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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 फरवरी, 2022

  • 14 Feb 2022
  • 8 min read

स्वामी दयानंद सरस्वती

12 फरवरी, 2022 को आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 198वीं जयंती मनाई गई। दयानंद सरस्वती एक महान विचारक और सुविख्यात समाज सुधारक थे। स्वामी दयानंद सरस्वती न केवल भारत के जाने-माने धार्मिक नेता थे बल्कि उन्होंने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव भी डाला। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की, जिसने भारतीयों की धार्मिक धारणा में प्रमुखता से बदलाव किया। उन्होंने मूर्तिपूजा और कर्मकांड के विरुद्ध आवाज़ उठाई, साथ ही इसका पुरज़ोर विरोध भी किया। दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को टंकारा, गुजरात में हुआ था। स्वामी दयानंद सरस्वती को पुनर्जागरण युग का हिंदू मार्टिन लूथर कहा जाता है। उनके द्वारा रचित ‘सत्यार्थ प्रकाश’ और स्थापित ‘आर्य समाज’ संदेश देते हैं कि वेदों की और लौटो तथा भारत की प्रभुता को समझो। उन्होंने व्यक्तिगत उत्थान के स्थान पर सामूहिक उत्थान को अधिक महत्त्व दिया। 7 अप्रैल, 1875 को दयानंद सरस्वती ने बॉम्बे में आर्य समाज का गठन किया। आर्य समाज का प्राथमिक उद्देश्य ज्ञान के स्रोत के रूप में वेदों की स्थापना करना और हिंदू धर्म को काल्पनिक मान्यताओं से दूर ले जाना है। स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि ज्ञान की कमी ही हिंदू धर्म में फैले अंधविश्वास का मूल कारण है। इसलिये उन्होंने अपने अनुयायियों को शिक्षित करने के लिये कई गुरुकुलों की स्थापना की। उनके विरुद्ध रचे गए एक षड्यंत्र के कारण 30 अक्तूबर, 1883 को दयानंद सरस्वती की मृत्यु हो गई।

विश्व रेडियो दिवस

प्रधानमंत्री ने 13 फरवरी, 2022 को विश्व रेडियो दिवस पर सभी श्रोताओं और इसके विकास में योगदान करने वाली प्रतिभाओं को शुभकामनाएँ दीं। घर हो या यात्रा या कहीं और हो रेडियो लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह लोगों से जुड़ने का शानदार माध्यम है। रेडियो लोगों के साथ सकारात्मकता को साझा करने और लोगों के जीवन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने वालों को सामने लाने का शानदार माध्यम है। प्रधानमंत्री ने रेडियो के कार्यक्रम में योगदान करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। कनाडा के वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेंसडेन ने 24 दिसबंर, 1906 को रेडियो प्रसारण (Radio Broadcast) शुरू किया था।  इसके बाद वर्ष 1918 में ली द फोरेस्ट ने न्यूयॉर्क के हाईब्रिज में दुनिया के पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि उस समय वहाँ की पुलिस ने इसे अवैध बताकर बंद करा दिया था तो वहीं भारत में वर्ष 1936 में पहले सरकारी रेडियो ‘इम्पीरियल रेडियो ऑफ इंडिया’ की शुरुआत हुई थी। देश की आज़ादी के बाद इसे ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी नाम दे दिया गया। वर्तमान में भारत में कुल 214 सामुदायिक रेडियो प्रसारण केंद्र हैं। वर्ष 2022 में विश्व रेडियो दिवस की थीम ‘विकास’ (Evolution) है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण का 36वाँ स्थापना दिवस

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural & Processed Food Products Export Development Authority-APEDA) ने 13 फरवरी, 2022 को अपना 36वाँ स्थापना दिवस मनाया। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की स्थापना भारत सरकार द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के अंतर्गत की गई थी। यह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में है। प्राधिकरण ने संसाधित खाद्य निर्यात प्रोत्साहन परिषद का स्थान लिया। यह निर्यात के लिये अनुसूचित उत्पादों से संबंधित उद्योगों के विकास का कार्य देखता है। एपीडा यह कार्य वित्तीय सहायता या अन्य रूपों में सर्वेक्षण और व्यवहार्यता अध्ययन कर तथा सहायतार्थ योजनाओं के माध्यम से सहभागिता करके निष्पादित करता है। एपीडा ने कृषि निर्यात बढ़ाने में सरकार का सक्रिय रूप से सहयोग किया है जिसके कारण कृषि निर्यात 1986 के 60 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 अरब 67 करोड़ डॉलर तक पहुँच गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, एपीडा ने भारतीय निर्यात को कई देशों तक बढ़ाने में सहयोग दिया है। मौजूदा वित्त वर्ष में एपीडा का लक्ष्य 23 अरब 70 करोड़ डॉलर का निर्यात करना है जिसमें से जनवरी 2022 तक 70 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत को ध्यान में रखते हुए एपीडा स्थानीय कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन दे रहा है। इनमें भू-संकेतक, स्वदेशी तथा जनजातीय कृषि उत्पाद शामिल हैं। 

17वाँ मुंबई अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्म महोत्‍सव

17वाँ मुंबई अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्म महोत्‍सव 29 मई से 4 जून तक मुंबई में फिल्म डिवीज़न परिसर में आयोजित किया जाएगा। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत भारत@75 विषय पर एक विशेष लघु फिल्म श्रेणी बनाई गई है। फिल्मों के लिये ऑनलाइन आवेदन 15 फरवरी से 15 मार्च तक किया जा सकता है। एक सितंबर, 2019 और 31 दिसंबर, 2021 के बीच निर्मित फिल्में इस महोत्‍सव में प्रवेश के लिये पात्र हैं। महोत्सव के सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र को 'गोल्डन शंख' और 10 लाख रुपए नकद पुरस्कार तथा विभिन्न श्रेणियों में विजेता फिल्मों को आकर्षक नकद पुरस्कार, 'सिल्वर शंख', ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये जाएंगे। दक्षिण एशिया में गैर-फीचर फिल्मों के लिये सबसे पुराना व सबसे बड़ा यह महोत्सव फिल्म डिवीज़न, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें महाराष्ट्र सरकार भी सहयोग करती है तथा यह दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करता है।

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