विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 जुलाई, 2021
- 14 Jul 2021
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यशपाल शर्मा
वर्ष 1983 की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा का हाल ही में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। यशपाल शर्मा वर्ष 1983 में भारत की विश्व कप विजेता के नायकों में से एक थे। विश्व कप के दौरान उन्होंने 34.28 की औसत से 240 रन बनाकर भारत की जीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यशपाल ने क्षेत्रीय स्तर पर तब ख्याति हासिल की, जब वर्ष 1972 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर स्कूल के विरुद्ध पंजाब स्कूल के लिये खेलते हुए 260 रन बनाए। इसके पश्चात् उन्हें पंजाब की टीम के लिये चुन लिया गया। वर्ष 1978 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते हुए उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत की थी। वर्ष 1979 से वर्ष 1983 तक के अपने कॅरियर में यशपाल ने भारत के लिये 37 टेस्ट मैच खेले और दो शतक एवं नौ अर्द्धशतक के साथ 1606 रन बनाए। रणजी ट्रॉफी में भी यशपाल शर्मा का कॅरियर काफी बेहतरीन रहा और उन्होंने इस दौरान तीन टीमों (पंजाब, हरियाणा तथा रेलवे) का प्रतिनिधित्त्व किया। वह एक अंपायर भी थे और कई एकदिवसीय मैचों में बतौर अंपायर हिस्सा भी लिया। इसके अलावा यशपाल शर्मा ने उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कोच के रूप में भी काम किया था।
विश्व स्तर पर ‘खादी’ ब्रांड का पंजीकरण
‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (KVIC) ने हाल ही में तीन देशों- भूटान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मेक्सिको में अपने ट्रेडमार्क का पंजीकरण कराया है। यह विश्व स्तर पर ‘खादी’ ब्रांड को पहचान प्रदान करने एवं उसके संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे पूर्व ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ को छह देशों- जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन तथा यूरोपीय संघ में ‘खादी’ शब्द का ट्रेडमार्क पंजीकरण हासिल था और अब ऐसे देशों की संख्या नौ तक पहुँच गई है। इन देशों में ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ ने खादी कपड़े, खादी के रेडीमेड कपड़ों और ग्रामीण उद्योग के उत्पादों जैसे- खादी साबुन, खादी सौंदर्य प्रसाधन, खादी अगरबत्ती से संबंधित विभिन्न वर्गों में पंजीकरण हासिल किया है। यह ट्रेडमार्क पंजीकरण विश्व स्तर पर ‘खादी’ ब्रांड नाम के किसी भी दुरुपयोग को रोकने में सहायक होगा। साथ ही यह कदम इस लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है कि कई देशों में निजी कंपनियों द्वारा ‘खादी’ ब्रांड का अनुचित पंजीकरण हासिल करने के मामले सामने आए थे। गौरतलब है कि ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है, जिसका प्राथमिक कार्य खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना तथा विकास के लिये सुविधाएँ एवं सहायता प्रदान करना है।
बैस्टिल दिवस
प्रतिवर्ष 14 जुलाई को फ्रांँस के राष्ट्रीय दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसे अंग्रेज़ी में प्रायः ‘बैस्टिल दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है। इस दिवस को औपचारिक रूप से फ्रांँस में ‘ला फेट नेशनल’ कहा जाता है। गौरतलब है कि यह दिवस 14 जुलाई, 1789 को फ्रांँस में बैस्टिल (एक प्रकार का सैन्य किला और जेल) के पतन का प्रतीक है, जब एक क्रोधित भीड़ ने बैस्टिल पर धावा बोल दिया था, जो कि फ्रांँसीसी क्रांति की शुरुआत का संकेत था। बैस्टिल को प्रारंभ में लगभग 1300 के दशक के दौरान पेरिस शहर के पूर्वी प्रवेश द्वार की रखवाली करने वाले किले के रूप में बनाया गया था। बाद में इसे 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान जेल एवं महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की नज़रबंदी के लिये एक कैदखाने के रूप में उपयोग किया जाने लगा। इसी के साथ ‘बैस्टिल’ को राजशाही के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा। 14 जुलाई, 1789 को क्रांतिकारियों की क्रोधित भीड़ ने इस पर धावा बोल दिया और धरनास्थल पर हिरासत में लिये गए सात कैदियों को रिहा कर दिया गया। इस घटना को मुख्य तौर पर फ्रांँसीसी क्रांति के आरंभ का संकेत माना जाता है, जिसे विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।
‘मातृ कवचम' अभियान
केरल सरकार राज्य की सभी गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराने के लिये जल्द ही ‘मातृ कवचम' नाम से एक अभियान की शुरुआत करेगी। इस अभियान के तहत राज्य की सभी गर्भवती महिलाओं को आशा कार्यकर्त्ताओं द्वारा वार्ड स्तर पर पंजीकृत किया जाएगा। स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक उपकेंद्र पर क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण एवं टीकाकरण हो। गौरतलब है कि कोविड-19 गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चे के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं का प्राथमिकता के साथ टीकाकरण करना उनके तथा बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हो सकता है।