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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 जून, 2021

  • 18 Jun 2021
  • 8 min read

ऑटिस्टिक प्राइड डे

प्रतिवर्ष 18 जून को विश्व स्तर पर 'ऑटिस्टिक प्राइड डे' के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य ‘ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर’ नामक विकार से पीड़ित लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों को प्रायः मानवाधिकारों के उल्लंघन, भेदभाव और तमाम तरह की गलत धारणाओं का सामना करना पड़ता है। ‘ऑटिस्टिक प्राइड डे’ का लक्ष्य इसी प्रकार के भेदभाव को समाप्त कर ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। ‘ऑटिस्टिक प्राइड डे’ पहली बार वर्ष 2005 में ‘एस्पीज़ फॉर फ्रीडम’ नाम नागरिक संगठन द्वारा मनाया गया था। ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) सामाजिक विकृतियों, संवाद में परेशानी, प्रतिबंधित, व्यवहार का दोहराव और व्यवहार का स्टिरियोटाइप पैटर्न द्वारा पहचाना जाने वाला तंत्रिका विकास संबंधी जटिल विकार है। नीले रंग को ऑटिज़्म का प्रतीक माना गया है। इस विकार के लक्षण जन्म या बाल्यावस्था (पहले तीन वर्षों) में ही नज़र आने लगते हैं। यह विकार व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है। इस विकार से पीड़ित बच्चों का विकास अन्य बच्चों से अलग होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, विश्व स्तर पर प्रत्येक 160 बच्चों में से एक बच्चा ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एक ऐसे पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण पर ज़ोर देता है, जो ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों का समर्थन करता हो। 

सत्या नडेला

हाल ही में अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने ‘जॉन थॉम्पसन’ के स्थान पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सत्या नडेला को अपना नया अध्यक्ष नामित किया है। जॉन थॉम्पसन, जिन्होंने वर्ष 2014 में कंपनी के सह-संस्थापक बिल गेट्स का स्थान लिया था, अब कंपनी के प्रमुख स्वतंत्र निदेशक के रूप में काम करेंगे। 19 अगस्त, 1967 को हैदराबाद में जन्मे सत्या नडेला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद में ही प्राप्त की। इसके पश्चात् उन्होंने ‘मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान’ से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और बाद में उन्होंने अमेरिका से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की। सत्या नडेला वर्ष 1992 में एक युवा इंजीनियर के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट में शामिल हुए थे। इसके पश्चात् वर्ष 2000 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट सेंट्रल के उपाध्यक्ष के रूप में अपनी पहली कार्यकारी भूमिका हासिल की। वर्ष 2011 में उन्हें सर्वर और टूल्स डिवीज़न का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उनका प्राथमिक कार्य एज़्योर क्लाउड प्लेटफॉर्म, विंडोज़ सर्वर और SQL सर्वर डेटाबेस आदि के डेटा केंद्रों के उत्पादों की देखरेख करना था। स्टीव बाल्मर के पद छोड़ने के बाद सत्या नडेला ने 4 फरवरी 2014 को ‘मुख्य कार्यकारी अधिकारी’ (CEO) के रूप में माइक्रोसॉफ्ट की बागडोर संभाली। 

‘जूनटींथ’ फेस्टिवल

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही 19 जून को ‘जूनटींथ’ फेस्टिवल के रूप में आधिकारिक मान्यता प्रदान करने संबंधी कानून पर हस्ताक्षर करेंगे, जो इसे अमेरिकी नागरिक युद्ध (1861-65) के बाद दासता के अंत की याद में संघीय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय अवकाश बनाएगा। ध्यातव्य है कि अमेरिकी काॅॅन्ग्रेस द्वारा पहले से ही इस संबंध में विधेयक को मंज़ूरी दी जा चुकी है। ‘जूनटींथ’ अमेरिका में दासता के अंत के अंत को चिह्नित करने संबंधी सबसे पुराना राष्ट्रीय स्मरणोत्सव है, जिसे प्रतिवर्ष 19 जून को आयोजित किया जाता है। वर्तमान में इसे 47 अमेरिकी राज्यों द्वारा अवकाश के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसे मुक्ति दिवस या जूनटींथ स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी जाना जाता है। ज्ञात हो कि 1 जनवरी, 1863 को तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने मुक्ति उद्घोषणा जारी की थी, जिसमें घोषणा की गई कि विद्रोह के दौरान राज्यों के भीतर ‘गुलाम के रूप में रखे गए सभी व्यक्ति अब स्वतंत्र होंगे। हालाँकि इस घोषणा के बाद भी कई लोगों ने दासों को रखना जारी रखा। इसके पश्चात् 19 जून, 1865 को मेजर जनरल गॉर्डन ग्रेंजर गैल्वेस्टन ने गृहयुद्ध और दासता दोनों के अंत की घोषणा कर दी। तब से यह अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिये स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करने वाली एक  प्रतीकात्मक तिथि बन गई है।

नेशनल मैरीटाइम हैरिटेज कॉम्प्लेक्स

हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा संस्कृति मंत्रालय ने गुजरात के लोथल में 'नेशनल मैरीटाइम हैरिटेज कॉम्प्लेक्स (NMHC) के विकास में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। ‘नेशनल मैरीटाइम हैरिटेज कॉम्प्लेक्स’ को भारत में अपनी तरह की पहली संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा, जो पूर्ण रूप से भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के प्रति समर्पित होगी। इस कॉम्प्लेक्स के माध्यम से देश के प्राचीन समुद्री इतिहास और जीवंत तटीय परंपरा दोनों को एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने में सुविधा होगी और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की समुद्री विरासत की छवि का उत्थान होगा। ‘नेशनल मैरीटाइम हैरिटेज कॉम्प्लेक्स’ को लगभग 400 एकड़ के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, लाइट हाउस संग्रहालय, विरासत थीम पार्क, संग्रहालय थीम वाले होटल, समुद्री थीम वाले इको-रिसॉर्ट्स और समुद्री संस्थान जैसी विभिन्न अनूठी संरचनाएँ शामिल होंगी, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। ज्ञात हो कि यह परिसर गुजरात के लोथल में स्थापित किया जा रहा है, जो कि 2400 ईसा पूर्व की प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक है।

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