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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 नवंबर, 2023

  • 15 Nov 2023
  • 4 min read

बिरसा मुंडा की जयंती

भारत के प्रधानमंत्री ने छोटानागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति से संबंधित आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती (15 नवंबर, 1875) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • ब्रिटिश औपनिवेशिक उपस्थिति और आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के मिशनरियों के प्रयासों के जवाब में बिरसा मुंडा ने 'बिरसाइत (Birsait)' विश्वास की शुरुआत की, वे एक आदिवासी नेता के रूप में उभरे और ब्रिटिश रूपांतरण प्रयासों के खिलाफ प्रतिरोध का नेतृत्व किया।
  • उन्होंने मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य मुंडा राज, या स्व-शासन स्थापित करना और उनकी भूमि तथा जंगल पर आदिवासियों के अधिकारों को बहाल करना था।
  • बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को औपनिवेशिक कानूनों का विरोध और लगान देने से इनकार करने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने गुरिल्ला युद्ध, धार्मिक प्रथाओं को चुनौती देने और सामाजिक परिवर्तनों को शामिल करते हुए उलगुलान आंदोलन शुरू किया।
    • उलगुलान आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेज़ों को खदेड़कर मुंडा राज की स्थापना करना था।
  • जनजातीय योगदान को स्वीकार करते हुए जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
  •  अनुयायियों द्वारा उन्हें 'भगवान' और 'धरती आबा' (Dharti Abba) के रूप में जाना जाता है।
  • भारतीय संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 पारित होने के बाद 15 नवंबर, 2000 को (बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर) बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी।

और पढ़ें… बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस 

बेस्तु वर्ष 2023

  • भारत के प्रधानमंत्री ने गुजराती नव वर्ष के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ दी।
  • गुजराती नव वर्ष 2023, जिसे पड़वा अथवा बेस्तु वर्ष के नाम से भी जाना जाता है, यह 14 नवंबर को मनाया जा रहा है।
  • यह पाँच दिवसीय दिवाली समारोह के दौरान मनाया जाता है। यह आदर्श रूप से कार्तिक मास (हिंदू कैलेंडर माह) में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है।

और पढ़ें…भारत के पारंपरिक नववर्ष त्योहार

उबासी का संक्रामक रहस्य

उबासी, जो अक्सर बोरियत या मानसिक विराम से जुड़ी होती है, दिलचस्प संक्रामक गुणों वाली एक घटना बनी हुई है।

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि बंदर, मनुष्यों की तरह, संक्रामक उबासी में संलग्न होते हैं, खासकर समान आयु और सामाजिक समूहों में।
    • यह घटना समकालिक नींद-जागने के पैटर्न और प्राइमेट्स के बीच साझा ध्यान से जुड़ी हुई है।
  • हालाँकि यह अनिवार्य नहीं है, उबासी लेना समूह की गतिशीलता में एक शक्तिशाली ट्रिगर के रूप में कार्य करता है। अध्ययन व्यावहारिक समकालिकता की एक व्यापक अवधारणा का सुझाव देता है, जहाँ देखी गई क्रियाएँ दूसरों को संक्रामक तरीके से प्रभावित करती हैं।
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