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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 फरवरी, 2023

  • 14 Feb 2023
  • 6 min read

विश्व रेडियो दिवस

भारत के प्रधानमंत्री ने 'विश्व रेडियो दिवस' पर रेडियो श्रोताओं और प्रसारण माध्यम से जुड़े अन्य लोगों को बधाई दी। यह प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम "रेडियो एंड पीस" है। 3 नवंबर, 2011 को यूनेस्को के 36वें सत्र ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 13 फरवरी, 1946 को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना की गई थी। इस दिन को वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में अपनाया गया था। रेडियो के महत्त्व के बारे में जनता और मीडिया के बीच जागरूकता बढ़ाने तथा रेडियो के माध्यम से सूचना तक पहुँच को प्रोत्साहित करने के लिये प्रत्येक वर्ष यह दिन मनाया जाता है। भारत में लगभग 479 रेडियो स्टेशन हैं जो ऑल इंडिया रेडियो को दुनिया के सबसे बड़े प्रसारकों में से एक बनाते हैं। यह लगभग 99.19% भारतीय आबादी को कवर करता है। 

और पढ़ें… सामुदायिक रेडियो

"खनन प्रहरी" मोबाइल एप 

भारत सरकार ने अनधिकृत कोयला खनन गतिविधियों की सूचना देने के लिये "खनन प्रहरी" नामक एक मोबाइल एप और एक वेब एप कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (Coal Mine Surveillance and Management System- CMSMS) लॉन्च की है। यह मोबाइल एप कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है जो नागरिकों को घटना के स्थान से भू-टैग की गई तस्वीरों तथा टेक्स्ट के रूप में सूचना का उपयोग करके अवैध कोयला खनन की घटनाओं के बारे में रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। इस संबंध में किये गए वैधानिक उपायों में शामिल हैं- कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973; खनिज रियायत नियम, 1960; कोलियरी नियंत्रण नियम, 2004’ खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957। इसके अलावा इन क्षेत्रों तक पहुँच और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिये परित्यक्त खदानों के मुहाने पर कंक्रीट की दीवारें निर्मित की गई हैं। साथ ही मौजूदा सुरक्षा/CISF कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और अवैध खनन के विभिन्न पहलुओं की निगरानी के लिये CIL (Coal India Ltd.) की कुछ सहायक कंपनियों में विभिन्न स्तरों पर समितियों/कार्यबलों का गठन किया गया है।

और पढ़ें…भारत में कोयला क्षेत्र

APEDA ने अपनी यात्रा के 37 साल पूरे किये 

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), जिसे वर्ष 1986 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया था, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है। कृषि जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु APEDA को अधिकार प्राप्त है। इसके अतिरिक्त APEDA को चीनी के आयात की निगरानी करने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' के विचारों के अनुरूप APEDA स्थानीय रूप से प्राप्त जीआई (भौगोलिक संकेत) के साथ-साथ स्वदेशी, जातीय कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विश्व व्यापार संगठन व्यापार डेटा के आधार पर भारत वित्त वर्ष 2021-22 में 24.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ कृषि उत्पादों का विश्व का आठवाँ सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। APEDA की हाल की कुछ पहलों में फार्मर कनेक्ट पोर्टल, वाराणसी कृषि-निर्यात हब (VAEH); बाजरा आदि के प्रचार के लिये बाजरा पोर्टल सम्मिलित है।

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निर्माण से शक्ति पहल

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण के लिये 'निर्माण से शक्ति' नामक एक पहल की शुरुआत की है। 'निर्माण से शक्ति' पहल में चरणबद्ध तरीके से ईएसआई योजना अस्पतालों और औषधालयों का उन्नयन/आधुनिकीकरण, बेहतर आधुनिक सुविधाओं के साथ 100/200/500 बेड वाले अस्पतालों के लिये मानक डिज़ाइन तैयार करना, पर्यवेक्षण, निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये नई भवन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के साथ-साथ भूमि/संपत्ति दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण, परियोजना की निगरानी हेतु ऑनलाइन रीयल-टाइम डैशबोर्ड आदि शामिल हैं। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIC), एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है जो इस योजना के तहत शामिल श्रमिक आबादी और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये तैयार की गई है।

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