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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 नवंबर, 2023

  • 17 Nov 2023
  • 3 min read

राष्ट्रीय एपिलेप्सी (मिर्गी) दिवस

मस्तिष्क विकार के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से जुड़े मिथकों को तोड़ने के लिये भारत में प्रतिवर्ष 17 नवंबर को राष्ट्रीय एपिलेप्सी (मिर्गी) दिवस मनाया जाता है।

  • एपिलेप्सी (मिर्गी) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है, इसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएँ और कभी-कभी अभिज्ञता संबंधी हानि होती है।
    • मस्तिष्क तंत्रिका कोशिका नेटवर्क के साथ व्यवस्थित विद्युत आवेग उत्पन्न करता है, लेकिन मिर्गी में यह संतुलन बाधित हो जाता है और इस प्रकार यह चेतना, गतिविधियों या संवेदनाओं को प्रभावित करता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग एपिलेप्सी से ग्रसित हैं, और भारत में मिर्गी से पीड़ितों का हिस्सा लगभग 10-20% है।
  • असामान्य मस्तिष्क गतिविधि के आधार पर मिर्गी के दौरों को मोटे तौर पर फोकल और सामान्यीकृत दौरों में वर्गीकृत किया जाता है।
    • फोकल दौरे के कारण संक्षिप्त भावनात्मक परिवर्तन, अनैच्छिक गतिविधियाँ और चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
    • सामान्यीकृत दौरे में घूरने, मांसपेशियों संबंधी झटके, नियंत्रण की हानि, मरोड़ और अचानक चेतना की हानि सहित विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं।
  • प्रत्येक वर्ष फरवरी के दूसरे सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय एपिलेप्सी (मिर्गी) दिवस (IED) के रूप में मनाया जाता है।

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस

16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत में बहुत महत्त्व  रखता है क्योंकि यह भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना का प्रतीक है, जो पत्रकारिता नैतिकता और स्वतंत्रता के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।

  • अन्य वैश्विक प्रेस या मीडिया परिषदों के विपरीत भारतीय प्रेस परिषद का अद्वितीय अधिकार राज्य के उपकरणों तक भी विस्तृत हुआ है, जो प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
  • वर्ष 1966 में शुरू की गई परिषद की सिफारिश वर्ष 1956 में पहले प्रेस आयोग द्वारा उद्योग हितधारकों वाले एक वैधानिक निकाय के माध्यम से पत्रकारिता में पेशेवर मानकों और नैतिकता को बनाए रखने के लिये की गई थी।

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