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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अक्तूबर, 2021

  • 18 Oct 2021
  • 7 min read

विश्‍व खाद्य दिवस

प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर ‘खाद्य और कृषि संगठन’ (FAO) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिये 16 अक्तूबर को ‘विश्व खाद्य दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस भूख, कुपोषण, खाद्य स्थिरता एवं खाद्य उत्पादन हेतु जागरूकता बढ़ाने पर ज़ोर देता है। इस वर्ष के विश्‍व खाद्य दिवस का विषय है- 'स्वस्थ भविष्य के लिये सुरक्षित भोजन।' इस वर्ष का विषय उन व्यक्तियों की सराहना करने पर आधारित है, जिन्होंने ऐसे स्थायी वातावरण बनाने में योगदान दिया है, जहाँ कोई भी भूखा न रहे। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्‍थापना वर्ष 1945 में कृषि उत्‍पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य के साथ की गई थी। खाद्य और कृषि संगठन का मुख्यालय रोम, इटली में स्थित है। ‘खाद्य और कृषि संगठन’ की प्रमुख पहलों में ‘विश्व स्तरीय महत्त्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली’ (GIAHS), विश्व में मरुस्थलीय टिड्डी की स्थिति पर नज़र रखना, कोडेक्स एलेमेंट्रिस आयोग (CAC) और ‘प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज़ पर अंतर्राष्ट्रीय संधि’ आदि शामिल हैं। 

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड

16 अक्तूबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड’ (NSG) का 37वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। वर्ष 1984 के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संघीय आकस्मिक बल (Federal Contingency Force) गठित करने का निर्णय लिया, जिसमें सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिये आधुनिक तकनीक से सुसज्जित और प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया गया। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। सामान्यतः इनको ब्लैक कैट (Black Cats) के नाम से जाना जाता है। चूँकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में अत्यधिक प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया जाता है, अतः इसका उपयोग भी विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। आंतरिक सुरक्षा को स्थिर रखने में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की भूमिका प्रमुख है। असाधारण स्थितियों में विशेष आतंकवाद निरोधक बल के रूप में इनकी तैनाती की जाती है और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance) की नीति में NSG की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। NSG में भर्ती भारत के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और भारतीय सशस्त्र बलों से की जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस

ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 15 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस’ का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस दिवस का उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना, खाद्य सुरक्षा में सुधार करना और ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में स्वदेशी महिलाओं सहित ग्रामीण महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका एवं योगदान को मान्यता देना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2007 को अपने संकल्प 62/136 में इस दिवस की स्थापना को मंज़ूरी दी थी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों में कुल कृषि श्रम शक्ति में 40% महिलाएँ शामिल हैं। दक्षिण अमेरिकी देशों में यह आँकड़ा लगभग 20% है, जबकि एशिया और अफ्रीका में कृषि श्रम शक्ति में महिलाओं का आँकड़ा 50% से अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की उपयुक्त संसाधनों एवं संपत्तियों, सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी अवसंरचना, जिसमें जल एवं स्वच्छता भी शामिल है, तक समान पहुँच नहीं है। 

‘लूसी’ अंतरिक्ष मिशन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में ‘बृहस्पति’ ग्रह के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का पता लगाने हेतु 12 वर्ष के मिशन पर ‘लूसी’ (Lucy) नामक एक अंतरिक्षयान लॉन्च किया, जिसके माध्यम से सौरमंडल के गठन से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त हो सकती हैं। इस मिशन का नाम एक पूर्व-मानव पूर्वज के एक प्राचीन जीवाश्म के नाम पर ‘लूसी’ रखा गया है, जो कि इतनी लंबी यात्रा करने वाला पहला सौर-संचालित अंतरिक्षयान बन जाएगा और यह ‘बृहस्पति’ ग्रह पर कुल आठ क्षुद्रग्रहों का निरिक्षण करेगा। ‘लूसी’ सर्वप्रथम वर्ष 2025 में मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में ‘डोनाल्डजोहानसन’ नामक क्षुद्रग्रह पर पहुँचेगा। इस क्षुद्रग्रह का नाम ‘लूसी’ जीवाश्म के खोजकर्त्ता के नाम पर रखा गया है। ज्ञात हो कि बृहस्पति के पास मौजूद ट्रोजन क्षुद्रग्रह, जिनकी संख्या 7,000 से अधिक है, हमारे सौरमंडल के विशाल ग्रहों- बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून के निर्माण से बचे हुए अवशेष हैं। वैज्ञानिकों का मानना ​​​​है कि उनके पास प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क की संरचना और भौतिक स्थितियों के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मौजूद है

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