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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 अप्रैल, 2022

  • 15 Apr 2022
  • 5 min read

वाटर कॉन्क्लेव 2022

विभिन्न राष्ट्रों के बीच जलमार्ग क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के उद्देश्य से केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के साथ संयुक्त तौर पर असम के डिब्रूगढ़ में ‘वाटर कॉन्क्लेव-2022’ का आयोजन किया जा रहा है। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की आकांक्षाओं के अनुरूप वाटर कॉन्क्लेव का लक्ष्य आर्थिक गतिविधियों को सक्रिय करने और रोज़गार सृजन को बढ़ाने हेतु उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में मल्टीमॉडल परियोजनाओं का तीव्रता से विकास करना है। गौरतलब है कि जलमार्ग क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से भारत के द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में वृद्धि की जा सकती है। फिक्की और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य चैंबर इस दो-दिवसीय कॉन्क्लेव के लिये उद्योग भागीदार हैं।

हिमाचल दिवस

प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस का आयोजन किया जाता है। ध्यातव्य है कि 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में अस्तित्त्व में आया था। भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही 26 जनवरी, 1950 को हिमाचल प्रदेश 'ग' श्रेणी का राज्य बन गया। 1 जुलाई, 1954 को बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में शामिल हुआ। इसके पश्चात् 1 जुलाई, 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। वर्ष 1966 में कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल प्रदेश में मिला दिया गया, किंतु इसका स्वरूप केंद्रशासित प्रदेश का ही रहा। संसद द्वारा दिसंबर 1970 में हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित किया गया जिसके फलस्वरूप 25 जनवरी, 1971 को नया राज्य अस्तित्त्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश, भारतीय गणराज्य का 18वाँ राज्य बना। क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जनजातीय निवासियों को दास कहा जाता था, बाद में आर्य भी यहाँ आकर रहने लगे। राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण में हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से तथा पूर्व में तिब्बत (चीन) की सीमाओं से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनसंख्या तकरीबन 68 लाख है और राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 55,673 वर्ग किलोमीटर है। 

प्रधानमंत्री संग्रहालय 

4 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंबेडकर जयंती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhan Mantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया गया। यह संग्रहालय सिर्फ प्रधानमंत्रियों की उपलब्धियों और उनके योगदान तक ही सीमित नहीं है। यह हर विषम परिस्थिति के बावजूद मज़बूत होते देश के लोकतंत्र, हमारी संस्कृति में हज़ारों साल से फल-फूल रहे लोकतांत्रिक संस्कारों की मज़बूती तथा संविधान के प्रति सशक्त होती आस्था का भी प्रतीक है। संग्रहालय के लिये सभी जानकारी दूरदर्शन, प्रसार भारती, संसद टीवी, फिल्म प्रभाग, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी) तथा रक्षा मंत्रालय, विदेशी समाचार एजेंसियों आदि जैसे संस्थानों की मदद से एकत्र की गई है। इस संग्रहालय की सामग्री को वर्चुअल रियलिटी, होलोग्राम, ऑगमेंटेड रियलिटी, इंटरैक्टिव कियोस्क, मल्टीमीडिया, स्मार्टफोन एप्लीकेशन, कंप्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियाँ, इंटरैक्टिव स्क्रीन आदि का उपयोग करके प्रदर्शित किया जा रहा है।

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