विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 सितंबर, 2021
- 16 Sep 2021
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‘संसद टीवी’ का शुभारंभ
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘संसद टीवी’ का शुभारंभ किया है। ज्ञात हो कि संसद टीवी के गठन का निर्णय इस वर्ष फरवरी माह में लिया गया था। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर को संसद टीवी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईआरएस अधिकारी मनोज अरोड़ा को अंतरिम प्रधान संपादक के रूप में नियुक्त किया गया है। संसद टीवी का बजट लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से साझा किया जाएगा। नियमों के मुताबिक, लोकसभा कुल लागत का दो-तिहाई वहन करेगी, जबकि राज्यसभा एक-तिहाई लागत साझा करेगी। ‘संसद टीवी’ के तहत मुख्यतः चार श्रेणियों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा- संसद और लोकतांत्रिक संस्थानों का कामकाज, शासन और नीतियों का कार्यान्वयन, भारत का इतिहास और संस्कृति तथा समकालीन मुद्दे। ‘संसद टीवी’ का गठन ‘राज्यसभा टीवी’ और ‘लोकसभा टीवी’ का विलय करके किया गया है। ‘लोकसभा टीवी’ की शुरुआत 24 जुलाई, 2006 को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के प्रयासों से हुई थी। एक टीवी चैनल के रूप में ‘लोकसभा टीवी’ की शुरुआत से पूर्व कुछ विशिष्ट संसदीय गतिविधियों का ही टीवी पर प्रसारण किया जाता था, जैसे- संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का संबोधन आदि। वहीं ‘राज्यसभा टीवी’ की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। राज्यसभा में कार्यवाही के प्रत्यक्ष प्रसारण के अलावा ‘राज्यसभा टीवी’ संसदीय मामलों का विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है और ज्ञान-आधारित विशिष्ट कार्यक्रमों के लिये एक मंच प्रदान करता है। यही कारण है कि आम लोगों के बीच ‘राज्यसभा टीवी’ अधिक प्रचलित माना जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम जनमानस को विश्व भर में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लोकतंत्र समावेश, समान व्यवहार और भागीदारी पर बनाया गया है और केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राष्ट्रीय शासी निकाय, नागरिक समाज व आम जनमानस की पूर्ण भादीगारी के माध्यम से ही जीवंत लोकतंत्र का निर्माण किया जा सकता है। एक जीवंत लोकतंत्र का निर्माण किया जाना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह मानवाधिकारों की रक्षा हेतु अनिवार्य होता है। यह दिवस वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से विभिन्न देशों की सरकारों को अपने देश में लोकतंत्र को मज़बूत और समेकित करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु स्थापित किया गया था, इसके पश्चात् वर्ष 2008 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का आयोजन किया गया।
छतीसगढ़ में ‘बाजरा मिशन’
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को देश का ‘बाजरा हब’ बनाने हेतु ‘बाजरा मिशन’ लॉन्च किया है। ‘बाजरा मिशन’ का उद्देश्य किसानों को मोटे अनाज की फसलों का सही मूल्य देना, इनपुट सहायता, खरीद व्यवस्था और प्रसंस्करण सुविधा प्रदान करना तथा यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को विशेषज्ञों की सहायता का लाभ मिल सके। इस मिशन को सफल बनाने के उद्देश्य से राज्य के 14 ज़िलों के कलेक्टरों द्वारा ‘भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान’ (हैदराबाद) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये गए हैं। इस समझौता ज्ञापन के तहत ‘भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान’ छत्तीसगढ़ में कोडो, कुटकी और रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी प्रदान करने, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता और बीज बैंक की स्थापना हेतु सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसके अलावा भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान द्वारा बाजरे के उत्पादन से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर विकसित वैज्ञानिक तकनीक को क्षेत्र स्तर तक पहुँचाने के लिये ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोडो, कुटकी एवं रागी जैसे बाजरा की बढ़ती मांग को देखते हुए ‘बाजरा मिशन’ न केवल आदिवासी क्षेत्रों के किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान प्रदान करने में भी सहायक होगा।
उड़ान परियोजना
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (IIT-B) द्वारा ‘उड़ान’ परियोजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्थानों में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के दौरान भाषा की बाधा को समाप्त करना है। यह इंजीनियरिंग की पाठ्यपुस्तकों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने हेतु एक एंड-टू-एंड ट्रांसलेशन इकोसिस्टम के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो शिक्षार्थियों की आगामी पीढ़ी को अपनी मातृभाषा में इंजीनियरिंग का अध्ययन करने में सक्षम बनाएगी। IIT-बॉम्बे के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग (CSE) के मुताबिक, उड़ान परियोजना के तहत तकनीकी पुस्तकों के अनुवाद के लिये मशीन और तकनीक की सहायता ली जाएगी, जिसके लिये संस्थान द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। यह नई अनुवाद परियोजना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।