारे' फंड का शुभारंभ किया है। इस वैकल्पिक निवेश कोष को संयुक्त रूप से ‘एक्ज़िम बैंक ऑफ इंडिया’ और सिडबी द्वारा प्रायोजित किया जाएगा, जो निर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में निर्यात-उन्मुख इकाइयों में इक्विटी एवं इक्विटी जैसे उत्पादों के माध्यम से फंड में निवेश करेंगे। इस फंड में 250 करोड़ रुपए का ‘ग्रीनशू’ विकल्प भी शामिल होगा। ‘ग्रीनशू’ या 'ओवर-अलॉटमेंट ऑप्शन' IPO अंडरराइटिंग एग्रीमेंट में शामिल एक प्रावधान है, जो अंडरराइटर को अधिक शेयर बेचने का अधिकार प्रदान करता है। 'उभरते सितारे कार्यक्रम’ (USP) के माध्यम से उन भारतीय कंपनियों की पहचान की जाएगी, जिनमें वैश्विक मांगों और मानकों को पूरा करते हुए घरेलू क्षेत्र में चैंपियन बनने की क्षमता है। साथ ही इसके तहत ऐसी कंपनियों की भी पहचान की जाएगी, जो वर्तमान में तो खराब प्रदर्शन कर रही हैं, किंतु उनके पास प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाओं या उत्पादों और निर्यात की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षमता मौजूद हैं। वैकल्पिक निवेश कोष वित्तीय एवं सलाहकार सेवाओं और इक्विटी या इक्विटी जैसे उपकरणों में निवेश के माध्यम से संरचित समर्थन प्रदान करेगा। इस फंड का प्राथमिक उद्देश्य एमएसएमई के विकास को प्रोत्साहित करना है, क्योंकि वे रोज़गार सृजन, नवाचार करने और जोखिम लेने के मामले में अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
‘ZyCoV-D’ वैक्सीन
भारतीय दवा नियामक की विषय विशेषज्ञ समिति ने आपातकालीन उपयोग के लिये ‘ज़ाइडस कैडिला’ कंपनी की तीन-खुराक वाली कोविड-19 वैक्सीन- ‘ZyCoV-D’ को मंज़ूरी देने की सिफारिश की है। जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी ‘ज़ाइडस कैडिला’ ने देश भर में 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों के परीक्षण में 66.6% की प्रभावकारिता दर के आधार पर ‘ZyCoV-D’ वैक्सीन को मंज़ूरी देने के लिये आवेदन किया था। ‘ZyCoV-D’ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है जो SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है और मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के सेलुलर (T लिम्फोसाइट्स इम्युनिटी) तथा ह्यूमरल (एंटीबॉडी-मध्यस्थता प्रतिरक्षा) के ज़रिये प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करती है। ‘ZyCoV-D’ वैक्सीन स्थानीय रूप से उत्पादित ‘कोविशील्ड’, भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’, रूस की ‘स्पुतनिक वी’ और अमेरिका में निर्मित ‘मॉडर्ना’ के बाद देश में उपयोग के लिये स्वीकृत पाँचवीं वैक्सीन बन जाएगी। साथ ही यह किसी भी देश में मंज़ूरी पाने वाली दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन भी बन जाएगी।
डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 5.0
रक्षा मंत्री ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस- डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ (iDEX-DIO) के तहत ‘डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0’ का शुभारंभ किया है। ‘डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज के तहत सिचुएशनल अवेयरनेस, ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरक्राफ्ट-ट्रेनर, नॉन-लेथ डिवाइस, 5G नेटवर्क, अंडर-वाटर डोमेन अवेयरनेस, ड्रोन स्वार्म और डेटा कैप्चरिंग जैसे क्षेत्रों को कवर किया गया है। ‘डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 5.0’ का उद्देश्य भारतीय रक्षा क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना है और नवाचार, डिज़ाइन तथा विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाना है। ‘डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ (DIO) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-8 के तहत पंजीकृत एक 'गैर-लाभकारी’ कंपनी है। इसके दो संस्थापक सदस्य ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (BEL)- रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (DPSUs) हैं। ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ नवरत्न कंपनियाँ हैं।
रिमोट सेंसिंग डेटा साझाकरण हेतु ब्रिक्स समझौता
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) ने रिमोट सेंसिंग उपग्रह डेटा साझाकरण में सहयोग के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) के मुताबिक, यह समझौता ब्रिक्स देशों को अपनी अंतरिक्ष एजेंसियों के निर्दिष्ट रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के माध्यम से एक ‘वर्चुअल इंस्टॉलेशन’ के निर्माण में सक्षम बनाता है, जिसमें संबंधित देशों के ग्राउंड स्टेशनों से डेटा प्राप्त किया जा सकेगा। यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण संरक्षण जैसी चुनौतियों का सामना करने में ब्रिक्स अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने में योगदान देगा। यह समझौता ब्रिक्स में भारत की अध्यक्षता के तहत हस्ताक्षरित किया गया है।