Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 मार्च, 2021 | 18 Mar 2021
विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल
हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री ने सूचित किया है कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में बनया जा रहा यह रेलवे पुल नदी तल से 359 मीटर ऊँचा होगा और पेरिस के सुप्रसिद्ध आइफिल टावर से भी 30 मीटर ऊँचा होगा। एक बार निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह रेलवे पुल चीन की बीपन नदी पर निर्मित शुआईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकॉर्ड भी तोड़ देगा। तकरीबन 1,250 करोड़ रुपए की लागत वाले इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। ज्ञात हो कि यह रेलवे पुल लगभग 8 तीव्रता वाले भूकंप का सामना करने में सक्षम है। यह रेलवे पुल जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक महत्त्वाकांक्षी रेलवे परियोजना का हिस्सा है। उत्तर रेलवे दिसंबर 2022 तक ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के सबसे कठिन 111 किलोमीटर लंबे खंड को पूरा करेगा, जो रेलवे नेटवर्क के माध्यम से कश्मीर को शेष भारत से जोड़ेगा। 272 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन उत्तर रेलवे द्वारा अनुमानित 28,000 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। जम्मू-कश्मीर का समग्र विकास सुनिश्चित करने और वैकल्पिक एवं विश्वसनीय परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराने के लिये यह रेल परियोजना काफी महत्त्वपूर्ण है।
कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड
भारत के कल्याणी ग्रुप और इज़रायल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स के संयुक्त उपक्रम ‘कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ (KRAS) ने भारतीय सेना और वायुसेना को मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) किट की डिलीवरी शुरू कर दी है। कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत की निजी क्षेत्र की इकाई है, जो उन्नत विनिर्माण क्षमताओं और सुविधाओं के लिये विशेष रूप से रक्षा बलों द्वारा प्रयोग किये जा रहे अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों की असेम्बलिंग, एकीकरण और परीक्षण (AIT) के लिये समर्पित है। मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) किट की डिलीवरी भारत के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ की दिशा में महत्त्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2019 में 1,000 ‘बराक-8’ मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल किट बनाने के लिये 100 मिलियन डॉलर का ऑर्डर मिला था।
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन को ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ एक विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो दुनिया भर के विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर टयूबरक्लोसिस यानी क्षय रोग के विरुद्ध संघर्ष हेतु अभियान चलाती है। दुनिया के विभिन्न भागों में साझेदारी के चलते इस वैश्विक संगठन की विशिष्ट मान्यता है और इसे टीबी को खत्म करने के लिये चिकित्सा, सामाजिक और वित्तीय विशेषज्ञता की आवश्यकता पड़ती है। ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर हर्षवर्द्धन जुलाई 2021 को अपना पद संभालेंगे और उनका कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। डॉक्टर हर्षवर्द्धन को इस संस्था का अध्यक्ष बनाया जाना टीबी को खत्म करने के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है। ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ का मुख्य उद्देश्य जन स्वास्थ्य की समस्या बन चुके ट्यूबरकुलोसिस को जड़ से खत्म करना है। वर्तमान में इस संगठन के साथ 1500 साझेदार संगठन जुड़े हुए हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय, गैर-सरकारी, सरकारी समूह शामिल हैं। संगठन का सचिवालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ के संरक्षण हेतु राजस्थान और गुजरात में कम वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत (अंडर ग्राउंड) करने और उच्च वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों में बर्ड डायवर्टर लगाने पर विचार किये जाने का सुझाव दिया है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ की संख्या में आ रही गिरावट के मामले की सुनवाई करते हुए ये सुझाव दिये। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड या सोन चिड़िया विश्व में सबसे अधिक वज़न के उड़ने वाले पक्षियों में से एक है, यह पक्षी मुख्यतया भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। एक समय इस पक्षी का नाम भारत के संभावित राष्ट्रीय पक्षियों की सूची में शामिल था। वर्तमान में विश्व भर में इनकी संख्या 150 के लगभग बताई जाती है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 की अनुसूची-1 में तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ की श्रेणी में रखा गया है।