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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 जनवरी, 2021

  • 19 Jan 2021
  • 6 min read

‘वन स्कूल, वन आईएएस’ कार्यक्रम

हाल ही में केरल के राज्यपाल द्वारा राज्य के मेधावी और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के तकरीबन 10,000 छात्रों को सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये मुफ्त कोचिंग प्रदान करने हेतु ‘वन स्कूल, वन आईएएस’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का आयोजन केरल के ‘वेदिक एरुडाइट फाउंडेशन’ द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य तौर पर सरकारी और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालयों के ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्र के छात्रों को शामिल किया जाएगा। यह उच्च शिक्षण मंच विद्यार्थियों को भविष्य की योजना बनाने और उन्हें एक सिविल सेवक के रूप में स्वयं का विकास करने में सहायता प्रदान करेगा। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए राज्य के गवर्नर ने कहा कि ‘एक सिविल सेवक के रूप में कार्य करना देश के हज़ारों युवाओं का सपना होता है, किंतु उनमें से अधिकांश लोग यह नहीं जानते हैं कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने की शुरुआत कहाँ से करनी है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को अनुभवी सिविल सेवकों के माध्यम से उचित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा। 

उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान

17 जनवरी, 2021 को सुप्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का मुंबई में 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 3 मार्च, 1931 को उत्तर प्रदेश के बदायूँ में जन्मे उस्ताद गुलाम मुस्तफा अपने भाई- बहनों में सबसे बड़े थे। उस्ताद गुलाम मुस्तफा प्रसिद्ध संगीतकारों के परिवार से थे। उन्हें बुनियादी शास्त्रीय संगीत का प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने पिता से मिला था, इसके पश्चात् उन्होंने अपने चचेरे भाई, उस्ताद निसार हुसैन खान के अधीन संगीत का अध्ययन किया। संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1991 में पद्मश्री, वर्ष 2006 में पद्म भूषण और वर्ष 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2003 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो कि कलाकारों को दिया जाने वाला सर्वोच्च भारतीय सम्मान है। 

'रक्षिता' एंबुलेंस

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) को एक मोटर बाइक-आधारित एंबुलेंस प्रदान की है, जिसे मुख्य तौर पर भीड़भाड़ वाली सड़कों और दूरदराज़ के स्थानों में रहने वाले लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। 'रक्षिता' नाम की इस बाइक-आधारित एंबुलेंस को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की एक प्रमुख प्रयोगशाला ‘इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज़’ (INMAS) द्वारा विकसित किया गया है। 'रक्षिता' एंबुलेंस उन क्षेत्रों के लिये काफी लाभदायक साबित होगी, जहाँ बड़ी एंबुलेंस के माध्यम से नहीं पहुँचा जा सकता है। इस एंबुलेंस में एक आकस्मिक निकासी सीट (CES) भी है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर लगाया और निकाला जा सकता है। इसमें मेडिकल और ऑक्सीजन किट भी मौजूद है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल प्रयोग किया जा सकता है। ज्ञात हो कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को भारत भर में कई दुर्गम स्थानों पर नियुक्त किया जाता है, ऐसे में पारंपरिक एंबुलेंस के माध्यम से घायल और बीमार जवानों को अस्पताल पहुँचाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, DRDO द्वारा विकसित 'रक्षिता' एंबुलेंस से जवानों का समय पर उपचार करने में मदद मिलेगी। 

श्रम आंदोलन संग्रहालय 

केरल में जल्द ही विश्व श्रम आंदोलन के इतिहास को दर्शाने वाला भारत का पहला श्रम आंदोलन संग्रहालय लॉन्च किया जाएगा। केरल के इस श्रम संग्रहालय में तमाम तरह के दस्तावेज़ों का एक विशाल भंडार मौजूद होगा, इससे विश्व के (विशेष तौर पर भारत के) श्रम आंदोलनों के स्वरूप को समझने में सहायता मिलेगी। इससे राज्य में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस संग्रहालय में चित्रों, दस्तावेज़ों और अन्य प्रदर्शनों के माध्यम से विश्व श्रम आंदोलन के इतिहास और केरल के श्रम आंदोलन के इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा। तकरीबन 9.95 करोड़ रुपए की लागत के साथ इस संग्रहालय का नवीकरण संबंधी 97 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।

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