Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अप्रैल, 2022 | 19 Apr 2022
विश्व यकृत दिवस
लिवर/यकृत के महत्त्व और उससे संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को विश्व यकृत दिवस का आयोजन किया जाता है। यकृत, मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सहित विभिन्न जटिल कार्य करता है। ज्ञात हो कि यकृत मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और पाचनतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यकृत मानव शरीर मे मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों से निपटने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों के निस्यंदन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और रक्त का थक्का जमने में मदद करने आदि कार्य करता है। एक व्यक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से यकृत संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें अस्वास्थ्यकर जीवन एवं खानपान की शैली, एल्कोहॉल एवं फास्ट फूड का अत्यधिक प्रयोग और अत्यधिक वज़न तथा टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा यकृत संबंधी रोग अनुवांशिक भी हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में यकृत की बीमारियाँ मृत्यु का 10वाँ सबसे आम कारण है।
गुरु तेग बहादुर
21 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सिख धर्म के गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur) के 400वें पर्व को संबोधित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को नई दिल्ली के लाल किले में किया जाएगा तथा इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक स्मारकीय डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। गुरु तेग बहादुर नौवें सिख गुरु थे, जिन्हें अक्सर सिखों द्वारा ‘मानवता के रक्षक’ (श्रीष्ट-दी-चादर) के रूप में याद किया जाता है। गुरु तेग बहादुर एक महान शिक्षक के अलावा एक उत्कृष्ट योद्धा, विचारक और कवि भी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक, ईश्वर, मन और शरीर की प्रकृति के विषय में विस्तृत वर्णन किया। उनके लेखन को पवित्र ग्रंथ ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ (Guru Granth Sahib) में 116 काव्यात्मक भजनों के रूप में रखा गया है। ये एक उत्साही यात्री भी थे और उन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सिक्ख उपदेश केंद्र स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने ऐसे ही एक मिशन के दौरान पंजाब में चाक-नानकी शहर की स्थापना की, जो बाद में पंजाब के आनंदपुर साहिब का हिस्सा बन गया। गुरु तेग बहादुर को वर्ष 1675 में दिल्ली में मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश के बाद मार दिया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे देश के अगले थल सेना प्रमुख घोषित किये गए। केंद्र सरकार ने नए सेनाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारतीय थल सेना के 29वें सेनाध्यक्ष होंगे। वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अपने 28 माह के कार्यकाल के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। कई विशेष सैन्य आपरेशनों में हिस्सा ले चुके लेफ्टिनेंट जनरल पांडे इस समय देश के उप सेना प्रमुख हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने दिसम्बर,1982 में कार्प्स ऑफ इंजीनियर में बतौर सेना अधिकारी कमीशन हासिल किया था। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान प्लांवाला सेक्टर में इंजीनियर रेजीमेंट का नेतृत्व किया। उप सेना प्रमुख बनने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पूर्वी कमान के कमांडिंग आफिसर और अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ का पद भी संभाल चुके हैं। इन्हें अपनी सेवाओं के लिये परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति
हाल ही में बिजली की कीमतों में वृद्धि और खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च माह में भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 14.55% तक हो हो गई। मार्च 2021 में WPI आधारित महंगाई दर 7.89% रही। इस वृद्धि का कारण खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा बुनियादी धातुओं की कीमतों में दर्ज़ की गई बढ़ोत्तरी थी क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। थोक मूल्य सूचकां थोक व्यवसायों द्वारा अन्य व्यवसायों को बेचे जाने वाले सामानों की कीमतों में बदलाव को मापता है। इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक है। वर्ष 2017 में अखिल भारतीय WPI के लिये आधार वर्ष को 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया था।