Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अगस्त, 2021 | 18 Aug 2021
अफगानिस्तान के लिये आपातकालीन वीज़ा
हाल ही में भारत सरकार ने भारत में प्रवेश के लिये तत्काल आवेदनों को सुविधाजनक बनाने हेतु इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा की एक विशेष श्रेणी- 'e-Emergency X-Misc Visa’ से संबंधित नए नियम प्रस्तुत किये हैं। वीज़ा संबंधी ये नए प्रावधान विशेष रूप से अफगान नागरिकों के लिये पेश किये गए हैं, क्योंकि तालिबान के कब्ज़े के बाद से अफगानिस्तान की स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। इस प्रकार का वीज़ा उन विदेशी नागरिकों को जारी किया जाता है, जो वीज़ा की मौजूदा श्रेणियों में शामिल नहीं हैं, लेकिन किसी विशिष्ट आपात स्थिति के कारण उनके लिये तत्काल भारत आना आवश्यक है। इस प्रकार एकल-प्रवेश वीज़ा प्रायः भारतीय मिशनों/केंद्रों द्वारा उचित अवधि के लिये जारी किया जाता है। पुराने नियमों के मुताबिक, अफगान नागरिकों को इस श्रेणी के अंतर्गत शामिल नहीं किया जाता था और उन्हें वीज़ा प्राप्त करने के लिये स्वयं दूतावास में उपस्थित होना पड़ता था। हालाँकि अब काबुल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी अफगान नागरिकों को ई-वीज़ा के लिये आवेदन करने की अनुमति दे दी गई है। नियमो के मुताबिक, भारत में आपातकालीन पुनर्वास चाहने वाले व्यक्तियों को प्रारंभ में छः माह के लिये आपातकालीन वीज़ा जारी किया जाएगा।
मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन का इस्तीफा
लंबे समय से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुहिद्दीन यासीन ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने 17 महीने के कार्यकाल के बाद इस्तीफा दिया है, जो कि मलेशिया के किसी भी प्रधानमंत्री का अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश मलेशिया के राजा ने नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक मुहिद्दीन यासीन को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया है, हालाँकि इसके लिये कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। गौरतलब है कि मलेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक संघीय राज्य है। मलेशिया मुख्य तौर पर दो क्षेत्रों से मिलकर बना है, जिन्हें दक्षिण चीन सागर द्वारा अलग किया जाता है- ‘पश्चिम मलेशिया’ (उत्तर में थाईलैंड और दक्षिण में सिंगापुर के साथ सीमा) और ‘पूर्वी मलेशिया’ (बोर्नियो द्वीप का उत्तरी भाग, जो दक्षिण में इंडोनेशिया और ब्रुनेई के साथ सीमा साझा करता है)। मलेशिया भूमध्य रेखा के काफी करीब स्थित है। मलेशिया की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पाम आयल के कारोबार पर निर्भर है और भारत प्रतिवर्ष लगभग 90 लाख टन पाम तेल मलेशिया तथा इंडोनेशिया से आयात करता है।
माकी काजी
हाल ही में ‘सुडोकू के गॉडफादर’ के रूप में प्रसिद्ध जापान के ‘माकी काजी’ का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। माकी काजी ने ‘सुडोकू’ को 1980 के दशक में सर्वप्रथम अपनी पत्रिका ‘निकोली’ में प्रकाशित किया था। तब से यह लोकप्रिय खेल- जिसमें 9x9 ग्रिड की प्रत्येक पंक्ति, स्तंभ और वर्ग में 1 से 9 तक की संख्या भरनी होती है, दुनिया भर में फैल गया है। दुनिया भर में इस नंबर पहेली के टूर्नामेंट आयोजित किये जाते हैं और यह अनुमान है कि प्रतिदिन लाखों लोग इस खेल के अलग-अलग संस्करण खेलते हैं। माकी काजी का जन्म उत्तरी जापान के ‘साप्पोरो’ शहर में वर्ष 1951 में हुआ था। जापान के ‘कीओ विश्वविद्यालय’ से अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के बाद उन्होंने एक पहेली पत्रिका ‘निकोली’ की स्थापना की और अगस्त 1980 में इसका पहला संस्करण प्रकाशित किया गया। एक खेल के रूप में ‘सुडोकू’ की उत्पत्ति का इतिहास स्पष्ट नहीं है, एक मत के अनुसार, इस खेल की उत्पत्ति का श्रेय 18वीं शताब्दी के स्विस गणितज्ञ ‘यूलर’ को दिया जाता है, जबकि एक अन्य मत के अनुसार, यह 8वीं या 9वीं शताब्दी में भारत के रास्ते चीन से अरब जगत में आया। ‘निकोली’ पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद ‘सुडोकू’ खेल जापान समेत दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया।
‘बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना’ का विस्तार
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में राज्य के 96 लाख परिवारों को कवर करने के लिये प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना ‘बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना’ (BSKY) के विस्तार की घोषणा की है, गौरतलब है कि अब तक इस योजना के माध्यम से राज्य के लगभग 71.69 लाख परिवारों को कवर किया जा रहा था। योजना के तहत राज्य की कुल 4.5 करोड़ आबादी में से लगभग 3.5 करोड़ लोगों को जल्द ही ‘स्मार्ट हेल्थ कार्ड’ प्रदान कर दिये जाएंगे। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाना है। ज्ञात हो कि ओडिशा सरकार ने केंद्र की प्रमुख योजना, ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (AB-PMJAY) को लागू नहीं किया है, बल्कि इसके बजाय वर्ष 2018 में ‘बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना’ को लॉन्च किया था। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज का लाभ उठा सकता है, जबकि परिवार की महिला सदस्य प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए तक का लाभ उठा सकती है।