Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 अप्रैल, 2021 | 17 Apr 2021
इसरो और फ्रांँस के बीच समझौता
भारत और फ्रांँस की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिये सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते के मुताबिक, फ्रांँस की अंतरिक्ष एजेंसी ‘नेशनल सेंटर ऑफ स्पेस रिसर्च’ (CNES) मिशन में शामिल चिकित्सकों और मिशन कंट्रोल टीम को प्रशिक्षित करेगी। साथ ही समझौते के तहत खाद्य पैकेजिंग तथा पोषण कार्यक्रम के बारे में सूचना का आदान-प्रदान और उपभोग्य सामग्रियों तथा चिकित्सा उपकरणों के भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा उपयोग किया जाना शामिल है। इस तरह CNES द्वारा विकसित फ्रांँसीसी उपकरण, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रयोग किया जा रहा है, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिये भी उपलब्ध होंगे। फ्रांँस और भारत के बीच पहला अंतरिक्ष समझौता वर्ष 1964 में हुआ था। दोनों राष्ट्रों के बीच मौजूदा समझौता अंतरिक्ष गतिविधि के लगभग सभी क्षेत्रों को कवर करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। यह भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी है और इसका मुख्यालय बंगलूरु में स्थित है। इसे अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी एवं वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से स्थापित किया गया था। इसे भारत सरकार के ‘अंतरिक्ष विभाग’ द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है। इसरो अपने विभिन्न केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है।
विश्व हीमोफीलिया दिवस
प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को ‘विश्व हीमोफीलिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि यह दिवस हीमोफीलिया तथा रक्तस्राव संबंधी अन्य आनुवंशिक विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1989 में की गई थी। हीमोफीलिया एक ‘दुर्लभ विकार’ है, जिसमें ‘रक्त में सामान्य रूप से थक्का नहीं जमता, क्योंकि इसमें ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ नामक प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया जाता है, जो कि रक्त के थक्कों के लिये उत्तरदायी होता है। यह रक्त के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है। इसके लक्षण त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता को इंगित करते हैं, इनमें गंभीर सिरदर्द, लगातार उल्टी, गर्दन का दर्द, अत्यधिक नींद और चोट से लगातार खून बहना आदि शामिल हैं। हीमोफीलिया एक लाइलाज़ बीमारी है। हीमोफीलिया के मुख्यतः तीन रूप होते हैं- A, B और C, इनमें से हीमोफीलिया A सबसे सामान्य प्रकार का हीमोफीलिया है।
हैती के प्रधानमंत्री का इस्तीफा
हाल ही में कैरिबियाई देश हैती के प्रधानमंत्री जोसेफ जूथ ने राजनीतिक अस्थिरता और अपराधिक मामलों की बढ़ती संख्या के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा स्वीकार करते हुए हैती के राष्ट्रपति ने क्लॉर्ड जोसेफ को हैती का नया प्रधानमंत्री मनोनीत किया है। विदित हो कि जोसेफ जूथ को मार्च 2020 में हैती का प्रधानमंत्री चुना गया था। कैरेबियन सागर में स्थित देश हैती, हिसपनिओला द्वीप के पश्चिमी हिस्से में स्थिति एक छोटा सा देश है। हैती ‘तैनो भाषा’ का एक शब्द है, जिसका अर्थ है ‘पहाड़ी देश’। वर्तमान में हैती के लगभग 9 मिलियन निवासी मुख्य रूप से अफ्रीकी मूल के हैं। 19वीं सदी की शुरूआत में फ्राँँसीसी औपनिवेशिक नियंत्रण और दासता को समाप्त कर, हैती दुनिया का पहला अश्वेत नेतृत्त्व वाला गणराज्य तथा स्वतंत्र कैरिबियन राज्य बना था। ‘पोर्ट-ऑ-प्रिंस’ हैती की राजधानी है। हैती दोनों अमेरिकी महाद्वीपों का एकमात्र देश है जिसे दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में गिना जाता है।
विनिमय समीक्षा प्राधिकरण 2.0
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नियमों को सुव्यवस्थित करने और विनियमित संस्थाओं के अनुपालन बोझ को कम करने के उद्देश्य से विनिमय समीक्षा प्राधिकरण 2.0 (RRA 2.0) का गठन किया है। बीते दो दशक में भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियामक कार्यों और नियामक परिधि के विकास को ध्यान में रखते हुए इस प्राधिकरण के गठन का निर्णय लिया गया है। यह प्राधिकरण रिज़र्व बैंक के नियमों और अनुपालन प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगा तथा उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के संबंध में सुझाव देगा। RRA 2.0 की स्थापना 1 मई, 2021 से एक वर्ष की अवधि के लिये की जाएगी, हालाँकि रिज़र्व बैंक द्वारा इसके कार्यकाल का विस्तार किया जा सकता है। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों से मिले फीडबैक के आधार पर विनियमों, परिपत्रों तथ रिपोर्टिंग प्रणालियों की समीक्षा के लिये 1 अप्रैल, 1999 से एक वर्ष की अवधि के लिये विनियम समीक्षा प्राधिकरण (RRA) का गठन किया था।