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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 जुलाई, 2021

  • 20 Jul 2021
  • 8 min read

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना

हाल ही में राजस्थान सरकार ने ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मीटर का प्रयोग करने वाले कृषि उपभोक्ताओं को बिजली बिलों पर प्रतिमाह 1,000 रुपए और एक वर्ष में अधिकतम 12,000 रुपए प्रदान किये जाएंगे। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस योजना के परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 1,450 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस व्यवस्था के तहत बिजली वितरण कंपनियों द्वारा द्विमासिक आधार पर बिजली बिल जारी किये जाएंगे।  वहीं केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी तथा अन्य आयकरदाता सब्सिडी हेतु पात्र नहीं होंगे। पात्र उपभोक्ताओं को योजना के साथ अपना आधार नंबर व बैंक खाता लिंक कराना होगा, जिसके पश्चात् वे इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। योजना के तहत अनुदान राशि केवल तभी प्रदान की जाएगी, जब उपभोक्ताओं द्वारा सभी प्रकार की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। बकाया राशि का भुगतान करने के बाद ही उपभोक्ता को आगामी बिजली बिल पर सब्सिडी राशि देय होगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के दौरान की गई थी। इस योजना हेतु ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जा सकता है।

सीमा नंदा

संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट ने भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सीमा नंदा की नियुक्ति श्रम विभाग के सॉलिसिटर के रूप में की है। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीमा नंदा ने ओबामा प्रशासन के दौरान भी श्रम विभाग में काम किया था। सीमा नंदा ने ओबामा-बाइडेन प्रशासन में अमेरिकी श्रम विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ और डिप्टी सॉलिसिटर के रूप में कार्य किया। इससे पूर्व उन्होंने श्रम एवं रोज़गार अधिवक्ता के तौर पर विभिन्न भूमिकाओं में 15 वर्ष से अधिक समय तक सरकारी विभागों में कार्य किया था। सीमा नंदा वर्तमान में हार्वर्ड लॉ स्कूल के लेबर एंड वर्कलाइफ प्रोग्राम में फेलो हैं। वह कनेक्टिकट (अमेरिका) में पली-बढ़ी और ब्राउन यूनिवर्सिटी तथा बोस्टन कॉलेज लॉ स्कूल से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वह मैसाचुसेट्स बार एसोसिएशन की सदस्य भी हैं। इसके अतिरिक्त वह कई गैर-लाभकारी संगठनों के निदेशक मंडल का हिस्सा रही हैं। गौरतलब है कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन में कई भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया था, जिसमें सबसे प्रमुख उदाहरण अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हैं।

यूएनडीपी इक्वेटर प्राइज़ 2021

हाल ही में ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कोष’ (UNDP) द्वारा दो भारतीय इकाइयों को प्रतिष्ठित ‘इक्वेटर प्राइज़’ के लिये चुना गया है। तमिलनाडु स्थित ‘अधीमलाई पझंगुडियिनर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड’ और कर्नाटक स्थित ‘स्नेहकुंजा ट्रस्ट’ को संरक्षण एवं जैव विविधता के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए कार्य के लिये इस पुरस्कार हेतु चुना गया है। ‘अधीमलाई पझंगुडियिनर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड’ एक 1,700 सदस्यीय सहकारी संगठन है, जिसका प्रबंधन और संचालन पूरी तरह से तमिलनाडु के नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व के स्वदेशी लोगों द्वारा किया जाता है। इस संगठन ने पिछले आठ वर्षों में वन उत्पादों और फसलों की विविध श्रेणी के प्रसंस्करण एवं विपणन के माध्यम से 147 गाँवों के लोगों की आजीविका में सुधार किया है। वहीं ‘स्नेहकुंजा ट्रस्ट’ बीते 45 वर्षों से समुदाय आधारित बहाली और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए पश्चिमी घाट एवं कर्नाटक तट में संवेदनशील आर्द्रभूमि व तटीय पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा कर रहा है। इस ट्रस्ट ने पारंपरिक ज्ञान के आधार पर संसाधनों के सतत् प्रबंधन हेतु सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों और ग्राम वन समितियों का समर्थन किया है। ट्रस्ट वर्तमान में देश की पहली ब्लू कार्बन परियोजना का संचालन कर रहा है। ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कोष’ द्वारा जैव विविधता के संरक्षण तथा सतत् उपयोग के माध्यम से गरीबी को कम करने के सामुदायिक प्रयासों को मान्यता देने हेतु यह द्विवार्षिक पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

 जयनगर-कुर्था रेल ट्रैक

भारत और नेपाल के बीच रेल संपर्क बहाल करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में हाल ही में जयनगर (भारत) और कुर्था (नेपाल) के बीच रेल ट्रैक का सफल परीक्षण किया गया है। बिहार के मधुबनी ज़िले के जयनगर और पड़ोसी देश नेपाल के धनुसा ज़िले के कुर्था के बीच इस 34.50 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक पर हाई स्पीड ट्रेन के साथ ट्रायल किया गया। 619 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस रेलवे लाइन में पाँच स्टेशन शामिल हैं- जयनगर, इनरवा, खजूरी, बैदेही और नेपाल में प्रसिद्ध तीर्थस्थल जनकपुर के पास कुर्था। इस परियोजना का 17 किलोमीटर लंबा दूसरा चरण कुर्था और भंगहा को जोड़ेगा, जबकि 17 किलोमीटर लंबा तीसरा चरण भंगहा से बर्दीबास को जोड़ेगा। जयनगर-कुर्था रेलवे लिंक की स्थापना ‘इरकॉन इंटरनेशनल’ द्वारा भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत भारत सरकार द्वारा दिये गए वित्त के माध्यम से की गई है। ‘इरकॉन इंटरनेशनल’ भारतीय रेल मंत्रालय के तहत भारत सरकार का एक सार्वजानिक उपक्रम है जिसे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित किया गया था।

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