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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 मई, 2022

  • 17 May 2022
  • 8 min read

एलिज़ाबेथ बोर्न

16 मई,2022 को फ्रांँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लेबर पार्टी की नेता एलिज़ाबेथ बोर्न को देश की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। 30 साल में दूसरी बार किसी महिला को फ्रांँस का प्रधानमंत्री बनाया गया है। फ्रांँस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्तेक्स ने पिछले महीने मध्यमार्गी इमैनुएल मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपेक्षित कदम के तहत सोमवार को इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद फ्रांँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को एलिज़ाबेथ बोर्न को देश की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जो तीन दशकों में यह पद संभालने वाली पहली महिला होंगी। यानी कि 30 साल में दूसरी बार किसी महिला को फ्रांँस का प्रधानमंत्री बनाया गया है। इससे पूर्व एडिथ 1991 से 1992 तक पीएम रही थीं। एलिज़ाबेथ बोर्न का जन्म 21 अप्रैल, 1926 को अपने दादा जॉर्ज़ पंचम के शासनकाल के दौरान लन्दन में हुआ था।

शहीद सुखदेव

15 मई, 2022 को देश भर में प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी शहीद सुखदेव की जयंती मनाई गई। सुखदेव (1907-1931) उन प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। अपने बचपन के दिनों में ही सुखदेव ने भारत पर ब्रिटिश राज द्वारा किये गए क्रूर अत्याचारों को देखा, जिसने उन्हें क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। सुखदेव, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे। उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के साथ लाहौर में 'नौजवान भारत सभा' ​​की भी शुरुआत की, जिसका प्राथमिक लक्ष्य युवाओं के बीच सांप्रदायिकता को समाप्त कर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिये प्रेरित करना था। सुखदेव, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के सहयोगी थे, जो कि वर्ष 1928 में पुलिस उपाधीक्षक, जॉन सॉन्डर्स की हत्या में शामिल थे। नई दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल बम विस्फोट (8 अप्रैल, 1929) के बाद सुखदेव और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा इस अपराध के लिये उन्हें दोषी ठहराया गया एवं मौत की सज़ा सुनाई गई। 23 मार्च, 1931 को तीन बहादुर क्रांतिकारियों- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांँसी दे दी गई। हालाँकि उनके जीवन ने अनगिनत युवाओं को प्रेरित किया और उनकी मृत्यु ने इन्हें एक मिसाल के रूप में कायम किया।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का रजत जंयती समारोह

17 मई, 2022 को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का रजत जंयती समारोह मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान-आईआईटी, मद्रास के नेतृत्‍व में आठ संस्‍थानों के समूहिक सहयोग से विकसित 5-जी टेस्‍ट बेड भी जारी किये जाएंगे। इस परियोजना में शामिल अन्‍य संस्‍थान हैं- आईआईटी दिल्‍ली, आईआईटी हैदाराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईएससी बंगलूरू, सोसायटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च तथा वायरलेस प्रौद्योगिकी उत्‍कृष्‍टता केंद्र। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) की स्थापना 20 फरवरी, 1997 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 द्वारा की गई थी। TRAI का मिशन देश में दूरसंचार के विकास के लिये अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना एवं इसे बेहतर बनाना है। TRAI दूरसंचार सेवाओं के लिये टैरिफ के निर्धारण/संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को नियंत्रित करता है जो पहले केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आता था। इसका उद्देश्य एक स्वच्छ और पारदर्शी वातावरण प्रदान करना है जिससे कंपनियों के मध्य निष्पक्ष और स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा हो। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। 

रामगढ़ विषधारी अभयारण्य देश का 52वाँ टाइगर रिज़र्व घोषित

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने 16 मई, 2022 को सोशल मीडिया के माध्यम से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को देश का 52वाँ टाइगर रिज़र्व घोषित किया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38 के प्रावधान के अंतर्गत 5 जुलाई, 2021 को रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। वर्तमान में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में टाइगर टी-91 और टी-62 बाघ हैं। पिछले एक साल से टी-115 का लगातार इस रिज़र्व में मूवमेंट बना हुआ है। यह अभयारण्य रणथंभौर टाइगर रिज़र्व और कोटा के मुकुंदरा हिल्स के बीच एक गलियारे के रूप में स्थित है। इस कारण यहाँ बाघों की आवाजाही जारी रहती है। बाघों के मूवमेंट और उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को देखते हुए कई सालों से रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित करने की माँग की जा रही थी। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व की विशेषता इसके पारिस्थितिकी तंत्र और बाघों के अनुकूल वातावरण है। साथ ही यह संरक्षित क्षेत्र भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भालू, सुनहरे सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवरों का आदर्श निवास स्थल भी है। यह अभयारण्य बाघ संरक्षण के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ पुष्प प्रजातियों के लिये भी प्रसिद्ध है।

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