Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जून, 2021 | 17 Jun 2021
अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस (IDFR) का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन की घोषणा वर्ष 2015 में की गई थी। ‘अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस’ उन दो सौ मिलियन प्रवासी श्रमिकों को मान्यता प्रदान करता है, जो अपने प्रियजनों को धन हस्तांतरित करते हैं। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस की थीम है- ‘रिकवरी एंड रेसिलिएंस थ्रू डिजिटल एंड फाइनेंशियल इन्क्लूज़न’। प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी (सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है। प्रेषक आमतौर पर एक अप्रवासी होता है और प्राप्तकर्त्ता एक समुदाय/परिवार से संबंधित होता है। दूसरे शब्दों में रेमिटेंस या प्रेषण से आशय प्रवासी कामगारों द्वारा धन अथवा वस्तु के रूप में अपने मूल समुदाय/परिवार को भेजी जाने वाली आय से है। ज्ञात हो कि विश्व में प्रेषित धन या रेमिटेंस का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता भारत है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, ‘प्रेषण’ प्रवासी श्रमिकों को उनके परिवारों से आर्थिक रूप से जोड़ता है। यह दिवस इस तथ्य को रेखांकित करता है कि ‘प्रेषण’ दुनिया भर में परिवारों की कई बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करता है। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण प्रेषण में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।
हेलियोस्फीयर का पहला 3D मानचित्र
संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी’ के खगोलविदों ने हेलियोस्फीयर का पहला 3D मानचित्र विकसित किया है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले नासा के उपग्रह ‘इंटरस्टेलर बाउंड्री एक्सप्लोरर’ के डेटा का उपयोग करके यह 3D मानचित्र तैयार किया है। विदित हो कि फिज़िक्स के मॉडल्स ने कई वर्षों पूर्व ही हेलियोस्फीयर की सीमाओं को सिद्ध कर दिया था, किंतु यह पहली बार है जब वास्तव में इसे मापने और इसके त्रि-आयामी मानचित्र को बनाने का प्रयास किया गया है। वैज्ञानिकों ने हेलियोस्फीयर के किनारे यानी हेलियोपॉज़ तक का नक्शा तैयार किया है। हेलियोस्फीयर, सोलर विंड (सूर्य से निकालने वाली आवेशित कणों की एक सतत् धारा, जो सभी दिशाओं में प्रवाहित होती है) द्वारा हमारे सौरमंडल के चारों ओर निर्मित एक सुरक्षात्मक बबल होता है, जो हमें हानिकारक इंटरस्टेलर विकिरण से बचाता है। वहीं हेलियोपॉज़ ‘सोलर विंड’ और इंटरसेलर विंड के बीच की सीमा होती है, जहाँ दोनों हवाओं का दबाव संतुलन में होता है।
प्रोजेक्ट O2 फॉर इंडिया
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने महामारी संबंधी भविष्य की चुनौतियों से निपटने और मेडिकल उपयोग हेतु ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिये ‘प्रोजेक्ट O2 फॉर इंडिया’' लॉन्च किया है। ‘प्रोजेक्ट O2 फॉर इंडिया’ भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय (भारत सरकार) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य मेडिकल उपयोग हेतु ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये देश की क्षमता बढ़ाने हेतु काम कर रहे हितधारकों की मदद करना है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में मेडिकल उपयोग हेतु ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि देखी गई, ऐसे में वर्तमान मांग को पूरा करते हुए भविष्य में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु मेडिकल ऑक्सीजन अवसंरचना का विकास करना आवश्यक है। परियोजना के तहत 'नेशनल कंसोर्टियम ऑफ ऑक्सीजन' महत्त्वपूर्ण कच्चे माल जैसे- जिओलाइट्स की आपूर्ति, छोटे ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना, कंप्रेशर्स का निर्माण, अंतिम उत्पाद जैसे ऑक्सीजन प्लांट, कंसेंट्रेटर और वेंटिलेटर आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद कर रहा है। इसके अलावा यह कंसोर्टियम दीर्घावधिक तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिये विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने हेतु भी काम कर रहा है।
चंद्रशेखर वैद्य
हाल ही में वयोवृद्ध अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्त्ता चंद्रशेखर वैद्य का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। चंद्रशेखर वैद्य 1950 के दशक के एक लोकप्रिय अभिनेता थे और उन्होंने ‘काली टोपी लाल रुमाल’, ‘बरा-दरी’, ‘स्ट्रीट सिंगर’ और ‘रुस्तम-ए-बगदाद’ जैसी फिल्मों में काम किया था। चंद्रशेखर वैद्य ने वर्ष 1954 में ‘औरत तेरी ये कहानी’ फिल्म से अपने कॅॅरियर की शुरुआत की और अपने संपूर्ण कॅॅरियर में उन्होंने 112 से भी अधिक फिल्मों में काम किया। चंद्रशेखर वैद्य, रामानंद सागर की टीवी सीरीज़ ‘रामायण’ का भी हिस्सा थे। फिल्म इंडस्ट्री का अभिन्न हिस्सा होने के साथ-साथ चंद्रशेखर वैद्य ने वर्ष 1985 से वर्ष 1996 तक सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।