Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 मई, 2021 | 17 May 2021
मृणाल सेन
14 मई, 2021 को देश के मशहूर फिल्म निर्माता मृणाल सेन की 98वीं जयंती मनाई गई। मृणाल सेन का जन्म 14 मई, 1923 को अविभाजित भारत के फरीदपुर शहर (वर्तमान बांग्लादेश) में हुआ था। मृणाल सेन ने कलकत्ता के एक फिल्म स्टूडियो में ऑडियो टेक्नीशियन के रूप में की थी। मृणाल सेन ने अपनी पहली फीचर फिल्म वर्ष 1953 में बनाई थी। वर्ष 1958 में निर्मित उनकी फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ (अंडर द ब्लू स्काई) स्वतंत्र भारत में प्रतिबंधित पहली भारतीय फिल्म थी। उन्होंने अधिकांशतः बंगाली और हिंदी में फिल्मों का निर्देशन किया। कला और फिल्म के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मभूषण से, फ्रांँस की सरकार द्वारा ‘ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेटर्स’ से और रूस की सरकार द्वारा उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप’ से सम्मानित किया गया। उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। भारतीय सिनेमा में ‘न्यू सिनेमा’ आंदोलन को शुरू करने वाले मृणाल सेन स्वयं को ‘निजी मार्क्सवादी’ के रूप में परिभाषित करते थे। 30 दिसंबर, 2018 को हृदय आघात के चलते 95 वर्ष की आयु में कोलकाता में उनका निधन हो गया। उनकी प्रमुख फिल्मों में- भुवन शोम, एक दिन प्रतिदिन, मृगया और आकाश कुसुम आदि शामिल हैं।
शहीद सुखदेव
15 मई, 2021 को देश भर में प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी शहीद सुखदेव की जयंती मनाई गई। सुखदेव (1907-1931) उन प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ;महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। अपने बचपन के दिनों में ही सुखदेव ने भारत पर ब्रिटिश राज द्वारा किये गए क्रूर अत्याचारों को देखा था, जिसने उन्हें क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। सुखदेव, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे। उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के साथ लाहौर में 'नौजवान भारत सभा' की भी शुरुआत की, जिसका प्राथमिक लक्ष्य युवाओं के बीच सांप्रदायिकता को समाप्त कर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिये प्रेरित करना था। सुखदेव, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के सहयोगी थे, जो कि वर्ष 1928 में पुलिस उपाधीक्षक, जॉन सॉन्डर्स की हत्या में शामिल थे। नई दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल बम विस्फोट (8 अप्रैल, 1929) के बाद, सुखदेव और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा उनके अपराध के लिये उन्हें दोषी ठहराया गया एवं मौत की सज़ा सुनाई गई। 23 मार्च, 1931 को तीन बहादुर क्रांतिकारियों- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांँसी दे दी गई। हालाँकि उनके जीवन ने अनगिनत युवाओं को प्रेरित किया और उनकी मृत्यु ने इन्हें एक मिसाल के रूप में कायम किया।
विश्व कृषि-पर्यटन दिवस
16 मई, 2021 को देश भर में 14वें विश्व कृषि-पर्यटन दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्व कृषि-पर्यटन दिवस का लक्ष्य कृषि और पर्यटन क्षेत्र को एकीकृत कर किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। इस वर्ष विश्व कृषि-पर्यटन दिवस की थीम है- ‘कृषि पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण महिला सतत् उद्यमिता के अवसर’। कृषि पर्यटन का आशय पर्यटन के उस रूप से है, जिसमें ग्रामीण संस्कृति को पर्यटक आकर्षण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह पारिस्थितिकी पर्यटन के समान ही होता है, यद्यपि इसमें प्राकृतिक परिदृश्य के बजाय सांस्कृतिक परिदृश्य को शामिल किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो कृषि पर्यटन में कृषि आय बढ़ाने और एक गतिशील, विविध ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को प्रोत्साहित करने की महत्त्वपूर्ण क्षमता है। कई विकसित देशों में कृषि पर्यटन, पर्यटन उद्योग का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसे कृषि तथा संबद्ध व्यवसाय के मूल्यवर्द्धन के रूप में देखा जा सकता है, जो किसानों और ग्रामीण समुदायों को ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों की बहु-क्रियाशील प्रकृति के इष्टतम लाभों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। महाराष्ट्र, देश में कृषि पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने वाला अग्रणी राज्य है। महाराष्ट्र में वर्ष 2005 में कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कृषि पर्यटन विकास निगम (ATDC) का गठन किया गया था।
‘कोवैक्स’ पहल में शामिल होगा पंजाब
हाल ही में पंजाब सरकार ने कोविड-19 टीकों की कमी को देखते हुए वैश्विक ‘कोवैक्स’ (Covax) सुविधा में शामिल होने की घोषणा की है, हालाँकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पंजाब, ‘कोवैक्स’ के माध्यम से वैक्सीन प्राप्त करने के लिये पात्र है अथवा नहीं। ‘कोवैक्स’ की शुरुआत कोविड-19 महामारी से निपटने और सुभेद्य तथा वंचित वर्ग तक वैक्सीन की पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अप्रैल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूरोपीय आयोग और फ्राँस के सहयोग से की गई थी। ‘कोवैक्स’ का सह-नेतृत्व गावी, WHO और ‘कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेयर्डनेस इनोवेशन्स’ (CEPI) द्वारा किया जा रहा है। ‘कोवैक्स’ पहल के तहत वैक्सीन के विकास के पश्चात् इस पहल में शामिल सभी देशों तक इसकी समान पहुँच सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है, साथ ही इसके तहत वर्ष 2021 के अंत तक 2 बिलियन खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जो अनुमानतः उच्च जोखिम और सुभेद्य लोगों तथा इस महामारी से निपटने के लिये तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा हेतु पर्याप्त होगा। ‘कोवैक्स’ पहल के तहत अब तक 122 देशों को 59 मिलियन वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराई गई है।