Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 अगस्त, 2020 | 20 Aug 2020
शंकर दयाल शर्मा
19 अगस्त, 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त, 1918 को हुआ था। शंकर दयाल शर्मा ने अपनी उच्च शिक्षा आगरा और लखनऊ विश्वविद्यालयों में प्राप्त की और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) से कानून में पीएचडी (PhD) की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1940 में लखनऊ में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कर दी, इसके कुछ समय पश्चात् वे भारतीय राष्ट्रीय काॅॅन्ग्रेस (Indian National Congress) में शामिल हो गए। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वे लगभग आठ महीनों तक जेल में रहे। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शंकर दयाल शर्मा स्वतंत्र भारत के राजनीतिक वातावरण में सक्रिय हो गए और उन्होंने राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर कार्य किया। शंकर दयाल शर्मा ने वर्ष 1992 से वर्ष 1997 तक देश के नौवें राष्ट्रपति के तौर पर कार्य किया, उन्हें वर्ष 1984 में आंध्रप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री और अकाली दल के अध्यक्ष के बीच लोंगोवाल-राजीव समझौते के मद्देनज़र शंकर दयाल शर्मा को वर्ष 1985 में पंजाब का राज्यपाल बनाया गया था। इसके बाद वे 3 सितंबर, 1987 से भारत के आठवें उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा के पदेन सभापति बने, इसके बाद उन्होंने वर्ष 1992 में राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। शंकर दयाल शर्मा का 26 दिसंबर, 1999 को नई दिल्ली में 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020
आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय (MoUHA) द्वारा आयोजित स्वच्छ महोत्सव में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा घोषित 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2020' (Swachh Survekshan 2020) में प्रथम पुरस्कार मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) शहर को मिला है। इंदौर ने यह पुरस्कार लगातार चौथी बार प्राप्त किया है। गंगा नदी के तट पर बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला। इस श्रेणी में गुजरात के सूरत को दूसरा स्थान, जबकि महाराष्ट्र स्थित नवी मुंबई को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। नई दिल्ली को देश की सबसे स्वच्छ राजधानी शहर के लिये पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ को 100 से अधिक शहरों वाले राज्यों की श्रेणी में पहला स्थान मिला और झारखंड को 100 से कम शहरों वाले राज्य की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला। जालंधर छावनी बोर्ड को देश के सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड का पुरस्कार दिया गया। चालीस लाख से अधिक आबादी वाले सबसे स्वच्छ शहरों में गुजरात का अहमदाबाद शीर्ष पर रहा। यह देश के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण का पांचवाँ संस्करण है। वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण, एक अखिल भारतीय स्वच्छता सर्वेक्षण है जो भारत के शहरों, कस्बों और राज्यों को स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और समग्र स्वच्छता के आधार पर मूल्यांकित करता है। केंद्र सरकार ने देश में स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत व्यापक पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी और देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने के लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की थी।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने के उद्देश्य से एक नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति का अनावरण किया। राज्य सरकार की इस नीति का लक्ष्य आगामी पाँच वर्षों में 40,000 करोड़ रुपए के निवेश को आमंत्रित करना और चार लाख प्रत्यक्ष रोज़गार सृजित करना है। इस नई नीति के तहत पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिये बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना वाले निवेशकों को भूमि सब्सिडी की दोगुनी दर प्रदान की गई है। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति, 2017 को काफी अच्छी सफलता मिली और इसने तीसरे वर्ष में ही निवेश और रोज़गार सृजन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे क्षेत्रों को विश्व में उभरते मोबाइल विनिर्माण केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित किया गया है, जिन्होंने कई देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित किया है। आँकड़ों के अनुसार, भारत में निर्मित होने कुल मोबाइल फोनों में से 60 प्रतिशत से अधिक का निर्माण केवल उत्तर प्रदेश में किया जाता है।
जी.पी. गर्ग
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में जी.पी. गर्ग (G.P. Garg) को अपना नया कार्यकारी निदेशक (Executive Director) चुना है। इस संबंध में SEBI द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, जी.पी. गर्ग अपनी पदोन्नति से पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (Chief General Manager) के रूप में कार्य कर रहे थे। जनवरी 1994 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) में शामिल होने के बाद से वे SEBI में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। जी.पी. गर्ग ने देश में वित्तीय साक्षरता और निवेश शिक्षा पर सेबी (SEBI) की पहल में भी निकटता से शामिल रहे थे। जी.पी. गर्ग ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज़ मार्केट्स (NISM) की स्थापना में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें महाराष्ट्र के पातालगंगा में एक अत्याधुनिक कैंपस की स्थापना भी शामिल है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। सेबी का मुख्य कार्य प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना है। साथ ही यह प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करने, उसे विनियमित करने और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करने का कार्य भी करता है।