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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 फरवरी, 2022

  • 17 Feb 2022
  • 6 min read

सीड (SEED) योजना 

हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा  DNTs की आर्थिक अधिकारिता हेतु ‘सीड योजना (Scheme for Economic Empowerment of DNTs – SEED) लॉन्च की गई है। इस योजना को अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में गैर-अधिसूचित, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों (De-notified, Nomadic and Semi Nomadic Communities – DNTs) के कल्याण हेतु शुरू किया गया है। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक 5 वर्षों की अवधि हेतु योजना का कुल परिव्यय लगभग 200 करोड़ रुपए है। योजना को एक पोर्टल के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा विकसित किया गया है। इस पोर्टल में दो मॉड्यूल शामिल हैं: पहला मॉड्यूल आवेदक के पंजीकरण के लिये उसके परिवार, आय, आधार और बैंक विवरण, व्यवसाय, जाति प्रमाण पत्र आदि के लिये होगा। दूसरे  मॉड्यूल में योजना घटक शामिल हैं। DNTs सबसे उपेक्षित, हाशिये पर और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से वंचित समुदाय हैं। वे पीढ़ियों से बदहाली का जीवन जी रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से उन्हें कभी कोई निजी भूमि या घर के स्वामित्व का अधिकार प्राप्त नहीं था। इन जनजातियों ने आवासीय स्थलों तथा अपनी आजीविका के लिये जंगलों और चराई की भूमि का उपयोग किया।

बाबुष्का बटालियन

हाल ही में रूस-यूक्रेन तनाव के बीच ‘बाबुष्का बटालियन’ (Babushka Battalion) काफी चर्चा में रही है। वर्ष 2014 में कॉन्स्टेंटिनोव्स्का और ‘बाबुष्का’ (वृद्ध महिलाएँ) की एक सेना संघर्ष शुरू होने के बाद से स्वेच्छा से कार्य कर रही है। इसके द्वारा युद्ध के लिये खाइयाँ खोदी गई हैं, जाल निर्मित किये गए तथा खाद्य आपूर्ति की गई है, साथ ही चिकित्सा देखभाल की पेशकश की है और एक लुकआउट टॉवर बनाया है। इन्हें दक्षिणपंथी आंदोलन आज़ोव (Azov) के तहत संगठित किया गया है। आज़ोव आंदोलन (Azov Movement) एक दक्षिणपंथी सर्व-स्वयंसेवक इन्फेंट्री मिलिट्री यूनिट है जो एक अति-राष्ट्रवादी है, इस पर श्वेत वर्चस्ववादी (White Supremacist) और नव-नाजी विचारधारा (Neo-Nazi Ideology) को आश्रय देने का आरोप है। यह कीव में स्थिति एक राजनीतिक विंग है।आज़ोव को वर्ष 2019 में अभद्र भाषा प्रयोग के कारण फेसबुक से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

हैकथॉन 

फोनपे (PhonePe) के सहयोग से नीति आयोग फिनटेक ओपन हैकथॉन (Fintech Open Hackathon) को लॉन्च करेगा। यह हैकथॉन पूरे भारत के इनोवेटर्स, डिजिटल क्रिएटर्स, डेवलपर्स को सोचने, विचार करने और कोड करने का अवसर प्रदान करेगा। इस हैकथॉन का उद्देश्य फिनटेक इकोसिस्टम हेतु पथ प्रदर्शक की तरह समाधान प्रदान करना है। PhonePe एक भारतीय डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय बंगलूरू में है। यह एप अगस्त 2016 से  सक्रिय रूप से कार्य करना शुरू किया जो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर आधारित है। वर्तमान में यह 11 से अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

गायक बप्पी लाहिड़ी

हाल ही में प्रसिद्ध संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का मुंबई में निधन हो गया है। वह 69 वर्ष के थे। मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश के गणमान्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है। बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri) का वास्तविक नाम अलोकेश लाहिड़ी है। उनका जन्म 27 नवंबर, 1952 को हुआ था। उन्होंने वारदात, डिस्को डांसर, नमक हलाल, शराबी, कमांडो, शोला और शबनम समेत कई फिल्मों में काम किया। बप्पी लाहिड़ी ने भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिस क्रम में उन्होंने कई हिट गाने भी दिये। उनके कुछ बेहद लोकप्रित गानों में ‘चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना’, ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ और ‘नमक हलाल’ फिल्म से ‘पग घुंघरू बांँध मीरा नाची थी’ शामिल हैं। संगीत के अलावा बप्पी लाहिड़ी राजनति के क्षेत्र से भी जुड़े हुए थे। वे 2014 में भाजपा से जुड़े और सेरामपुर से लोकसभा के लिये चुनाव लड़ा, परंतु वे चुनाव हार गए थे। बॉलीवुड संगीत में उनके योगदान के लिये उन्हें मुंबई में संपन्न 63वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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